अगर पानी को लेकर की लापरवाही तो पड़ेगा बहुत भारी, कटेगा दो हजार रुपये का चालान
अगर किसी के छत की टंकी और नल भी लीकेज करते हुए मिल गया तो उसका दो हजार रुपये का चालान कर दिया जाएगा।
चंडीगढ़, [राजेश ढल्ल]। नगर निगम ने इस साल दावा किया था कि गर्मी से पहले कजौली वाटर वर्क्स के पांचवें और छठे फेज का काम पूरा हो जाएगा और शहरवासियों को अतिरिक्त पानी की सप्लाई मिलनी शुरू हो जाएगी। इसके अलावा लो प्रेशर की समस्याएं हमेशा के लिए दूर हो जाएगी, लेकिन नगर निगम जिम्मेदारी नहीं निभा पाया। सोमवार से पानी बर्बाद करने के नाम पर निगम लोगों पर कार्रवाई शुरू करने जा रहा है। इसमें अगर किसी के छत की टंकी और नल भी लीकेज करते हुए मिल गया, तो उसका दो हजार रुपये का चालान कर दिया जाएगा। लेकिन नगर निगम की अव्यवस्था के कारण हर दिन लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है, उस ओर ध्यान भी नहीं दिया जा रहा है।
भाखड़ा से चंडीगढ़ तक प्रतिदिन आने वाली सप्लाई में इतना पानी बर्बाद हो रहा है, जितने में 50 हजार से ज्यादा शहरवासियों की प्यास बुझ सकती है। यह पानी पाइपों की लीकेज होने के कारण बर्बाद हो रहा है। पहले चार फेज से हर दिन तीन एमजीडी (एक करोड़ 11 लाख लीटर) पानी पानी बर्बाद हो रहा है। तीसरे और चौथे फेज की पाइपें कंक्रीट की हैं, जोकि जगह-जगह से लीक हैं। हर 5 मीटर बाद जोड़ लीक कर रहा है। इसके अलावा शहर की जो अंदरूनी पाइप लाइन है, उसमे में कई जगह से लीकेज हो रही है। यह पाइप लाइनें 60 साल से ज्यादा पुरानी हो गई हैं। जिस कारण प्रतिदिन लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है दूसरी बार में कनेक्शन ही काट दिया जाएगा ऐसे में शहरवासी यह सवाल उठा रहे हैं कि अगर उन पर पानी की बर्बादी का चालान किया जा रहा है, तो सरकारी कर्मचारियों के भी चालान कटने चाहिए, जोकि लीकेज दूर नहीं कर पा रहे हैं।
नजर रखने के लिए टीमों का गठन
नगर निगम के अनुसार सोमवार को पहली बार पानी बर्बाद करने पर दो हजार, जबकि दूसरी बार में पानी का कनेक्शन काट दिया जाएगा। पूरे शहर में ऐसे लोगों पर नजर रखने के लिए टीमों का गठन कर दिया गया है।
गाड़ियों की धुलाई और बगीचों की सिंचाई पर भी पाबंदी
नगर निगम का यह अभियान 15 अप्रैल से लेकर 30 जून तक चलेगा। इस दौरान नगर निगम ने शहर में गाड़िया धोने के साथ-साथ बगीचों में सिंचाई पर भी पाबंदी लगाने का निर्णय लिया है। मालूम हो कि सबसे ज्यादा बागवानी में साफ पीने के पानी की बर्बादी वीआइपी इलाकों में होती है, क्योंकि वहां पर ही लोगों के बगीचे हैं। शहर में जिन घरों की छतों की टंकियों से पानी बहता है, उनका भी चालान काटने का प्रावधान है।
पहले अपनी लीकेज रोको, फिर करो शहरवासियों के चालान
फासवेक अध्यक्ष बलजिंदर सिंह बिट्टू का कहना है कि हर साल नगर निगम यह अभियान चलाता है, इसके बावजूद शहर में पानी की किल्लत दूर नहीं होती है। जो कदम नगर निगम को अपने स्तर पर उठाने चाहिएं, उसे वह नहीं करता। कई सालों से सरकारी पाइपों की लीकेज होने के कारण करोड़ों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है, उस ओर ध्यान भी नहीं दिया जा रहा है। सिर्फ लोगों को परेशान करने के लिए चालान काटने का प्रावधान शुरू किया जा रहा है।
हर बार दावा, लेकिन परेशानी नहीं हो रही दूर
चंडीगढ़ रेजिडेंट्स एसोसिएशन वेलफेयर फेडरेशन (क्राफ्ड) के वाइस चेयरमैन सुरेंद्र शर्मा का कहना है कि हर गर्मी से पहले नगर निगम की ओर से दावा कर दिया जाता है कि पांचवें और छठे फेज का काम पूरा होने वाला है और शहर को 29 एमजीडी अतिरिक्त पानी मिल जाएगा। जिससे शहर में पानी की किल्लत के साथ-साथ लो प्रेशर की दिक्कत दूर हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। इस गर्मियों में अभी से पानी के लो प्रेशर की दिक्कत शुरू हो गई है, जबकि अभी गर्मियों की शुरुआत ही है।
सरकारी पाइपाें की तरफ ध्यान दे निगम
सेक्टर-40ए की रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष दलविंदर सैनी का कहना है कि पहले नगर निगम को अपनी सरकारी पाइपों से हो रही पानी की लीकेज रोकनी चाहिए। उसके बाद लोगों के पानी बर्बाद करने के चालान काटने चाहिए। जब तक वह अपनी लीकेज नहीं रोकेंगे, तब तक शहर की पानी की किल्लत दूर नहीं होगी।
आज से यह भी न करें
- घर के बरामदे न धोएं।
- छत और अंडरग्राउंड वाटर टैंक ओवरफ्लो न हो।
- वाटर मीटर चेंबर भी लीक नहीं होना चाहिए।
- कूलर भी टपकने और भरते समय ओवरफ्लो नहीं होने चाहिए।
- वाटर सप्लाई लाइन के साथ डायरेक्टर बूस्टर पंप नहीं लगे होने चाहिए।
मेयर बोले, अफसरों को बोल देंगे लीकेज रोको
मेयर राजेश कालिया का कहना है कि कजौली वाटर वर्क्स के पांचवें और छठे फेज का काम पूरा हो चुका है। जल्द ही शहर में इन दो नए फेज से अतिरिक्त पानी की सप्लाई शुरू हो जाएगी। सोमवार से शुरू होने वाले अभियान के दौरान किसी भी शहरवासी का नाजायज चालान नहीं काटा जाएगा। अधिकारियों को भी कहा जाएगा कि वह अपनी सरकारी पाइपों की लीकेज रोकने के लिए कदम उठाएं।