पीयू को सेंट्रल स्टेटस मिलने से पहले ही विवाद
पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को पंजाब यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी स्टेटस दिए जाने पर विचार किए जाने के आदेश से कैंपस में नया विवाद शुरू हो गया है।
डा. सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़
पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को पंजाब यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी स्टेटस दिए जाने पर विचार किए जाने के आदेश से कैंपस में नया विवाद शुरू हो गया है।
मामले को लेकर अभी केंद्र सरकार 30 अगस्त तक अपना पक्ष रखेगी, लेकिन उससे पहले ही कैंपस में सेंट्रल स्टेटस को लेकर शिक्षक, नान टीचिग और छात्र संगठन दोफाड़ हो गए हैं। पीयू के करीब 650 शिक्षकों ने हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है, लेकिन दो हजार से अधिक नान टीचिग स्टाफ और 16 हजार स्टूडेंट्स का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग सभी छात्र संगठन भी पीयू को सेंट्रल यूनिवर्सिटी स्टेटस दिए जाने के खिलाफ हैं। सेंट्रल स्टेटस को लेकर आने वाले दिनों में विवाद काफी बढ़ सकता है। 2008 में सेंट्रल स्टेटस को लेकर शिक्षकों ने 140 दिन तक क्रमिक भूख हड़ताल की थी। पंजाब में बादल सरकार ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी को लेकर हरी झंडी दे दी, लेकिन पोलिटिकल प्रेशर के कारण अगले ही दिन पूरा मामला बदल गया। सेंट्रल स्टेटस से किसे मिलेगा फायदा
पीयू को सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनने का सबसे बड़ा फायदा पीयू प्रोफेसर को होगा। शिक्षकों की रिटायरमेंट उम्र 60 से 65 वर्ष हो जाएगी। सैलरी में भी उन्हें काफी फायदा मिलेगा। पीयू के नान टीचिग स्टाफ का कहना है कि सेंट्रल स्टेटस से मौजूदा पंजाब पे स्कैल से कम वेतन हो जाएगा। सी क्लास कर्मचारियों को नौकरी में पांच वर्ष अतिरिक्त नहीं मिल पाएंगे। कई अन्य लाभ भी उन्हें नहीं मिल पाएंगे। सेंट्रल स्टेटस मिलने से पीयू को पूरा बजट केंद्र सरकार से मिलेगा, लेकिन स्टूडेंट्स का कहना है कि पीयू सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनने के बाद पढ़ाई महंगी हो जाएगी। मामले में छात्र संगठन एक जून को एकजुट होकर बड़ा प्रदर्शन करने की तैयारी में है। दिल्ली दरबार में भी चल रहा मंथन
सूत्रों के अनुसार पीयू का थिक टैंक सेंट्रल स्टेटस को लेकर इन दिनों पूरा होमवर्क कर रहा है। लगातार इस मामले पर गहन मंथन चल रहा है। पीयू कुलपति प्रो. राजकुमार लगातार दिल्ली दरबार में मामले को लेकर सुझाव ले रहे हैं। सीनेट में शामिल केंद्र सरकार के मंत्री भी इस पर नजर रखे हुए हैं। केंद्र सरकार भी पीयू को सेंट्रल स्टेटस देने से पंजाब की राजनीति में बदलाव पर स्थानीय नेताओं से फीडबैक ले रही है। पंजाब में भगवंत मान सरकार की चुप्पी
पीयू को सेंट्रल स्टेटस दिए जाने के मुद्दे पर पंजाब की आप सरकार ने अभी अपना पक्ष साफ नहीं किया है। मामले में अभी तक मुख्यमंत्री भगवंत मान या किसी अन्य नेता ने कोई टिप्पणी नहीं की है। सेंट्रल स्टेटस पर केंद्र सरकार कोई भी फैसला लेने से पहले पंजाब सरकार से सहमति जरूर लेगी। छात्र संगठनों ने पोलिटिकल पार्टियों को विरोध में ज्ञापन देना शुरू कर दिया है। कोट्स
पीयू को सेंट्रल स्टेटस बारे पुटा को अभी कोर्ट की डायरेक्शन पर केंद्र सरकार के जवाब का इंतजार है। केंद्र सरकार ने जो यूटी के कालेजों के लिए सेंट्रल पे स्कैल दिया है उसकी तर्ज पर सभी लाभ यूनिवर्सिटी को भी मिलने चाहिए। पीयू में यूजीसी स्केल को पूरी तरह लागू किया जाए।
डा. मृत्युंजय कुमार ,प्रेसिडेंट पुटा पंजाब यूनिवर्सिटी पीयू का नान टीचिग स्टाफ सेंट्रल स्टेटस के पूरी तरह से खिलाफ है। 600 लोगों को लाभ देने के लिए दो हजार से अधिक कर्मचारियों का नुकसान नहीं किया जा सकता। मैं पहले भी इस मुद्दे को सीनेट में उठा चुका हूं।
-हनी ठाकुर, प्रेसिडेंट पीयू नान टीचिग एसोसिएशन, पंजाब यूनिवर्सिटी पीयू को सेंट्रल स्टेटस देना किसी भी तरह से स्टूडेंट्स के हक में नहीं है। यह एक तरह से यूनिवर्सिटी को प्राइवेटाइजेशन की ओर ले जाने की कोशिश है। स्टेट यूनिवर्सिटी रहते हुए ही पीयू के कल्चर, हेरिटेज को कायम रखा जा सकता है। गरीब स्टूडेंट्स के लिए अब आइआइटी की तरह सेंट्रल यूनिवर्सिटी की फीस दे पाना मुमकिन नहीं होगा। सभी छात्र संगठन एकजुट होकर सेंट्रल यूनिवर्सिटी का विरोध करेंगे।
संदीप, प्रेसिडेंट, स्टूडेंट्स फार सोसाइटी, पंजाब यूनिवर्सिटी