Policy होने के बावजूद Insurance Company ने इलाज के दिए आधे पैसे, अब भरना होगा हर्जाना Chandigarh News
फोरम ने हर्जाने के अलावा शिकायतकर्ता को इस दौरान हुई मानसिक परेशानी के लिए दस हजार रुपये और केस खर्च के रूप में पांच हजार रुपये देने का भी आदेश दिया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। इंश्योरेंस पॉलिसी होने के बावजूद इलाज के आधे ही पैसे देना एसबीआइ जनरल इंश्योरेंस कंपनी को मंहगा पड़ गया। कंज्यूमर फोरम ने अब शिकायतकर्ता की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए उक्त कंपनी पर हर्जाना लगाया है। फोरम ने कंपनी द्वारा शिकायतकर्ता को उसके बिल के बकाया 33,826 रुपये नौ प्रतिशत ब्याज के साथ देने का आदेश दिया है। इसके साथ ही शिकायतकर्ता को इस दौरान हुई मानसिक परेशानी के लिए दस हजार रुपये और केस खर्च के रूप में पांच हजार रुपये देने का भी आदेश दिया है।
चरनजीत सिंह ने दी थी शिकायत
सेक्टर-48 निवासी चरनजीत सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने एसबीआइ जनरल इंश्योरेंस कंपनी से इंश्योरेंस करवाई थी। नौ दिसंबर 2017 को वे बीमार हो गए। जिसके चलते उन्हें सेक्टर-34 के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। 13 दिसंबर 2017 को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। इस दौरान उनके इलाज का खर्चा 79,354 हजार रुपये बना जो उन्होंने अपनी तरफ से चुका दिया था। इसके बाद जब उन्होंने इंश्योरेंस कंपनी को बिल भेजकर पैसे देने के लिए कहा तो कपंनी ने केवल 41,947 हजार रुपये ही दिए और बकाया पैसे देने से इन्कार कर दिया। जिसके बाद शिकायतकर्ता ने परेशान होकर कंज्यूमर फोरम का दरवाजा खटखटाया। अब फोरम ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कंपनी को दोषी पाते हुए यह फैसला सुनाया है।
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