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मोहाली के खरड़ में नक्शे के मुताबिक नहीं हो रहा निर्माण, अधिकारियों ने चेताया, गड़बड़ पाई गई तो लोग जिम्मेदार

खरड़ नगर परिषद के अधिकारियों का कहना है कि परिषद में नक्शे पास करवाने वाले संबंधित व्यक्ति ऑनलाइन पास किए हुए नक्शों में फेरबदल कर रहे हैं। जो नक्शा काउंसिल में जमा करवाया जाता है उसी के तहत मकान अथवा बिल्डिंग का निर्माण करना होता है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Sat, 05 Jun 2021 12:58 PM (IST)Updated: Sat, 05 Jun 2021 01:01 PM (IST)
मोहाली के खरड़ में नक्शे के मुताबिक नहीं हो रहा निर्माण, अधिकारियों ने चेताया, गड़बड़ पाई गई तो लोग जिम्मेदार
मोहाली के खरड़ में नक्शे के मुताबिक नहीं हो रहा घर और बिल्डिंग का निर्माण।

मोहाली/खरड़, जेएनएन। मोहाली के खरड़ सबडिवीजन की नगर परिषद खरड़ में पास किए जा रहे नक्शों से छेड़छाड़ की जा रही है। नगर परिषद के अधिकारियों के ध्यान में मामला सामने आने के बाद जांच शुरू की गई है। अधिकारियों का कहना है कि परिषद में नक्शे पास करवाने वाले संबंधित व्यक्ति ऑनलाइन पास किए हुए नक्शों में फेरबदल कर रहे हैं। जो नक्शा काउंसिल में जमा करवाया जाता है उसी के तहत मकान अथवा बिल्डिंग का निर्माण करना होता है। लेकिन ये देखा जा रहा है कि काउंसिल द्वारा पास किए गए नक्शे के अनुसार निर्माण नहीं हो पा रहे हैं। बिल्डर अपने हिसाब से ही फेरबदल कर रहे हैं। जिससे रेवन्यू का नुकसान तो हो ही रहा है साथ ही इमारतों की सुरक्षा पर भी सवाल है।

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अधिकारियों के मुताबिक कुछ मामलों में बेसमेंट की अप्रूवल नहीं है, लेकिन बेसमेट बना दी गई। ध्यान रहे कि पिछले दो साल में अवैध बेसमेंट के कारण जीरकपुर और खरड़ में एक दर्जन के करीब छोटी बड़ी इमारतें गिर गई थी। जिसके बाद परिषद ने इमारतों के नर्माझा को लेकर सख्त नियम बनाए थे।

नगर परिषद खरड़ के कार्यकारी अधिकारी संगीत कुमार आहलूवालिया ने बताया कि उनके पास कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं। जिसमें लोगों के पास मौजूद अप्रूव किए गए नक्शे और नगर काउंसिल के पास मौजूद उस नक्शे की कॉपी में काफी अंतर पाया गया है। इसके चलते उन्होंने खरड़ निवासियों से अपील की है कि नक्शा पास हो जाने के बाद उपभोक्ता कम से कम एक बार नगर काउंसिल के बिल्डिंग शाखा में आए। अपने नक्शे को नगर काउंसिल द्वारा पास किए गए नक्शे के साथ मिलान जरूर करवाएं, अन्यथा उसके द्वारा किए जा रहे निर्माण अगर नगर काउंसिल के रिकॉर्ड में मौजूद नक्शे के अनुसार नहीं पाया गया तो उस निर्माण को अवैध माना जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी उपभोक्ता के होगी।

आहलूवालिया ने कहा कि ऐसे मामलों में उपभोक्ता को जुर्माना लगाया जाएगा। अगर नियमों के साथ निर्माण नहीं हुआ होगा तो उसे गिराया जाएगा। बिल्डरों के लिए भी यहीं निर्देश है कि अपनी मनमर्जी से नक्शों से छेडख़ानी न करे।


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