संगीत के जरिए लोगों को पर्यावरण से जोड़ रहे हैं सोनू, छोटे हर्बल पौधों को करते हैं दान Chandigarh News
सोनू पर्यावरण बचाने के लिए संगीत के जरिए लोगों को पर्यावरण के प्रति अवगत कराने के बाद वहां पर लोगों को पौधे बांटते हैं और उनकी देखभाल का भी संकल्प दिलाते हैं।
By Edited By: Published: Tue, 13 Aug 2019 09:37 PM (IST)Updated: Fri, 16 Aug 2019 04:08 PM (IST)
चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। संगीत एक ऐसा माध्यम है जो कि इंसान की रुह तक जाकर काम करता है। किसी भी काम के लिए संगीत के जरिए यदि प्रेरित किया जाए तो उससे प्रभावित होकर काम जल्द पूरा होता है। उसके परिणाम भी आने वाले समय में बेहतर देखने को मिलते हैं। इसी सोच के साथ डेराबस्सी के सोनू सेठी ने प्रयास किया है पर्यावरण बचाने का। सोनू ने पर्यावरण बचाने के लिए संगीत का सहारा लिया है। संगीत के जरिए लोगों को पर्यावरण के प्रति अवगत कराने के बाद वहां पर लोगों को पौधे बांटते हैं और उनकी देखभाल का भी संकल्प दिलाते हैं। सोनू मुख्य तौर पर छोटे हर्बल पौधों को दान करते हैं जो कि थोड़ी जमीन पर भी उग सकते हैं। इसके अलावा इनका इस्तेमाल आम लोगों द्वारा किया जा सकता है।
स्पेशल मॉडीफाई कराई है गाड़ी
सोनू पेशे से बिजनेसमैन हैं। समाजसेवा के काम से लंबे समय से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा पंजाबी सिंगर गुरदास मान के प्रशंसक है। जिसके कारण कुछ गाने बजाने का शौक भी सोनू को है। सोनू ने अपने शौक को पूरा करने के लिए सबसे पहले एक गाड़ी को मॉडीफाई करवाया हुआ है। जिस पर एक स्टेज है। उसी पर कुछ पौधे रखे जाते हैं। सोनू उसी स्टेज पर खड़े होकर प्रकृति से जुड़े कई गीतों को सुनाता है। वह प्रकृति को इंसान के जोड़ता है। भविष्य में बिना पेड़ों के हमारा जीवन कैसा होगा इसकी कल्पना कराई जाती है। सोनू के गीतों से प्रेरित होकर लोग पौधे लेते हैं और उन्हें अपने घरों में लगाते हैं।
छोटे और हर्बल पौधों देने का है लक्ष्य
सोनू ने बताया कि आज जमीन की बहुत ज्यादा कमी होती जा रही है। इसके कारण वह लोगों को बड़े पौधे देने के बजाए हमेशा छोटे पौधे देते हैं। जिसमें स्टीविया, इंसुलिन, लेमन ग्रास, तुलसी मुख्य है। इस प्रकार के पौधे इंसान को कई प्रकार के रोगों से भी बचाते है और इन्हें उगाने के लिए ज्यादा जमीन की भी जरूरत नहीं होती है। जिसके कारण इसे कोई भी गोद ले सकता है। सोनू ने बताया कि एक स्टाप पर खड़े होकर कम से कम पांच सौ पौधे दान करना लक्ष्य होता है जो कि आसानी से पूरा हो जाता है।
पर्यावरण से न हो दूर..संगीत के जरिए करता हूं मोटिवेट
सोनू ने बताया कि आज आधुनिकता की दौड़ में हम प्रकृति से दूर होते जा रहे है। जिसके बुरे परिणाम कुछ सालों के बाद हमें देखने को मिलेंगे। हमें इसे बचाने के लिए आज से ही काम करना होगा। इसी सोच के साथ मैंने खुद के शौक को जनून के तौर पर इस्तेमाल किया और लोगों को पौधे डोनेट करता हूं। इसके लिए मैंने पूरी टीम बनाई हुई है जो कि गाड़ी में लगे म्यूजिक सिस्टम को अपडेट करती है और पौधे बांटती है।
स्पेशल मॉडीफाई कराई है गाड़ी
सोनू पेशे से बिजनेसमैन हैं। समाजसेवा के काम से लंबे समय से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा पंजाबी सिंगर गुरदास मान के प्रशंसक है। जिसके कारण कुछ गाने बजाने का शौक भी सोनू को है। सोनू ने अपने शौक को पूरा करने के लिए सबसे पहले एक गाड़ी को मॉडीफाई करवाया हुआ है। जिस पर एक स्टेज है। उसी पर कुछ पौधे रखे जाते हैं। सोनू उसी स्टेज पर खड़े होकर प्रकृति से जुड़े कई गीतों को सुनाता है। वह प्रकृति को इंसान के जोड़ता है। भविष्य में बिना पेड़ों के हमारा जीवन कैसा होगा इसकी कल्पना कराई जाती है। सोनू के गीतों से प्रेरित होकर लोग पौधे लेते हैं और उन्हें अपने घरों में लगाते हैं।
छोटे और हर्बल पौधों देने का है लक्ष्य
सोनू ने बताया कि आज जमीन की बहुत ज्यादा कमी होती जा रही है। इसके कारण वह लोगों को बड़े पौधे देने के बजाए हमेशा छोटे पौधे देते हैं। जिसमें स्टीविया, इंसुलिन, लेमन ग्रास, तुलसी मुख्य है। इस प्रकार के पौधे इंसान को कई प्रकार के रोगों से भी बचाते है और इन्हें उगाने के लिए ज्यादा जमीन की भी जरूरत नहीं होती है। जिसके कारण इसे कोई भी गोद ले सकता है। सोनू ने बताया कि एक स्टाप पर खड़े होकर कम से कम पांच सौ पौधे दान करना लक्ष्य होता है जो कि आसानी से पूरा हो जाता है।
पर्यावरण से न हो दूर..संगीत के जरिए करता हूं मोटिवेट
सोनू ने बताया कि आज आधुनिकता की दौड़ में हम प्रकृति से दूर होते जा रहे है। जिसके बुरे परिणाम कुछ सालों के बाद हमें देखने को मिलेंगे। हमें इसे बचाने के लिए आज से ही काम करना होगा। इसी सोच के साथ मैंने खुद के शौक को जनून के तौर पर इस्तेमाल किया और लोगों को पौधे डोनेट करता हूं। इसके लिए मैंने पूरी टीम बनाई हुई है जो कि गाड़ी में लगे म्यूजिक सिस्टम को अपडेट करती है और पौधे बांटती है।
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