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GST मुआवजा राशि से पंजाब सहित कांग्रेस शासित राज्य बाहर, मनप्रीत बोले- गैर जिम्मेदारी की हद

जीएसटी मुआवजा राशि को लेकर पंजाब व केंद्र में आने वाले दिनों में टकराव बढ़ सकता है। केंद्र ने अभी पंजाब सहित अन्य कांग्रेस शासित राज्यों की जीएसटी मुआवजा राशि जारी नहीं की है जबकि 16 राज्यों को यह राशि जारी कर दी गई है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 03 Nov 2020 01:46 PM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 01:50 PM (IST)
GST मुआवजा राशि से पंजाब सहित कांग्रेस शासित राज्य बाहर, मनप्रीत बोले- गैर जिम्मेदारी की हद
पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल। फाइल फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। अप्रैल महीने से लंबित जीएसटी मुआवजा राशि न मिलने को लेकर पहले राज्यों और केंद्र सरकार में टकराव चल रहा था, अब उसमें एक नया मोड़ आ गया है। केंद्र सरकार ने 5383 करोड़ रुपये की राशि 16 राज्यों को जारी कर दी है जिसमें कांग्रेस शासित एक भी राज्य नहीं है।

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पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने इसकी कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह गैर जिम्मेदारी की हद है। मनप्रीत ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कर्ज लेने का जो प्‍लान तैयार किया था, उस पर जिन राज्‍यों ने हस्‍ताक्षर नहीं किए थे, उन्‍हें कर्ज लेने की अनुमति तक नहीं दी जा रही है।

मनप्रीत ने बताया कि जिन 16 राज्यों को 6000 करोड़ रुपये के लगभग जीएसटी मुआवजा राशि दी है, उसमें पंजाब नहीं है। जिन राज्यों को यह राशि दी गई है उनमें आंध्र प्रदेश को 175 करोड़, असम को 75 करोड़, बिहार को 296 करोड़, गोवा को 63.60 करोड़, गुजरात को 699 करोड़, हरियाणा को 333 हिमाचल प्रदेश को 130 करोड़, कर्नाटक को 940 करोड़, मध्य प्रदेश को 344. 40 करोड़, महाराष्ट्र को 908 करोड़, मेघालय 8 करोड़, उड़ीसा को 289.80 करोड़, तामिलनाडुु को 473 करोड़, त्रिपुरा को 17 करोड़, उत्तर प्रदेश को 455.40 करोड़ और उत्तराखंड को 17.58 करोड़ रुपये जारी किए हैं।

बता दें, जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में पिछले दिनों यह तय हो गया था कि जीएसटी मुआवजा राशि के लिए राज्य सरकारें कर्ज ले लें, लेकिन गैर भाजपा शासित राज्य इसे मानने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद केंद्र सरकार ने सारा कर्ज खुद उठाने की हामी भर दी। अब 1.83 लाख करोड़ रुपये के गैप को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार 1.10 लाख करोड़ रुपये का कर्ज केंद्र सरकार लेेगी और इसका मूल और ब्याज केंद्र ही चुकाएगी। शेष 73 हजार करोड़ रुपये का कर्ज केंद्र सरकार लेगी, लेकिन इसका ब्याज राज्य देंगे। अब 1.10 लाख करोड़ रुपये में से 6 हजार करोड़ रुपये का जो कर्ज केंद्र सरकार ने लिया है इसमें से उन राज्यों को फिलहाल बाहर रखा गया है जिन राज्यों ने केंद्र सरकार की ओर से दिए विकल्पों में किसी एक को नहीं चुना था।


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