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विधायकों की नाराजगी दूर करने में कांग्रेस के आला नेताओं के छूट रहे पसीने

पंजाब में कैप्‍टन अमरिंदर सिंह कैबिनेट के विस्‍तार के बाद नाराज कांग्रेस विधायकों को मनाने में आला नेताआें के पसीने छूट रहे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 23 Apr 2018 02:38 PM (IST)Updated: Mon, 23 Apr 2018 09:02 PM (IST)
विधायकों की नाराजगी दूर करने में कांग्रेस के आला नेताओं के छूट रहे पसीने
विधायकों की नाराजगी दूर करने में कांग्रेस के आला नेताओं के छूट रहे पसीने

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। कैबिनेट विस्तार के बाद विधायकों में पैदा हुई नाराजगी दूर करने के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने इसकी कमान अपने हाथ में ले ली है। पंजाब भवन में रविवार को लगभग पांच घंटे तक उन्होंने अलग-अलग बैठकों में हालात की समीक्षा की और समस्या का हल निकालने में जुटे रहे।

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कैबिनेट विस्तार में जगह न मिलने से नाराज विधायकों को मनाने की कवायद

ओसीबी कैटेगरी के नेता कैबिनेट में प्रतिनिधित्व न मिलने से नाराज हैं ही, वाल्मीकि व मजहबी सिख बिरादरी के नेता भी खुलकर अपनी नाराजगी दिखा रहे हैं। रविवार के बाद साेमवार को भी पंजाब भवन में खासी गहमागहमी रही। पार्टी के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़, प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी व सह प्रभारी हरीश चौधरी समस्या का हल ढूंढने में लगे हुए हैं।

कैबिनेट में स्थान न मिलने पर अपनी नाराजगी दर्ज करवाने के लिए राजकुमार वेरका, पवन आदिया और कुलदीप वैद्य पंजाब भवन में सुनील जाखड़ व आशा कुमारी से मिले। विधान सभा के डिप्टी स्पीकर अजायब सिंह भट्टी भी मिले। वेरका ने वाल्मीकि बिरादरी को कैबिनेट में स्थान न देने की बात वरिष्ठ नेताओं के समक्ष रखी।

राजकुमार वेरका ने कहा कि उन्होंने अपनी बात पार्टी प्लेटफार्म पर रख दी है। पार्टी ने माना है कि एक बड़ी चूक हुई है। सुधार जल्द ही कर लिया जाएगा। पार्टी नेताओं ने भरोसा दिलवाया है कि जल्द ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलकर इस समस्या का हल निकाल लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कैबिनेट में जगह न मिलने से नाराज होकर तीन विधायकों ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है तथा कई और विधायक अंदरखाते नाराज हैं।

इसलिए नाराज हैं वाल्मीकि बिरादरी के विधायक

विधानसभा में 10 दलित और 10  वाल्मीकि बिरादरी के विधायक हैं। दलित बिरादरी से अरुणा चौधरी व चरणजीत सिंह चन्नी को मंत्री बनाया गया है, जबकि साधू सिंह धर्मसोत बाजीगर बिरादरी से आते हैं। वाल्मीकि बिरादरी के विधायकों की मांग है कि चूंकि दोनों ही बिरादरी को बराबर का रिजर्वेशन है, अत: कैबिनेट में स्थान मिलना चाहिए। इस बिरादरी से अजायब सिंह भïट्टी विधानसभा में डिप्टी स्पीकर हैं। प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व में अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार में भी मंत्री गुलजार सिंह रणीके और स्पीकर डा. चरणजीत सिंह अटवाल मजहबी सिख बिरादरी से थे।

डिप्टी स्पीकर भट्टी दिल्ली हुए रवाना

वाल्मीकि व मजहबी सिख को कैबिनेट में स्थान न मिलने से नाराज डिप्टी स्पीकर अजायब सिंह भïट्टी दिल्ली रवाना हो गए हैं। माना जा रहा है कि वह वहां पर पार्टी हाईकमान से मिलकर कैबिनेट में अपनी बिरादरी का मंत्री बनाने की मांग रखेंगे।

मंत्री भी पहुंचे मिलने

पंजाब भवन में सुनील जाखड़ और आशा कुमारी से मिलने के लिए रविवार को कई मंत्री भी पहुंचे। स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, ओपी सोनी व सुखबिंदर सिंह सरकारिया दोनों से मिले। मंत्रियों का कहना था कि वे औपचारिक रूप से ही मिलने आए थे।

सभी मंत्री नहीं बन सकते : जाखड़

सुनील जाखड़ का कहना है कि कैबिनेट में स्थान नहीं बना पाए विधायकों में थोड़ी नाराजगी है जिसे जल्द ही दूर कर लिया जाएगा। उन्होंने इस बात से इन्कार किया कि यह मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ कोई पोलराइजेशन है। कई विधायक मंत्री बनना चाहते थे, लेकिन सभी को तो मंत्री नहीं बनाया जा सकता है। 


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