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मेयर चुनावः Congress ने किया उम्मीदवारों का ऐलान, इन नामों पर लगाई अंतिम मुहर Chandigarh News

भाजपा ने मौजूदा मेयर कार्यालय में सभी पार्षदों की मीटिंग बुलाई है जहां पर भाजपा अपने मेयर सहित तीनों पदों के उम्मीदवारों की घोषणा करेगी।

By Vikas KumarEdited By: Published: Mon, 06 Jan 2020 01:27 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jan 2020 08:21 AM (IST)
मेयर चुनावः Congress ने किया उम्मीदवारों का ऐलान, इन नामों पर लगाई अंतिम मुहर Chandigarh News
मेयर चुनावः Congress ने किया उम्मीदवारों का ऐलान, इन नामों पर लगाई अंतिम मुहर Chandigarh News

चंडीगढ़ [राजेश ढल्ल]।  मेयर चुनाव के लिए भाजपा से पहले कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने मेयर सहित सभी 3 पदों पर महिलाओं को मैदान में उतारा है। उम्मीदवारों का ऐलान कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने किया। उन्होंने कहा कि मेयर पद के लिए गुरबख्श रावत का नाम फाइनल किया गया है। जबकि सीनियर डिप्टी मेयर पद पर शीला फूल सिंह और डिप्टी मेयर पद पर रविंदर कौर गुजराल को उम्मीदवार बनाया गया है।

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सीनियर नेताओं की मौजूदगी में नामांकन

कांग्रेस अध्यक्ष ने उम्मीदवारों का नाम तय करने के लिए सोमवार 12 बजे सेक्टर-35 स्थित पार्टी कार्यालय में बैठक बुलाई। जिसमें पार्टी ने यह तय करना था कि गुरबख्श रावत को उम्मीदवार बनाया जाए या रविंदर कौर गुजराल को। बैठक में विचार विमर्श के बाद गुरबख्श रावत को उम्मीदवार बनाया गया है। दोपहर बाद कांग्रेस के सभी उम्मीदवार नामांकन दाखिल करेंगे। इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल और कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा सहित सीनियर नेता मौजूद रहेंगे। 

भाजपा की गुटबाजी से कांग्रेस को फायदे की उम्मीद

पिछले दो साल से मेयर चुनाव में दो बार भाजपा में बगावत हो चुकी है। पिछले साल जब पार्टी ने राजेश कालिया को उम्मीदवार बनाया तो सतीश कैंथ ने बगावत करके निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़ा था। जिसमें कैंथ को कांग्रेस का समर्थन मिला और भाजपा के पांच वोट क्रॉस हुए। जबकि साल 2018 में जब पार्टी ने देवेश मोदगिल को मेयर का उम्मीदवार बनाया तो टंडन गुट से पूर्व मेयर आशा जसवाल से बागी उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भर दिया था। हालांकि बाद में पार्टी आशा जसवाल का नामांकन वापस करवाने में कामयाब भी रही। पांच पार्षदों के साथ मैदान में उतरी कांग्रेस को चुनाव जीतने के लिए 14 वोट की जरूरत है। वहीं भाजपा के 20 पार्षद हैं। ऐसे में कांग्रेस को चुनाव जीतने के लिए भाजपा पार्षदों में चल रही गुटबाजी से फायदा मिलने की उम्मीद है।

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