Move to Jagran APP

पंजाब में कर्मचारियों की मांगों पर विचार के लिए गठित होंगी कमेटियां, दो सप्ताह में समाधान निकालने का प्रयास

पंजाब सरकार कर्मचारियों की विभिन्न मांगों पर विचार के लिए कमेटियां गठित करेगी। यह कमेटियां मांगों पर विस्तारपूर्वक विचार करके दो हफ्तों के भीतर इसका समाधान निकालने की कोशिश करेगी। इन दिनों कर्मचारी मांगा को लेकर सरकार पर दबाव बना रहे हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 04:52 PM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 04:52 PM (IST)
कर्मचारियों की मांगों के लिए गठित होंगी कमेटियां।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने विभिन्न कर्मचारी संगठनों की मांगों को हल करने के लिए विभागीय कमेटियों का गठन करने का फैसला किया है। राज्यभर में खासतौर पर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के गृह क्षेत्र में किए जा रहे प्रदर्शनों ने प्रदेश सरकार को परेशानी में डाल रखा है। आम राज प्रबंध विभाग ने सभी विभागों के प्रमुखों को भेजे गए पत्र में कहा है कि विभिन्न संगठनों द्वारा उठाई जा रही मांगों का हल निकालने के लिए विभाग के मंत्री और प्रबंधकीय सचिव के सामने पेश करने के लिए कमेटी बनाई जाए। यह कमेटी मांगों पर विस्तारपूर्वक विचार करके दो हफ्तों के भीतर इसका समाधान निकालने की कोशिश करेगी।

loksabha election banner

पत्र में यह भी कहा गया है कि यदि मांगों का हल करने के लिए मुख्यमंत्री स्तर पर फैसला होना है तो मुख्यमंत्री, विभाग का मंत्री, विभाग के प्रबंधकीय सचिव, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव और वित्त विभाग के प्रमुख सचिव पर आधारित कमेटी गठित की जाए। कमेटी के सामने पेश किए जाने वाली मांगों को मुख्यमंत्री के पास उनके प्रमुख सचिव द्वारा पेश करने की हिदायतें दी गई हैं।

पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि मांगें विचारणीय नहीं है तो मुख्यमंत्री के ध्यान में लाकर इसे खारिज करवा दिया जाए। याद रहे कि तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में राज्य सरकार ने 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले कर्मचारियों की लंबित मांगों पर विचार करने के लिए स्थानीय निकाय विभाग मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा की अगुवाई में एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था, जिसमें वित्त मंत्री मनप्रीत बादल, तत्कालीन तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत चन्नी (अब सीएम) को बतौर सदस्य शामिल किया था। 

कमेटी ने विभिन्न कर्मचारी यूनियनों के नेताओं से मीटिंग की। यह कमेटी हालांकि कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने के लिए गठित की गई थी, लेकिन बाकी संगठनों के मसले और मांगे भी चर्चा करने का अधिकार इस कमेटी को देते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और सुखजिंदर रंधावा को भी कमेटी में बतौर मेंबर शामिल कर दिया।

पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत का झंडा उठाने के बाद सरकार ने कैबिनेट मंत्री ब्रह्म महिंद्रा की अगुवाई में एक कमेटी गठित कर दी इस कमेटी में मनप्रीत बादल, ओपी सोनी ,साधु सिंह धर्मसोत और बलबीर सिद्दू को शामिल किया गया। इस कमेटी ने भी कर्मचारी नेताओं के साथ बैठकें कीं, लेकिन मसले हल नहीं हुए। अब विधानसभा चुनाव के नजदीक आने पर कर्मचारी संगठनों ने अपने रोष प्रदर्शन फिर से तेज कर दिए हैं, जिस कारण सरकार की परेशानी बढ़ी हुई है।

उधर, कर्मचारी नेता आशीष जुलाहा ने सरकार के इस फैसले को कर्मचारियों को गुमराह करने का एक और प्रयास बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पहले ही गठित की कमेटियों के पास कर्मचारियों की सभी जायज मांगों का डाटा है, इसलिए यदि सरकार सचमुच गंभीर है तो कमेटियों की बजाय मांगों की ओर ध्यान दे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.