शिक्षा बोर्ड की किताब से सिख इतिहास चैप्टर हटाने की जांच करेगी कमेटी
पंजाब शिक्षा बोर्ड की पाठ्यपुस्तक से सिख इतिहास चैप्टर हटाने के मामले की जांच छह सदस्यीय कमेटी करेगी। इसके अध्यक्ष इतिहासकार प्रो. कृपाल सिंह बनाए गए हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब शिक्षा बोर्ड की 12वीं कक्षा की इतिहास की किताब से सिख गुरुओं के चैप्टर हटाने को लेकर छिड़े विवाद की जांच के लिए मुख्यमंत्री ने छह सदस्यों वाली स्थायी कमेटी गठित की है। इतिहासकार प्रो. कृपाल सिंह इसके अध्यक्ष होंगे। इसमें दो सदस्य एसजीपीसी से भी शामिल किए जाएंगे।
प्रो. कृपाल सिंह की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी गठित, दो सदस्य एसजीपीसी से
इस विवाद के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल को आड़े हाथ लिया और इस विवाद को विशुद्ध राजनीतिक मुद्दा बताया। मुख्यमंत्री ने शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल के ज्ञान पर सवाल उठते हुए कहा कि सुखबीर 12वीं कक्षा में पढ़ाए जाने वाले सिलेबस को 11वीं में पढ़ाने की बात कर रहे हैं। क्या वह यह चाहते हैं कि गुरुओं की शिक्षा से पहले बंदा बहादुर व महाराजा रणजीत सिंह के बारे में पढ़ाया जाए। 11वीं में गुरुओं के पाठ व 12वीं में उसके बाद के काल को लिया गया है। उन्होंने कहा कि सुखबीर किताब नहीं बल्कि गाइड की बात कर रहे हैं। किताब में गुरुओं से संबंधित किसी जानकारी में कटौती नहीं की गई है, बल्कि 'चार साहिबजादों' का पाठ जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिलेबस में बदलाव का काम 2014 में शुरू हुआ था। कमेटी ही इस बात को देखेगी कि क्या तथ्य कटे व क्या जुड़े हैं। वहीं, भविष्य में भी किसी प्रकार के सिलेबस के बारे में कमेटी ही फैसला करेगी। कैप्टन ने कहा कि कमेटी में दो एसजीपीसी के सदस्यों को रखा जाएगा, ताकि फिर ऐसे विवाद को जन्म न दिया जा सके।
कमेटी में कौन-कौन
इतिहासकार प्रो. कृपाल सिंह चेयरमैन होंगे। जीएनडीयू के पूर्व वीसी प्रो. जेएस ग्रेवा, जीएसडीयू के प्रो. वीसी प्रो. पृथपाल सिंह कपूर और पंजाब यूनिवर्सिटी के इंदू बंगा के अलावा एसजीपीसी के दो सदस्य शामिल होंगे।
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एसजीपीसी ने सरकार के खिलाफ पारित किया प्रस्ताव, 10 दिन का अल्टीमेटम
उधर अमृतसर में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, धर्म प्रचार कमेटी, सिख इतिहास रिसर्च बोर्ड व एसजीपीसी सदस्यों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर पंजाब सरकार को चेतावनी दी है कि अगर 10 दिन में 12वीं की इतिहास की किताब वापस न ली गई, तो 19 मई को आंदोलन की तैयारी की जाएगी। एसजीपीसी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने कहा कि 19 मई को सभी सिख संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हाल में बुलाई गई है।