किसी भी स्थिति में रक्तदान के लिए हमेशा तैयार रहते हैं कौशल
राजेंद्र कौशल साल 1990 से लगातार हर तीन माह बाद रक्तदान कर रहे हैं।
जासं, चंडीगढ़ : राजेंद्र कौशल साल 1990 से लगातार हर तीन माह बाद रक्तदान कर रहे हैं। पहली बार उन्होंने रक्तदान एक ऐसे व्यक्ति के लिए किया जिसे वह जानते नहीं थे। वह अपने दोस्त के साथ उसके रिश्तेदार का हालचाल पूछने के लिए पीजीआइ गए, वहां पर उन्हें एक एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति था, जिसे रक्त की जरूरत थी। इसके बाद वह लगातार रक्तदान के काम में जुट गए। राजेंद्र कौशल अन्य लोगों को भी रक्तदान के प्रति जागरूक करते हैं।
वह रक्तदान शिविरों में जाकर रक्तदाताओं की सेवा करते हैं। राजेंद्र कौशल 110 बार रक्तदान कर चुके हैं। इतना ही नहीं वह इसके अलावा 15 बार प्लेटलेट्स भी दान कर चुके हैं। जब भी किसी का आपाताकालीन स्थिति में फोन आता है तो चाहे दिन हो या रात वह रक्त और प्लेटलेट्स देने के लिए घर से निकल जाते हैं। राजेंद्र कौशल जीरकपुर के हरमिलाप नगर निगम के निवासी है, इनकी चंडीगढ़ में प्रिटिग प्रेस है।
पिछली दिवाली पर भी उन्हें सेक्टर-32 अस्पताल से एक महिला की डिलवरी के लिए फोन आ गया था। वह वहां पर प्लेटलेट्स दान करने पहुंचे तो देखा कि एक व्यक्ति अपनी रिश्तेदार को इलाज के लिए वहां पर आया हुआ था उसे भी प्लेटलेट्स चाहिए थे। उस व्यक्ति के पैर पर चप्पल भी नहीं थी। उसकी स्थिति देखकर राजेंद्र कौशल ने डॉक्टरों से कहा कि डबल प्लेटलेट्स निकाल लो, ताकि महिला के साथ-साथ उस व्यक्ति के रिश्तेदार का भी इलाज हो सके। एक बारी में 30 हजार प्लेटलेट्स निकाले जाते हैं। राजेंद्र कौशल को अगर रक्तदान के समय कोई गरीब मरीज मिलता है तो उसकी अन्य तरीके से भी इलाज के लिए मदद कर देते हैं। राजेंद्र कौशल श्री शिव कांवड़ महासंघ से भी जुड़े हुए हैं।