शहर के शूटर अंगदवीर को एनआरएआइ ने विदेश में ट्रेनिग से किया मना
टोक्यो ओलंपिक में कोटा हासिल करने वाले शहर के शूटर अंगदवीर को नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआइ) ने विदेश में ट्रेनिग करने से रोक दिया है।
विकास शर्मा, चंडीगढ़
टोक्यो ओलंपिक में कोटा हासिल करने वाले शहर के शूटर अंगदवीर को नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआइ) ने विदेश में ट्रेनिग करने से रोक दिया है। गौरतलब है कि अंगदवीर ने ओलंपिक तैयारियों के लिए एनआरएआइ और टॉप्स के सामने विदेश में जाकर ट्रेनिग लेने का प्रस्ताव रखा था, जिसे फेडरेशन ने खारिज कर दिया। हालांकि टॉप्स ने अंगदवीर को हरी झंडी दे दी थी, लेकिन एसोसिएशन ने मना कर दिया। इसके साथ एसोसिएशन ने टॉप्स को भी पत्र लिखा है कि भविष्य में किसी भी खिलाड़ी को विदेश में ट्रेनिग की अनुमति न दी जाए। एनआरएआइ के अध्यक्ष रणइंदर सिंह ने कहना है कि रियो ओलंपिक के दौरान भी कुछ खिलाड़ियों को ऐसी अनुमति दी थी, लेकिन इन खिलाड़ियों ने ट्रेनिग करने की बजाय जमकर निजी कार्यक्रमों में शिरकत की, जिसका असर उनके खेल प्रदर्शन पर भी पड़ा। ओलंपिक की स्कीट स्पर्धा में पहली बार अंगदवीर और मैराज अहमद ने किया है कोटा हासिल
चंडीगढ़ से शूटिग के गुर सीखने वाले 23 साल के अंगद ने पिछले साल दोहा में आयोजित 14वीं एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था। भारत को इस तरह पहली स्कीट स्पर्धा में एशियाई चैंपियन मिला था। इसके अलावा यह पहली बार होगा कि स्कीट स्पर्धा में भारत के दो निशानेबाज टोक्यो ओलंपिक 2020 में हिस्सा लेंगे। अंगदवीर के साथ भारतीय शूटर मैराज अहमद खान ने भी ओलंपिक कोटा हासिल किया है। 60 में से 60 टारगेट हासिल करने का है अंगद के नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड
कुवैत में आयोजित एशियन शॉटगन चैंपियनशिप में अंगद ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर दुनियाभर का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था। इस प्रतियोगिता में अंगद ने 60 में से 60 टारगेट हासिल कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। अंगद के पिता गुरपाल सिंह बाजवा का कनाडा में होटल का बिजनेस है। अंगद ने सबसे पहले कनाडा मे ही शूटिग के गुर सीखे। साल 2015 में वह शूटिग में करियर बनाने के लिए देश लौट आए थे। अंगदवीर के साथ शहर की अंजुम और यशस्विनी ने भी हासिल किया है ओलंपिक कोटा
शहर की अंजुम और यशस्विनी सिंह देसवाल पहले ही ओलंपिक का कोटा हासिल कर चुकी हैं। अंजुम मोदगिल ने साउथ कोरिया के चांगवोन शहर में आयोजित आइएसएसएफ शूटिग वर्ल्ड कप में 10 मीटर एयर राइफल प्रतिस्पर्धा में सिल्वर मेडल हासिल करते हुए देश के लिए पहला ओलंपिक कोटा हासिल किया था। वहीं, डीएवी कॉलेज में अर्थशास्त्र की पढ़ाई कर रही यशस्विनी सिंह देसवाल ने दुनिया की नंबर एक निशानेबाज ओलेना कोस्तेविच को पछाड़कर 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर ओलंपिक कोटा हासिल किया था। शहर के शूटर अभिनव बिद्रा ने जीता था देश के लिए पहला ओलंपिक गोल्ड मेडल
बिजिग ओलंपिक-2008 की 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने वाले शूटर अभिनव बिद्रा भी चंडीगढ़ से हैं। बिद्रा पटियाला की राव शूटिग रेंज में कोच कर्नल जेएस ढिल्लों से कोचिग लेते थे और उन्होंने शहर से कोचिग के गुर सीख ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। उनके नक्शे कदम पर चलते हुए आज शहर के कई शूटर हैं जो विश्व स्तर पर अपनी धाक जमाए हुए हैं।