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कैबिनेट बैठक के बाद कोविड मीटिंग में भी न‍हीं आए पंजाब CM के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार

पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रिंसिपल चीफ सेक्रेटरी पर सुरेश कुमार पर सस्पेंस बरकरार है। वह कैबिनेट बैठक के बाद अब कोविड रिव्यू बैठक में भी शामिल नहीं हुए।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 11:40 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 02:37 PM (IST)
कैबिनेट बैठक के बाद कोविड मीटिंग में भी न‍हीं आए पंजाब CM के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार

जेएनएन, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ बैठक के बावजूद उनके चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार काम पर नहीं लौटे। इस तरह उनके इस्तीफे को लेकर अब भी संशय बरकरार है। न तो अभी सरकार ने उनके इस्तीफे की पुष्टि की है और न ही सुरेश कुमार इस पर कोई बात करने को राजी हैं।

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मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वीरवार को बैठक कर कोविड-19 की स्थिति का राज्य के सीनियर अफसरों से जायजा लिया। इस बैठक में भी सुरेश कुमार शामिल नहीं हुए। सीएमओ की ओर से प्रिंसिपल सेक्रेटरी तेजवीर सिंह और डीजीपी दिनकर गुप्ता सीएम के साथ बैठे थे।

बताया जा रहा है कि बुधवार देर शाम मुख्यमंत्री के साथ चली डेढ़ घंटे की मीटिंग में भी उन्होंने इस संबंध में साफ कर दिया था कि एडवोकेट जनरल ऑफिस गंभीर नहीं है। हालांकि यह भी कहा जा रहा था कि सुरेश कुमार, विनी महाजन के चीफ सेक्रेटरी लगने से भी नाराज हैं, लेकिन उनके निकटवर्ती सूत्रों का कहना है कि मुख्य सचिव विनी महाजन के साथ उनका कोई विवाद नहीं है। मुख्य सचिव की ओर से फाइलें सीधी सुरेश कुमार को भेजी जा रही थीं, लेकिन 15 जुलाई से सुरेश कुमार ने फाइलें लेने से मना कर दिया था।

बताया जाता है कि 15 जुलाई को भी जब उनके केस की तारीख आगे पड़ गई और कोई बहस के लिए पेश नहीं हुआ तो उनके पद छोड़़ देने की चर्चा होने लगी। हालांकि एडवोकेट जनरल आफिस के सूत्रों का कहना है कि कोरोना के कारण आजकल सिर्फ बहुत महत्वपूर्ण केस ही लिए जा रहे हैं, शेष की तारीख ही दी जा रही है। सुरेश कुमार के केस की अंतिम सुनवाई 24 फरवरी को हुई थी। उसके बाद 18 मई और 15 जुलाई की तारीख पड़ी।

असल में दो साल पहले जब इस केस की एलपीए फाइल की गई थी तब सरकार ने पी चिदंबरम की सेवाएं ली थीं। 2019 में भी कई बार तारीखें पड़ीं, लेकिन यह याचिकाकर्ता रमनदीप सिंह की ओर से ली गईं। पी चिदंबरम के मई 2019 में गिरफ्तार होने के बाद सरकार ने अगली तारीख देने को कहा। यह केस 21 फरवरी, 2020 के लिए स्थगित हो गया था। चूंकि उस दिन शिवरात्रि की छुट्टी थी, इसलिए 24 फरवरी 2020 को केस लगा, जिसमें सरकार की ओर से इसमें दिल्ली से किसी वकील को हायर किया जाना था, जो पेश नहीं हुआ। इसी बीच दो बार तारीख पड़ी लेकिन यह आगे बढ़ा दी गईं। अब इस केस में अगली तारीख 14 सितंबर, 2020 मुकर्रर हुई है।


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