Move to Jagran APP

प्रशासक ने दिए आदेश, चीफ इंजीनियर चंडीगढ़ के सभी विभागों के प्रोजेक्ट की पेश करेंगे स्टेट्स रिपोर्ट

चंडीगढ़ प्रशासन के सभी विभागों को सभी प्रोजेक्ट्स की स्टेट्स रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश जारी किए गए हैं। यूटी प्रशासक वीपी सिंह बदनौर की ओर से चीफ इंजीनियर से चालू सभी प्रोजेक्ट्स को लेकर प्रेजेंटेशन देने के निर्देश दिए हैं।

By Rohit KumarEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 03:49 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 03:49 PM (IST)
प्रशासक ने दिए आदेश, चीफ इंजीनियर चंडीगढ़ के सभी विभागों के प्रोजेक्ट की पेश करेंगे स्टेट्स रिपोर्ट
चंडीगढ़ प्रशासन के सभी विभागों को सभी प्रोजेक्ट्स की स्टेट्स रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

चंडीगढ़, डा. सुमित सिंह श्योराण। चंडीगढ़ प्रशासन के सभी विभागों को सभी प्रोजेक्ट्स की स्टेट्स रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश जारी किए गए हैं। यूटी प्रशासक वीपी सिंह बदनौर की ओर से चीफ इंजीनियर से चालू सभी प्रोजेक्ट्स को लेकर प्रेजेंटेशन देने के निर्देश दिए हैं। प्रशासक की इच्छा को देखते हुए चीफ इंजीनियर द्वारा सभी विभागों को बीते सालों में लंबित सभी प्रोजेक्ट्स की स्टेट्स रिपोर्ट देने को कहा है। चीफ इंजीनियर द्वारा आगामी एडवाइजरी मीटिंग में सभी प्रोजेक्ट की स्टेट्स रिपोर्ट देने को कहा है।

loksabha election banner

सूत्रों के अनुसार फरवरी के पहले सप्ताह में यह मीटिंग होना प्रस्तावित है। हाल ही में यूटी प्रशासन द्वारा सभी विभागों से 2020-21 की फाइनेंशियल रिपोर्ट मांगी गई है। कोविड-19 में बजट की कमी के कारण यूटी के कई प्रोजेक्ट अधर में लटक गए हैं। यूटी प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार से आगामी बजट डिमांड से पहले सभी प्रोजेक्ट का रिव्यू करना जरूरी है, ताकि केंद्र सरकार को अगले साल के लिए बजट का एस्टीमेट भेजा जा सके।

यूटी के एक अधिकारी के अनुसार प्रशासन द्वारा जनवरी अंत तक यूटी के लिए 2021-22 सेशन का बजट भेजा जाना प्रस्तावित है। अधिकारी के अनुसार कोरोना के कारण बीते साल में जीएसटी रेवेन्यू में काफी गिरावट आई है। जिससे यूटी का राजस्व इस बार कम रहा है। चंडीगढ़ के जीएसटी में 2020-21 सत्र में 29.5 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है।

यूटी ने अफसरों के खर्चों पर चलाई कैंची

कोविड-19 के कारण यूटी प्रशासन को 2020-21 सत्र में जीएसटी और अन्य रेवेन्यू काफी कम हुआ है। इसी को देखते हुए प्रशासन द्वारा अधिकारियों और अन्य खर्चों में काफी कमी की गई है। अधिकारियों के एलटीसी को बैन कर दिया है। इसके साथ ही अधिकारियों से जुड़े अन्य बड़े खर्चों के लिए एडवाइजर स्तर की अप्रूवल अनिवार्य कर दी गई है। सभी विभागों के लिए फंड तय कर दिए गए हैं।

यूटी प्रशासन द्वारा 5300 करोड़ के बजट की डिमांड की गई थी, जबकि यूटी प्रशासन को 5138.10 करोड़ ही अलाट हुआ था। यूटी प्रशासन को बजट में काफी बढ़ोतरी की उम्मीद थी, लेकिन यूटी प्रशासन के बजट में सिर्फ 384.98 करोड़ रुपये की ही बढ़ोतरी की गई। यूटी प्रशासन को रेवेन्यू हेड के तहत 4643.96 करोड़ और 494.14 करोड़ कैपिटल हेड के तहत मिले थे।

कई प्रोजेक्ट पूरे होने में होगी देरी

बजट की कमी के कारण यूटी के कई प्रोजेक्ट में देरी होना तय है। जबकि पहले से जारी कई निर्माणधीन प्रोजेक्ट में भी छह महीने से साल तक की देरी होगी। यूटी सचिवालय और चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड की नई बिल्डिंग का निर्माण कोविड-19 के कारण लंबा खिंच सकता है। दोनों बिल्डिंग को इसी साल तैयार किया जाना था। लेकिन अब इनमें छह महीने से अधिक का समय लग सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.