रिश्वत मामले में पूर्व एसएचओ बलजीत के खिलाफ चार्जशीट दायर Chandigarh news
रिश्वत मामले में आरोपित तत्कालीन मौलीजागरां थाना के एसएचओ इंस्पेक्टर बलजीत सिंह कांस्टेबल सुरेंद्र राठी और प्रमोद के खिलाफ सीबीआइ ने जिला अदालत में चार्जशीट दायर कर दी है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। 45 हजार रुपये रिश्वत मामले में आरोपित तत्कालीन मौलीजागरां थाना के एसएचओ इंस्पेक्टर बलजीत सिंह, कांस्टेबल सुरेंद्र राठी और प्रमोद के खिलाफ सीबीआइ ने जिला अदालत में चार्जशीट दायर कर दी है। आरोपितों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम, साजिश रचने समेत अन्य धाराओं के तहत चालान दायर किया गया है। मामलें में सीबीआइ ने कुल 46 गवाह बनाए हैं। तीनों के खिलाफ सीबीआइ को रमेश कुमार ने दी शिकायत में बताया था कि उसका मौलीजागरां में शराब का अहाता है।
26 जनवरी की शाम करीब 9 बजे मौलीजागरां थाना पुलिस ने अहाते के बाहर से उसके भतीजे समेत कुछ युवकों को चरस के 3 बंडलों समेत उठाने का दावा किया था। भतीजे को हिरासत में लेने की जानकारी मिलते ही वह मौलीजागरां थाना प्रभारी इंस्पेक्टर बलजीत सिंह से मिले थे। उसने भतीजे को छोडऩे के लिए कहा तो इंस्पेक्टर बलजीत ङ्क्षसह ने कांस्टेबल सुरेंद्र राठी और प्रमोद से बातचीत करने के लिए कहा था। आरोपों के मुताबिक भतीजे पर एनडीपीएस का मामला न दर्ज करने और छोडऩे के लिए कांस्टेबल सुरेंद्र राठी और प्रमोद कुमार ने इंस्पेक्टर के कहने पर 1 लाख 20 हजार रुपये डिमांड की थी।
55 हजार रुपये में तय हुआ था सौदा
शिकायतकर्ता रमेश ने पैसे कम करने के लिए कहा जिसके बाद उन्होंने 80 हजार की डिमांड की, इतने में शिकायतकर्ता का एक जानकार मौलीजागरां पुलिस स्टेशन में पहुंचा। उसको भी पुलिस पकड़कर लाई थी। शिकायतकर्ता अपने जानकार के साथ मिलकर दोनों युवक को छोडऩे को लेकर बातचीत शुरू की थी। आखिरकार सौदा 55 हजार रुपये में तय हुआ था। इसके बाद कांस्टेबल सुरेंद्र राठी और कांस्टेबल प्रमोद उससे दस हजार रुपये लेकर चले गए थे। बाकी 45 हजार रुपये देने से पहले शिकायतकर्ता ने मामले की शिकायत सीबीआइ को दे दी थी।
तीनों को विभाग ने कर दिया था सस्पेंड
सीबीआइ ने पुलिसकर्मियों को पकडऩे के लिए ट्रैप लगाया। कांस्टेबल सुरेंद्र राठी 45 हजार रुपये लेने शिकायतकर्ता के पास मौलीजागरां स्थित विकास नगर में पहुंचा था। शिकायतकर्ता से कांस्टेबल ने जैसे ही रुपये लिए, उसी समय सीबीआइ टीम ने उसे रंगेहाथ दबोच लिया। इसके बाद जांच करने पर बलजीत का नाम भी शामिल पाया गया और उसे गिरफ्तार किया गया। बाद में पुलिस विभाग ने तीनों को सस्पेंड कर दिया था।