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चंडीगढ़ की सहारा कंपनी ने नहीं दिया इंश्यारेंस का क्लेम, कंज्यूमर कमीशन ने कंपनी पर लगाया 45 हजार रुपये हर्जाना

राकेश ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने अच्छा रिटर्न प्राप्त करने के लिए सहारा कंपनी की ए सेलेक्ट स्कीम ली हुई थी।इस स्कीम की अवधि 18 महीने की थी और उन्होंने इन 18 महीनों में सहारा को एक लाख 72 हजार रुपये की राशि जमा करवाई थी।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Sat, 03 Jul 2021 04:08 PM (IST)Updated: Sat, 03 Jul 2021 04:08 PM (IST)
सहारा कंपनी के खिलाफ दो अलग-अलग लोगों ने शिकायत दी थी।

वैभव शर्मा, चंडीगढ़। चंडीगढ़ जिला उपभोक्ता आयोग-2 ने सेक्टर-22 स्थित सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के खिलाफ दर्ज हुई शिकायत पर सुनवाई की। सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के खिलाफ दो अलग अलग लोगों ने शिकायतें दी थी। पहली शिकायत उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के रहने वाले राकेश सिंह और दूसरी शिकायत बलटाना के रहने वाले पवन कुमार सिंगला ने दी थी।

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राकेश ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने अच्छा रिटर्न प्राप्त करने के लिए सहारा कंपनी की ए सेलेक्ट स्कीम ली हुई थी।इस स्कीम की अवधि 18 महीने की थी और उन्होंने इन 18 महीनों में सहारा को एक लाख 72 हजार रुपये की राशि जमा करवाई थी। समय अवधि पूरी होने के बाद उनकी मेच्योरिटी राशि 2,00,036 रुपये बन थी। उन्होंने कंपनी को अपनी मेच्योरिटी अमाउंट जारी करने के लिए एक ई-मेल भेजी लेकिन कंपनी की ओर से इस अनुरोध को टाल दिया गया। शिकायत पर सुनवाई करते हुए कमीशन ने सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड को नौ फीसद प्रति वर्ष ब्याज के साथ 2,00,036 रुपये की राशि वापस करने का आदेश दिया। शिकायतकर्ता को मानसिक परेशानी के लिए 30 हजार रुपये हर्जाना और केस खर्च के रूप में दस हजार रुपये देने का भी आदेश दिया।

दूसरी शिकायत में पवन कुमार सिंगला ने बताया कि उन्होंने सहारा कंपनी से अपनी कार का इंश्योरेंस करवाया था। वर्ष 2018 में कार में कोई खराबी आ गई थी जिसकी मरम्मत में उनके 95,366 रुपये का खर्चा आया था।कार ठीक करवाने के बाद उन्होंने सभी बिल लगा कर कंपनी को क्लेम देने के लिए ई-मेल की लेकिन कंपनी ने ई-मेल का कोई जवाब नहीं दिया।इसके बाद उन्होंने के दफ्तर में जाकर इस बारे में बात की तो कंपनी ने क्लेम देने से मना कर दिया।कंपनी से तंग आकर उन्होंने चंडीगढ़ जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दी, जिसकी सुनवाई करते हुए कमीशन ने कंपनी को नौ फीसद ब्याज की राशि के साथ 95,366 वापस करने का आदेश दिया। वहीं हर्जाने के रूप में 15 हजार रुपये और मुकदमेबाजी खर्च के रूप में दस हजार रुपये देने का अादेश भी दिया।


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