Move to Jagran APP

चंडीगढ़ की रमनजोत ने फतेह की यूरोप की सबसे ऊंची चोटी एल्ब्रस, बेटी का सपना पूरा करने के लिए मां ने बेच दिए थे गहने

रमनजोत ने बताया कि सामान्य परिवार से हैं। पिता जोगिंदर सिंह किसान और मां जसबीर कौर घरेलू कामकाजी महिला हैं। बावजूद इसके उनकी माता जसबीर कौर ने अपने गहने बेचकर उन्हें इस पर्वतारोहण के लिए भेजा। इससे पहले दक्षिणी अफ्रीका की चोटी पर्वत किलिमंजारो को भी फतेह कर चुकी हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 08:51 AM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 08:51 AM (IST)
रमजोत कौर ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी एल्ब्रस पर सूर्योनमस्कार कर नया रिकार्ड बनाया है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। शहर की पर्वतारोही रमजोत कौर ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी एल्ब्रस पर सूर्योनमस्कार कर नया रिकार्ड बनाया है। इससे पहले कई चोटियों को फतेह कर चुकी रमनजोत ने बताया कि 5642 मीटर ऊंची इस चोटी पर उनसे पहले किसी ने सूर्योनमस्कार नहीं किया है।

loksabha election banner

इस चोटी के लिए उन्होंने 26 सितंबर को चढ़ाई शुरू की थी और माइनस 36 डिग्री के बीच उन्होंने दो अक्टूबर को इस चोटी को फतेह किया। इसी दौरान ठंडी हवाओं के बीच में सूर्योनमस्कार के 12 पोज किए। यह मुश्किल था लेकिन फिर मुझे इस चोटी पर कुछ अलग करना था, इसलिए मैंने योग को अपना माध्यम चुना।

माइनस 36 डिग्री में पूरा किया सफर।

मां जसबीर कौर ने अपने गहने बेचकर भेजा था यूरोप

रमनजोत ने बताया कि सामान्य परिवार से हैं। पिता जोगिंदर सिंह किसान और मां जसबीर कौर घरेलू कामकाजी महिला हैं। बावजूद इसके उनकी माता जसबीर कौर ने अपने गहने बेचकर उन्हें इस पर्वतारोहण के लिए भेजा। रमनजोत कौर ने बताया कि इससे पहले दक्षिणी अफ्रीका की चोटी पर्वत किलिमंजारो को भी फतेह कर चुकी हैं। इस चोटी को उन्होंने दौड़ते हुए सिर्फ 24 घंटे में फतेह किया था, जोकि किसी पर्वतारोही के लिए रिकार्ड समय है। रमनजोत ने बताया कि वह पीपॉक चोटी और मचोई पीक को भी फतेह कर चुकी हैं।

पंजाब यूनिवर्सिटी की छात्रा है रमनदीप कौर।

मैराथन में 100 मेडल और मार्शल आर्ट्स में नेशनल खेल चुकी है रमनजोत

रमनजोत ने बताया कि वह मैराथन एथलीट भी हैं और वह तक अब तक 100 से ज्यादा मेडल जीत चुकी हैं। इसके अलावा वह तीन साल तक चंडीगढ़ स्टेट में गोल्ड मेडलिस्ट रही हैं। रमनजोत ने मार्शल आर्ट में भी वर्ष 2021 में स्कूल नेशनल गेम्स में ब्रांज मेडल जीता है। रमनजोत ने बताया कि वर्ष 2016 में चंडीगढ़ टूरिज्म डिपार्टमेंट की तरफ से आयोजित एक कैंप में हिस्सा लेते हुए उसका चयन पर्वतारोहण ट्रेनिंग कैंप के लिए हुआ था। यह कैंप दार्जिलिंग में आय़ोजित हुआ था।

अब यह है रमनजोत का अगला लक्ष्य

पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में डीपीएड की पढ़ाई करने वाली रमनजोत ने बताया कि अब उसका अगला सपना दक्षिणी अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी अकांकागोआ को फतेह करने का है। रमनजोत कौर ने बताया कि पर्वतारोहण काफी महंगा शौक है, इसलिए पर्वतारोहियों को प्रमोट करने के लिए उन्हें स्पांसरशिप मिलनी चाहिए, ताकि वह देश दुनिया की मुश्किल चोटियों को फतेह कर तिरंगे की शान को बढ़ा सके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.