छह वर्षों से ईनाम के लिए तरस रहे चंडीगढ़ के हैंडबाल खिलाड़ी, एशियन गेम्स में जीता था गोल्ड मेडल
चंडीगढ़ के हैंडबाल खिलाड़ी पिछले छह सालों से ईनाम के इंतजार में है। उन्होंने वर्ष 2014 में एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। खेल विभाग ने खिलाड़ियों को इनामी राशि के रूप में हरियाणा के बराबर राशि देने की घोषणा की थी। जिसका उन्हें अभी भी इंतजार है।
चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। शहर में प्रतिभाशाली खिलाडियों की कमी नहीं हैं। हर खेल में खिलाड़ी अपने आपको साबित कर रहे हैं। उसके बावजूद भी खिलाडिय़ों को चंडीगढ़ खेल विभाग और प्रशासन द्वारा वो सम्मान नहीं मिल रहा है जिसके वो हकदार है। ऐसा ही हाल शहर के हैंडबाल खिलाडियों का हैं, जो अपने हक की ईनामी राशि के लिए छह वर्षों से दर दर भटक रहे हैं। खिलाडियों ने देश का नाम विदेशों में ऊंचा किया, जिसका फल उन्हें खेल विभाग ईनाम न देकर दे रहा हैं। अगर खेल विभाग खिलाडियों के साथ ऐसा व्यवहार करेगा तो फिर हम कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि शहर से बेहतरीन खिलाड़ी आगे आएंगे।
40 से ज्यादा बार किया संपर्क
नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर एक हैंडबाल खिलाड़ी ने बताया कि उन्होंने स्पोर्ट्स विभाग के सभी बड़े अधिकारियों से संपर्क किया। लेकिन किसी ने भी उनकी मदद नहीं की। यहां तक कोई भी स्पोर्ट्स अधिकारी इस बात को गंभीरता से नहीं ले रहा है।
2014 में जीता था गोल्ड
हैंडबाल खिलाड़ियों ने वर्ष 2014 में एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। उस समय यह खिलाड़ी इंटरनेशनल इंडियन हैंडबॉल टीम के सदस्य थे। टीम के इन खिलाड़ियों ने कड़ी मेहनत कर टूर्नामेंट में सभी एशियन गेम्स को पहचानते हुए यह उपलब्धि हासिल की थी।
हरियाणा के बराबर इनामी राशि देने की करी थी घोषणा
खेल विभाग ने खिलाड़ियों को इनामी राशि के रूप में हरियाणा के बराबर राशि देने की घोषणा की थी। टीम में भाग लेने वाले हरियाणा के खिलाड़ियों को पांच लाख रुपए इनामी राशि दी गई है। वहीं चंडीगढ़ के खिलाड़ियों को अभी तक इनामी राशि से वंचित रखा गया है।
पैसे की कमी का रोना रोते हैं अधिकारी
इनामी राशि न देने के लिए यूपी खेल विभाग ने हर बार फंड की कमी का रोना रोया है। जबकि बीते तीन सालों में यूटी खेल विभाग को बजट के रूप में अच्छी खासी राशि मिल रही है। उसके बावजूद भी खेल विभाग खिलाड़ियों को इनामी राशि नहीं दे पा रहा है।
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