चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल होंगे स्मार्ट, क्लास रूम में लगेंगे सेंसर वाले कैमरे, स्मार्ट तरीके से लगी स्टूडेंट की हाजिरी
चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अब शहर के स्कूल भी स्मार्ट होने जा रहे हैं। इसके लिए एमएचआरडी ने बजट भी मंजूर कर दिया है। स्कूलों के क्लासरूम में सेंसर वाले कैमरे इंस्टॉल होंगे और बच्चों की हाजिरी भी स्मार्ट तरीके से लगेगी।
चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में सेंसर वाले कैमरे लगेंगे। वहीं, बिजली और स्टूडेंट्स की हाजिरी भी स्मार्ट तरीके से लगेगी। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत एमएचआरडी ने स्कूलों के लिए एक करोड़ 67 लाख का बजट अप्रूव किया है।
इस राशि से शहर के चार सरकारी स्कूलों में सेंसर वाले कैमरे लगेंगे। हर क्लास रूम में दो कैमरे और एक से दो कैमरे आउटडोर बाउंड्री के साथ लगेंगे, जो स्टूडेंट्स की हर एक्टिविटी पर कैप्चर करेंगे। यदि कोई भी घटना कैमरे में कैप्चर होती है तो उसी समय उसकी नोटिफिकेशन प्रिंसिपल के ऑफिस में बीप से होगी और उसके साथ ही प्रिंसिपल के मोबाइल पर भी नोटिफिकेशन जारी होगी। वह नोटिफिकेशन उस समय तक मोबाइल पर फ्लैश होगी जब तक उसे प्रिंसिपल रिस्पांस नहीं करता।
इसी प्रकार से स्कूल के इलेक्ट्रीकल सिस्टम को भी सेंसर के साथ जोड़ा जा रहा है। कमरे में बाहर की रोशनी आने पर स्विच से चलने वाले बल्ब और ट्यूब खुद बंद हो जाएंगे। इसी प्रकार से क्लास रूम में पहुंचने के बाद जैसे ही स्टूडेंट्स की हाजिरी टीचर लगाएगा तो उसकी नोटिफिकेशन पेरेंट्स के मोबाइल पर जाएगी। इसके साथ ही डेटशीट सहित स्टूडेंट्स से जुड़ी हर जानकारी पेरेंट्स को तुरंत मिलती रहेगी।
क्लास रूम में लगेगा डिजिटल मैप, विनायल फ्लोरिंग भी होगी
स्मार्ट क्लास रूमों में डिजिटल मैप और विनायल फ्लोरिंग भी लगाई जाएगी। डिजिटल मैप में टाइपिंग के साथ स्पीकिंग का ऑप्शन रहेगा। स्टूडेंट्स को किसी भी स्टेट या जगह की जानकारी चाहता है तो वह मैप के नजदीक जाकर बोलेगा और उसके साथ ही सारी डिटेल मैप पर फ्लैश होगी। इसी प्रकार से फ्लोर टूटने से बचाने के लिए विनायल फ्लोरिंग लगाई जाएगी जिसका टूटने से लेकर फटने तक का कोई चांस नहीं रहता है।
इन चार स्कूलों को पायलट प्रोजेक्ट में किया गया शामिल
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट ने पायलट प्रोजेक्ट के लिए शहर के चार स्कूलों को चुना है, जिसमें गवर्नमेंट मॉडल हाई स्कूल सेक्टर-22, गवर्नमेंट मॉडल हाई स्कूल सेक्टर-35, गवर्नमेंट मॉडल हाई स्कूल सेक्टर-43 और गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-35 में काम चल रहा है। स्मार्ट क्लास में 90 क्लास रूम चुने गए हैं जिसके लिए पहले चार करोड़ 33 हजार रुपये और दूसरी किस्त में एक करोड़ 67 हजार रुपये मिले हैं।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में पायलट प्रोजेक्ट के तहत काम करने के निर्देश थे। उसी के चलते चार स्कूलों में काम शुरू किया था, जिसमें हम विदेशों की तर्ज पर काम करके स्टूडेंट्स को स्मार्ट एजुकेशन देने का प्रयास कर रहे हैं।
-नरेंद्र पाल शर्मा, जरनल मैनेजर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट चंडीगढ़