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चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल ने प्रशासन के फैसले पर जताई आपत्ति, कहा- ऐसे आधे अधूरे लॉकडाउन का क्या फायदा

तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को कंट्रोल करने के लिए पंजाब की तर्ज पर चंडीगढ़ में भी प्रशासन की ओर से सात दिन के लिए पाबंदियां लगा दी गई हैं। वहीं चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल ने प्रशासन के इस फैसले पर आपत्ति जताई है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 10:43 AM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 10:43 AM (IST)
चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल बोला, ऐसे आधे अधूरे लॉकडाउन का क्या फायदा।

चंडीगढ़, जेएनएन।  तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को कंट्रोल करने के लिए पंजाब की तर्ज पर चंडीगढ़ में भी प्रशासन की ओर से सात दिन के लिए पाबंदियां लगा दी गई हैं। वहीं, चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल ने प्रशासन के इस फैसले पर आपत्ति जताई है। संयोजक कैलाश जैन का कहना है कि लॉकडाउन लगाना था तो पूरी तरह लगाते, यह आधा अधूरा लॉकडाउन लगाकर दुकानदारों के साथ अन्याय किया जा रहा है।

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उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा लिया गया यह फैसला समझ से परे है। जब सारी गतिविधियां खुली हैं तो केवल कुछ दुकानों को बंद करने का कोई औचित्य नहीं बनता। अगर कोरोना की चेन तोड़नी है तो कंप्लीट लॉकडाउन लगाना चाहिए। ऐसे आधे अधूरे लॉकडाउन से करोना की चेन तो नहीं टूटेगी लेकिन दुकानदार जरूर भूखे मर जाएंगे।

कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा

कैलाश जैन का कहना है कि वैश्विक महामारी कोरोना दिन प्रतिदिन तेजी से पांव पसारती जा रही है। चंडीगढ़ में कोरोना के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। ऐसा लगता है कि कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए कंप्लीट लॉकडाउन के अलावा कोई चारा नहीं है। लेकिन इसका न केवल चंडीगढ़ के व्यापार और इंडस्ट्री पर असर पड़ेगा बल्कि शहर की अर्थव्यवस्था भी गड़बड़ाएगी। उनका कहना है कि भले ही व्यापारी वर्ग लॉकडाउन के फैसले के विरोध में है लेकिन देश की खातिर ओर लोगों को बचाने के लिए लॉकडाउन के इस कड़वे घूंट को दोबारा पीने को तैयार हो सकता है। बशर्ते इसके लिए उसे कुछ राहत दी जाए और उनको विश्वास में लिया जाए। ऐसे में प्रशासन को कोई ऐसा रास्ता निकालने की जरूरत है जिससे लोगों की जान भी बच जाए और अर्थव्यवस्था पर कम से कम असर पड़े। इस विषय पर विस्तृत चर्चा करके जनहित में उचित फैसला लिया जाना चाहिए।

हमें भी दी जाए 50 फीसद के साथ स्टाफ के साथ काम करने की मंजूरीः व्यापार मंडल

व्यापार मंडल के अध्यक्ष चरणजीव सिंह का कहना है कि निजी आफिस और बैंकों को 50 फीसद स्टाफ के साथ काम करने की मंजूरी दी गई है। यह फैसला सभी दुकानदारों पर भी लागू होना चाहिए। व्यापार मंडल का कहना है कि वह इस मामले को जल्द ही प्रशासन, गृह मंत्रालय और भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद के समक्ष यह मामला उठाएंगे, ताकि दुकानदारों को राहत मिल सके। व्यापार मंडल के अध्यक्ष चरणजीव सिंह का कहना है कि इस तरह के फैसले से सिर्फ व्यापारियों को ही नुकसान है।


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