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Chandigarh के बेटे ने Canada में कॉलेज के खिलाफ जीती कानूनी लड़ाई, जानिए पूरा मामला

चंडीगढ़ के युवक ने कनाडा में पांच साल तक न सिर्फ अपने लिए बल्कि दो हजार से अधिक इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के हक के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी और उसमें जीत भी हासिल कर ली है।

By Edited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 09:06 PM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 12:07 PM (IST)
Chandigarh के बेटे ने Canada में कॉलेज के खिलाफ जीती कानूनी लड़ाई, जानिए पूरा मामला
Chandigarh के बेटे ने Canada में कॉलेज के खिलाफ जीती कानूनी लड़ाई, जानिए पूरा मामला

चंडीगढ़ [डॉ. सुमित सिंह श्योराण]। विदेश में जाकर वहां के सिस्टम से लड़ना आसान नहीं होता लेकिन चंडीगढ़ के युवक ने कनाडा में पांच साल तक न सिर्फ अपने लिए बल्कि दो हजार से अधिक इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के हक के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी और उसमें जीत भी हासिल कर ली है।

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कनाडा की अदालत ने पूरे मामले में कॉलेज को दोषी पाया और मामले में पीड़ित विद्यार्थियों को 7500 से 20 हजार कनाडा डॉलर देने के निर्देश जारी किए हैं। पहली बार इस तरह के मामले में किसी युवक की पहल से दुनियाभर के उन युवकों को राहत मिली है जो विदेश में धोखाधड़ी का शिकार होकर लाखों रुपये गंवा देते हैं। सेक्टर-42 निवासी अनीश गोयल की इस जीत के बाद उनके घर पर उनके पिता राजेश गोयल और मां रेखा गोयल को बधाई मिल रही हैं। अनीश अब वैध रूप से कनाडा में रह सकेगा और उसकी डिग्री को मान्य मानते हुए उसे वहां काम करने की भी अनुमति मिल गई है।

20 लाख खर्च कर कनाडा कॉलेज में लिया था दाखिला

दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में अनीश के पिता और पंजाब सरकार में पीएसआइडीसी से रिटायर्ड राजेश गोयल ने बताया कि बेटे ने 2013 में चितकारा यूनिवर्सिटी बद्दी से बीटेक की डिग्री के बाद कनाडा स्थित न्याग्रा कॉलेज से इंजीनियरिंग का पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में दाखिला लिया। परिवार ने मुश्किल से 20 लाख खर्च कर बेटे को कनाडा भेजा। लेकिन डिग्री के बाद जब बेटे ने वर्क परमिट के लिए आवेदन किया तो उसे बताया गया कि कॉलेज के कोर्स को मान्यता ही नहीं है। यह जानकारी न सिर्फ अनीश बल्कि तीन साल तक उस कॉलेज से डिग्री करने वाले दुनियाभर के विभिन्न देशों से आए सैकड़ों युवाओं के लिए सदमा देने वाला था। स्टूडेंट्स को वर्क परमिट नहीं मिलने के कारण कनाडा से वापस अपने देश जाना पड़ा। लेकिन अनीश ने कॉलेज द्वारा धोखा किए जाने के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने का मन बनाया। कुछ और स्टूडेंट्स को भी इसमें शामिल होने के लिए मनाया। आखिर 2015 में शुरू हुई कानूनी लड़ाई को फरवरी 2020 में जीत हासिल हुई।

परिवार ने दिया साथ, बेटे की मेहनत लाई रंग

कनाडा में लंबी लड़ाई लड़ने वाले अनीश गोयल कभी हार नहीं मानने वाला लड़का है। बेटे की इस उपलब्धि पर पिता राजेश गोयल को भी नाज है। उन्होंने कहा कि बेटे को कनाडा भेजने के लिए कड़ी मेहनत का 20 लाख से अधिक पैसा खर्च किया। लेकिन कनाडा के कॉलेज ने पूरे परिवार को सदमे में ला दिया। उनके बेटे ने न सिर्फ अपने लिए बल्कि दुनिया भर के युवाओं के लिए लड़ाई लड़ी, अब सभी को कनाडा में करियर बनाने का मौका मिल जाएगा। अनीश गोयल का बड़ा भाई मुंबई में आइआइटी से इंजीनियर हैं। पिता राजेश ने कहा कि अब वह बेटे की देश वापसी पर शादी की तैयारियों में जुटेंगे।

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