चंडीगढ़ की सुपर शटलर गरिमा जल्द होंगी इंडिया कैंप का हिस्सा
हाल ही में सेक्टर-38 में आयोजित स्टेट रैंकिंग बैडमिंटन। चैंपियनशिप में गरिमा ने अलग-अलग मुकाबलों में खेलते हुए चार गोल्ड मेडल जीते हैं।
चंडीगढ़ [विकास शर्मा]। शहर की स्टार शटलर गरिमा सिंह मात्र 18 साल की उम्र में 90 मेडल और 65 से ज्यादा ट्राफियां जीत चुकी हैं। ओलंपिक मेडलिस्ट साइना नेहवाल को अपना आर्दश मनाने वाली गरिमा कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में मेडल जीत चुकी है। हाल ही में सेक्टर-38 में आयोजित स्टेट रैंकिंग बैडमिंटन। चैंपियनशिप में गरिमा ने अलग-अलग मुकाबलों में खेलते हुए चार गोल्ड मेडल जीते हैं। इंडिया रैंकिंग में वे अंडर-19 की 20 वें नंबर की खिलाड़ी हैं और उनके प्रदर्शन को देखते हुए उम्मीद है कि वह जल्द इंडिया कैंप हिस्सा होंगी।
ये हैं गरिमा की उपलब्धियां
- साल 2019 इंटर स्टेट चैंपियनशिप में गरिमा ने अलग-अलग कैटेगरी में चार गोल्ड मेडल जीते।
- साल 2018 में नोर्थ जोन चैंपियनशिप में सीनियर और जूनियर में चैंपियन।
- साल -2018 में इंटर स्कूल में गोल्ड मेडल जीता।
- साल -2018 स्कूल नेशनल गेम्स में सेमीफाइनल खेला।
- साल 2017 के इंटर स्कूल में गोल्ड मेडल जीता।
- साल 2017 स्टेट टूर्नामेंट अंडर-19 सिंगल में सिल्वर मेडल जीता।
- जेबीसी 2017 सिंगल कृष्णा खेतान रैंकिंग टूर्नामेंट में चंडीगढ़ की
- बेस्ट प्लेयर चुनी गई।
- साल 2017 नेशनल गेम्स अंडर-17 डबल में गोल्ड जीता।
- साल 2016 स्टेट टूर्नामेंट में अंडर-17 सिंगल में सिल्वर मेडल जीता, डबल्स में गोल्ड मेडल जीता।
- साल 2016 में नोर्थ जोन चंडीगढ़ अंडर -17 सिंगल्स में गोल्ड और डबल्स में भी गोल्ड मेडल जीता।
- साल 2016 में चंडीगढ़ स्टेट की तरफ से बेस्ट प्लेयर्स का अवार्ड मिला।
- साल 2015 में चेक रिपब्लिक द्वारा आयोजित वर्ल्ड बैडमिंटन टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीता।
अपने आयुवर्ग में शहर की नंबर 1 खिलाड़ी
कई इंटरनेशनल खिलाड़ी तैयार कर चुके बैडमिंटन कोच सुरेंद्र महाजन का कहना है कि गरिमा बेहद शानदार खिलाड़ी है। वह जितनी शांत दिखती है, मैच में उतनी ही आक्रमता के साथ खेलती है। उसकी लगन और मेहनत को देखकर मुझे पूरा भरोसा है कि गरिमा एक दिन जरूर इंडिया की ओर से खेलेगी।
पिता बोले बेटी ने हर प्रतियोगिता में किया खुद को साबित
सेक्टर-16 मॉडल स्कूल में लेक्चरर शमशेर सिंह और उनकी पत्नी आशा का कहना है कि उनकी बेटी गरिमा खेल के साथ-साथ पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रहती है। गरिमा ने हर प्रतियोगिता में खुद को साबित किया है। वो देश के लिए मेडल जीते, हम सब यही कामना करते हैं।