न्यू मंडी में आढ़तियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं, Sector-26 में ही शिफ्ट होगी Sector-17 की सब्जी मंडी
सेक्टर-39 न्यू मंडी में आढ़तियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। यहां बने केवल टीन शेड के भरोसे आढ़तियों के लिए कारोबार करना बेहद मुश्किल होगा।
चंडीगढ़, [विशाल पाठक]। सेक्टर-26 मंडी में ही सेक्टर-17 बस स्टैंड में लग रही अस्थाई सब्जी मंडी को शिफ्ट किया जाएगा। इसको लेकर एडवाइजर मनोज परिदा ने डीसी मंदीप सिंह बराड़ से बात की है। दरअसल, अभी सेक्टर-39 न्यू मंडी में आढ़तियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में केवल टीन शेड के भरोसे ही आढ़ती यहां अपना कारोबार नहीं कर सकते।
सेक्टर-17 बस स्टैंड में लग रही अस्थाई सब्जी मंडी को दोबारा सेक्टर-26 मंडी में शिफ्ट किए जाने को लेकर कांग्रेस कॉलोनी सेल के पूर्व वाईस चेयरमैन येंकी कालिया ने आढ़तियों के साथ मिलकर एडवाइजर से बात की। इस पर एडवाइजर ने आढ़तियों को भरोसा दिलाया कि उन्हें अभी फिलहाल सेक्टर-26 मंडी में ही दोबारा शिफ्ट किया जाएगा।
उधर, प्रशासन द्वारा हाल ही में छोले-भटूरे व चाय की स्टाल लगाने वालों को पुरानी ही जगह पर फड़ी लगाने की परमिशन देने से शहर के गोलगप्पे-चाट विक्रेताओं ने भी प्रशासन व निगम अधिकारियों से गुहार लगाई है। कोरोना काल से सभी मार्केट में ग्राहकों की कमी आई है। सभी वर्गों के लोगों के लिए यह आर्थिक संकट का समय है। ऊपर से प्रशासन द्वारा 20 साल से भी पुरानी फड़ियो को हटाना भी बेरोजगारी को बढ़ावा देने जैसा है। निगम अधिकारी जोशी का कहना है कि चाट वालो ने कुछ समय से निगम का किराया नही भरा है, इसलिए उन्हें परमिशन नही दी जा रही। उनके इस बयान से सभी गोलगप्पे व चाट विक्रेता किराया जमा करने को भी तैयार हैं। 1996 में बने पीले कलर के कार्ड निगम द्वारा ही बनाए गए थे, उन्हें पक्का लाइसेंस ही माना जाता था। अब इन कार्ड धारकों को भी परमिशन नहीं दी जा रही।
गोलगप्पे व चाट विक्रेताओं को भी मिले पुरानी जगह पर ही फड़ी लगाने की परमिशन: येंकी कालिया
इस मुद्दे पर कांग्रेस के नेता येंकी कालिया ने भी निगम अधिकारियों से बात की व गोलगप्पे व चाट वालो को भी राहत देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में मार्केट में ग्राहक की कमी है। मार्केट में दुकानें बंद हो रही हैं और लोग बेरोजगार हो रहे हैं। गोलगप्पे व चाट विक्रेताओं को भी छोले-भटूरे व चाय वालों की तर्ज पर अपनी फड़ी लगाने की परमिशन दी जानी चाहिए।