चंडीगढ़ का सेक्टर-17 नाे वेंडिंग जोन, फिर भी बना दिया फड़ी बाजार, व्यापारियों में भारी रोष
इस बार तीन दिन की बजाय सात दिन पहले ही फड़ी लगाने की मंजूरी दे दी गई है जहां पर कपड़े व जूते बिक रहे हैं। सेक्टर-19 में भी सबसे ज्यादा फड़ियां लगी हुई है। जहां पर पैर रखने की भी जगह नहीं है।
चंडीगढ़, जेएनएन। शहर का हार्ट सेक्टर-17 फड़ी बाजार में तबदील हो गया है। नए प्लाजा(पोस्ट अॉफिस के पास) में स्टॉल और फड़ियां लगाने की मंजूरी दे दी गई है। इस बार तीन दिन की बजाय सात दिन पहले ही फड़ी लगाने की मंजूरी दे दी गई है, जहां पर कपड़े व जूते बिक रहे हैं। यहां पर फड़ियां लगने की मंजूरी से शोरूम व्यापारियों में भारी रोष है। इसलिए कई व्यापारियों ने तो अपनी दुकानों के बाहर स्टॉल की मंजूरी ही नहीं ली है। नगर निगम ने इस बार पुराने प्लाजा में स्टॉल और फड़ियां लगाने की मंजूरी नहीं है जिस कारण पोस्ट ऑफिस के पास काफी संख्या में फड़ियां लग गई है।
इस समय सेक्टर-19 में भी सबसे ज्यादा फड़ियां लगी हुई है। जहां पर पैर रखने की भी जगह नहीं है। भीड़ देखकर ऐसा लगता ही नहीं है कि इस समय कोरोना काल है। सेक्टर-17 में फड़ी वालों को तो दीवाली से एक सप्ताह पहले से फड़ी लगाने की मंजूरी दे दी गई जबकि दुकानदारों को स्टॉल की मंजूरी के लिए काफी मशक्त करनी पड़ी। बुधवार दोपहर एक बजे के बाद मंजूरी के लिए पर्ची काटी गई। इस समय सेक्टर-22 में भी काफी भीड़ हो गई है।
व्यापार मंडल के महासचिव व सेक्टर-17 के व्यापारी संजीव चड्ढा का कहना है कि फड़ी वालों पर मेहरबानी दिखाई जा रही है। वेडर्स को तो एक सप्ताह तक फड़ी लगाने की मंजूरी दी गई। लेकिन दुकानदारों को तीन दिन के लिए स्टॉल लगाने की मंजूरी दी गई जबकि अपनी दुकानों के बाहर स्टॉल लगाने का अधिकार व्यापारियों को हाेना चाहिए। चड्ढा का कहना है कि सेक्टर-17 को नो वेंडिंग जोन घोषित किया गया है इसके बावजूद यहां पर फड़ियां लगाने की मंजूरी क्यों दी गई है।
आरटीआइ एक्टिविस्ट आरके गर्ग ने कहा कि सेक्टर-19 में इतनी ज्यादा फड़ियां लगाने की मंजूरी दी गई है कि बाजार कोविड बम में तबदील हो गया है। मार्केट पहले से काफी छाेटी है। यहां पर 500 से ज्यादा वेंडर्स को मंजूरी देकर कोरोना संक्रमण का का खतरा बढ़ गया है। सिर्फ अपनी कमाई के लिए नगर निगम ने ऐसा किया है।
ज्वाइंट कमिश्नर सौरभ अरोड़ा का कहना है कि प्रमुख प्लाजा में फड़ी और स्टॉल लगाने की मंजूरी नहीं है। नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।