कांग्रेस नेता सतीश कैंथ ने भाजपा अध्यक्ष सूद को सुनाई खरी खरी, कहा- पहले अपने गिरेबान में झांके
Chandigarh Politics कांग्रेस नेता सतीश कैंथ ने कहा कि शायद भाजपा अध्यक्ष नगर निगम के पिछले कार्यकाल को भूल गए हैं जिसमें उन्होंने एक बार नहीं कई बार अपने राष्ट्रीय नेताओं संगठन मंत्रियों राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित कई नेताओं से चंडीगढ़ के पूर्व निगम कमिश्नर केके यादव की शिकायतें लगाई थी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने 3 दिन पहले प्रेस कांफ्रेंस की थी। अरुण सूद ने प्रेसवार्ता कर कहा था कि चंडीगढ़ आम आदमी पार्टी के पार्षद पंजाब सीएम भगवंत मान को मिले थे, उन्होंने कमिश्नर आनिंदिता मित्रा की शिकायत की थी। सूद ने कहा था कि वह पंजाब सीएम की चंडीगढ़ प्रशासन में दखलअंदाजी बदार्श नहीं करेंगे।
इस पर अब कांग्रेस ने सवाल उठाया है। कांग्रेस नेता सतीश कैंथ ने कहा कि शायद भाजपा अध्यक्ष नगर निगम के पिछले कार्यकाल को भूल गए हैं, जिसमें उन्होंने एक बार नहीं कई बार अपने राष्ट्रीय नेताओं, संगठन मंत्रियों, राष्ट्रीय अध्यक्ष, गृह मंत्री सहित कई नेताओं को चंडीगढ़ के पूर्व निगम कमिश्नर केके यादव की शिकायतें लगाई थी। जबकि केके यादव एक ईमानदार और मेहनती अधिकारी थे। पिछले कार्यकाल में कई काम न होने का ठीकरा भी अरुण सूद ने केके यादव पर फोड़ा था। भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद को दूसरों पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान पर झांकना चाहिए।
कांग्रेस नेता सतीश कैंथ ने कहा कि अरुण सूद ने केके यादव को हटाने के लिए कई प्रयास किए लेकिन वह हर प्रयास में असफल रहे और आज आम आदमी पार्टी के नेता अगर किसी अधिकारी की शिकायत लगा रहे हैं तो भाजपा अध्यक्ष को इससे दिक्कत हो रही है। आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने भी जो पंजाब के सीएम को अधिकारियों की शिकायत की है वह गलत की है क्योंकि आम आदमी पार्टी के पार्षद अधिकारियों पर दबाव बनाकर गलत काम करवाना चाहते हैं। आप और भाजपा दोनों ही अधिकारियों पर दबाव बनाकर काम करवाना चाहती है। आज भाजपा अध्यक्ष कह रहे हैं कि आप के पार्षद पंजाब के सीएम के पास क्यों गए, लेकिन अब भाजपा अध्यक्ष को भी बताना चाहिए कि वह पूर्व कमिश्नर केके यादव को हटाने और उनकी शिकायत करने के लिए अपने राष्ट्रीय संगठन मंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास क्यों गए थे।
सतीश कैंथ ने कहा कि इस समय भाजपा अध्यक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। पानी के रेट बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ईडब्ल्यूएस कालोनियों पर टैक्स लगा दिए गए हैं। पार्किंग के रेट बढ़ा दिए गए हैं। गांवो में भी कचरे के नाम पर टैक्स लगा दिया। उन्होंने कहा कि गरीब लोगों की झुग्गियों को बिना मकान दिए तोड़ा जा रहा है। उन्हें पता है कि इस समय शहर की जनता भाजपा के खिलाफ है इसलिए वह इन मुद्दों से जनता को भटकाने के लिए ऐसा कर रहे हैं।
सतीश कैंथ ने आरोप लगाया कि पिछली सदन की बैठक में पूरे शहर ने यह नजारा देखा कि किस तरह आम आदमी पार्टी के 6 पार्षदों ने भाजपा का साथ देकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हुए लायंस कंपनी का टेंडर पास किया। इस बार टेंडर पिछले टेंडर के मुकाबले में 70 लाख रुपये ज्यादा में अलॉट हुआ है, इस बार काम भी बड़ा है। ऐसे में क्या पिछले कार्यकाल में भाजपा नेताओं की गलती से लायंस कंपनी को जायदा पेमेंट की गई है। टेंडर की अलॉटमेंट भी अरुण सूद के कार्यकाल में हुई थी। इस मामले की भी जांच होनी चाहिए ताकि पता लग सके कि किन नेताओं की भागीदारी से कंपनी को अतिरिक्त भुगतान किया गया है।