एसपी प्रमोशन के लिए DSP रामगोपाल की याचिका पर विभाग ने दिया जवाब, 26 अक्टूबर को अगली सुनवाई
डीएसपी रामगोपाल के वकील आरके शर्मा ने दलील दी कि रामगोपाल सिनियर आॅफिसर है और इंडियन पुलिस सर्विस रिक्रूटमेंट1954 के नियम 9.2 के तहत जो भी योग्यता होनी चाहिए वह उनका क्लाइंट पूरी करता है। इसलिए वह प्रमोशन के योग्य है।
चंडीगढ़, जेएनएन। डीएसपी रामगोपाल की एसपी पद पर प्रमोशन दिए जाने की याचिका पर प्रतिवादी पक्ष ने जवाब दायर कर दिया है। वहीं अब दोनों पक्षों के बीच मामले की अगली सुनवाई पर बहस शुरू होगी। इसके लिए केंद्रीय प्रशासनिक न्यायधिकरण (कैट) ने 26 अक्टूबर की तिथि तय कर दी है। डीएसपी रामगोपाल ने कैट में दायर किए केस में यूटी पुलिस, केंद्र सरकार के साथ अन्य विभागों को प्रतिवादी बनाया है।
प्रतिवादी पक्ष के वकील मुकेश कौशिक ने कैट में जवाब दायर कर दिया गया है। उन्होंने दलील दी कि नियमों के मुताबिक यूटी पुलिस में अभी डीएसपी से एसपी प्रमोट किए जाने का न तो नियम है और न ही कोई पोस्ट वर्तमान में खाली है। वहीं, रामगोपाल की तरफ से पेश हुए वकील आरके शर्मा ने दलील दी कि रामगोपाल सिनियर आॅफिसर है और इंडियन पुलिस सर्विस रिक्रूटमेंट,1954 के नियम 9.2 के तहत जो भी योग्यता होनी चाहिए वह उनका क्लाइंट पूरी करता है। इसलिए वह प्रमोशन के योग्य है।
बता दें कि इससे पहले यूटी के ही दो डीएसपी ने रामगोपाल की एसपी प्रमोट किए जाने वाली याचिका के विरोध में एक याचिका दायर की थी, जिसे कैट ने सही नहीं मानते हुए खारिज कर दिया था। डीएसपी (ट्रैफिक) जसविंदर सिंह और डीएसपी (सिक्योरिटी ऑफिस) उदयपाल सिंह रावत ने ट्रिब्यूनल में दायर याचिका में कहा था कि दोनों कैडर के नियमों के तहत चंडीगढ़ पुलिस में बतौर एएसआइ भर्ती होने के वक्त से सीनियर हैं। दोनों चंडीगढ़ पुलिस में 1989 में बतौर एएसआइ भर्ती हुए थे। वहीं रामगोपाल बतौर एएसआइ 1991 में भर्ती हुए थे। 1993 में जसविंदर और उदयपाल सब इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोट हुए जबकि रामगोपाल 1996 में एसआई के पद पद प्रमोट हुए। चंडीगढ़ पुलिस की 1999 की सीनियोरिटी लिस्ट के तहत जसविंदर सिंह और उदयपाल 130 और 131 नंबर पर थे, वहीं रामगोपाल का नाम लिस्ट में 204 नंबर पर था।