चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव: टिकट नहीं मिलने से नेताओं के साथ कई सामाजिक संगठन भी नाराज
नगर निगम चुनाव समर चल रहा है। सभी राजनीतिक दलों में ऐसे नेता बागी हो रहे हैं जो टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं। कई तो पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। उम्मीदवार न बनाए जाने के खफा दावेदाव एक दल से दूसरे दलों में जाना लगा हुआ है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। नगर निगम चुनाव समर चल रहा है। सभी राजनीतिक दलों में ऐसे नेता बागी हो रहे हैं जो टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं। कई तो पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। उम्मीदवार न बनाए जाने के खफा दावेदाव एक दल से दूसरे दलों में जाना लगा हुआ है। अब कुछ सामाजिक संगठन भी राजनीतिक दलों से अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। अपने समाज या क्षेत्र के लोगों को टिकट नहीं दिए जाने का गुस्सा फूटने लगा है। उत्तराखंड जन चेतना मंच ने नगर निगम चुनाव में कांग्रेस पार्टी पर उत्तराखंड समाज की अनदेखी का आरोप लगाया है।
उत्तराखंड वासियों ने कांग्रेस के इस रवैये पर रोष व्यक्त किया। मंच के प्रधान दीपक असवाल ने कहा कि 15 नवंबर को उत्तराखंड के विभिन्न संगठनों की संयुक्त मीटिंग के बाद कांग्रेस प्रमुख को उनके समाज के लोगों को प्रतिनिधित्व देते हुए टिकट देने की मांग रखी थी। लेकिन पार्टी ने उनकी मांग को दरकिनार कर पूरे समाज का अपमान किया है।
उन्होंने कहा कि धनास वार्ड-14 से एडवोकेट जगदीश शर्मा प्रबल दावेदार थे, लेकिन उनकी अनदेखी की गई। 2011 में आजाद लड़ने के बाद जगदीश शर्मा ने दो हजार वोट हासिल किए थे। सुभाष चावला उनके खिलाफ लड़े थे। जगदीश शर्मा कांग्रेस सचिव पद पर हैं वह कमाऊं और गढ़वाल सभा से जुड़े हुए हैं। 20 साल से धनास में रहते हैं और सभी समुदाय से अच्छा तालमेल है। कई अन्य सभाओं के सदस्य कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता हैं। उनको भी टिकट नहीं दिया गया। कमाऊं सभा के प्रधान बचन सिंह नगरकोटी ने भी इसकी निंदा की। उन्होंने कहा कि इस अनदेखी का उत्तराखंड समाज नगर निगम चुनाव में ही जवाब देगा।