जिन केबल आपरेटर्स ने नहीं जमा करवाया रेंट, उनके खिलाफ अभियान चलाएगा चंडीगढ़ नगर निगम
फरवरी में नगर निगम ने केबल आपरेटर्स के लिए कई फैसले लिए थे। यह भी प्रस्ताव किया गया है कि अब आपरेटर्स केबल की तारे 12 फीट जमीन से ऊपर रहेगी। इसके साथ ही केबल तार में हर 50 मीटर की दूरी पर आपरेटर का नाम प्रिंट होना अनिवार्य है।
चंडीगढ़, जेएनएन। नगर निगम ने शहर के ऐसे डिफाल्टर केबल आपरेटर्स के खिलाफ अभियान चलाने का निर्णय लिया है जिन्हाेंने अपना ग्राउंड रेंट समय रहते जमा नहीं करवाया है। बुधवार को ज्वाइंट कमिश्नर सौरभ अरोड़ा के नेतृत्व में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। उन्होंने अधिकारियों को ऐसे आपरेटर्स के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। बैठक में बताया गया कि अब किसी भी आपरेटर्स को केबल लाइन पर इंटरनेट सर्विस चलाने की मंजूरी नहीं दी जाएगी। ऐसा करने वालों पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। नगर निगम के अनुसार इंटरनेट के लिए अंडरग्राउंड तार डालनी चाहिए।
मालूम हो कि फरवरी में नगर निगम ने केबल आपरेटर्स के लिए कई फैसले लिए थे। यह भी प्रस्ताव किया गया है कि अब आपरेटर्स केबल की तारे 12 फीट जमीन से ऊपर रहेगी। इसके साथ ही केबल तार में हर 50 मीटर की दूरी पर आपरेटर्स का नाम पहचान के लिए प्रिंट होना अनिवार्य है। कोई भी केबल की तार बिजली के खंभे पर लिपटी हुई नहीं होनी चाहिए। कोई भी केबल की तार पार्क, ग्रीन बेल्ट और किसी निजी इमारत के बीच में से नहीं जानी चाहिए। केबल किसी पेड़ पर लटकी नहीं होनी चाहिए।
इसके साथ ही हर अापरेटर से प्रति जंक्शन बॉक्स लगाने का वन टाइम चार्ज पांच हजार रुपये लिया जाएगा और वार्षिक चार्ज एक हजार रुपये प्रति जक्शन बॉक्स लिया जाएगा। बैठक में ज्वाइंट कमिश्नर ने रोड विंग के सभी कार्यकारी अभियंताओं को डिफाल्टर केबल आपरेटर्स पर कार्रवाई करने की जिम्मेवारी तय की है।
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