Move to Jagran APP

Chandigarh: छह साल के एक्सीडेंटल क्लेम के लिए भटक रहे व्यक्ति को लोक अदालत में मिला इंसाफ

हाल ही में सेक्टर-43 स्थित जिला अदालत में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया था। इस दौरान करीब 1100 से ज्यादा केसों का निपटारा किया गया था। इनमें एक केस ऐसा भी था जहां एक व्यक्ति को छह साल के बाद इंसाफ मिला है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 10:58 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 10:58 AM (IST)
लोक अदालत में व्यक्ति को मिला इंसाफ।

वैभव शर्मा, चंडीगढ़। हाल ही में सेक्टर-43 स्थित जिला अदालत में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया था। इस दौरान करीब 1100 से ज्यादा केसों का निपटारा किया गया था। इनमें एक केस ऐसा भी था, जहां एक व्यक्ति पिछले छह साल से एक्सीडेंटल क्लेम के लिए भटक रहा था और उस केस का निपटारा लोक अदालत में आकर हुआ। केस का निपटारा करते हुए कोर्ट से एक्सीडेंटल क्लेम के रूप में उन्हें आठ लाख रुपये का मुवावजा दिलवाया।

loksabha election banner

एक्सीडेंटल क्लेम का यह मामला जिला अदालत में साल 2018 में दर्ज हुआ, जब शिकायतकर्ता को कही से इंसाफ नहीं मिला तब उन्होंने जिला अदालत में शिकायत दर्ज की। परवाणु के रहने वाले 40 वर्षीय सतीश के पक्ष में फैसला हुआ तो उसने कहा कि अब जाकर उन्हें इंसाफ मिला है। सतीश परवाणु का रहने वाला है और साल 2015 में मनीमाजरा स्थित फन रिपब्लिक लाइट प्वाइंट के पास उसकी कार का एक्सीडेंट हो गया था, जिसके बाद उन्होंने एक्सीडेंटल क्लेम के लिए कंज्यूमर कमीशन से लेकर इंश्योरेंस कंपनी के ऑफिस के काफी चक्कर काटे।

धूंध की वजह से ट्रक से भिड़ गई थी कार

उन्होंने अपनी शिकायत में बताया था कि साल 2015 जनवरी में वह चंडीगढ़ से वापस अपने घर परवाणु जा रहे थे। जब वह फन रिपब्लिक लाइट प्वाइंट पर पहुंचे तो एक ट्रक उनकी कार (फॉर्च्यूनर) से टकरा गया। रात मे धूंध की वजह से यह हादसा हुआ। अचानक मोटर मार्केट की तरफ से एक ट्रक आकर उनकी कार से टकरा गया और इस हादसे में उनकी कार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी।

इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम देने से कर दिया था मना

सतीश ने बताया कि जब हादसा हुआ उसके बाद उन्होंने इंश्योरेंस कंपनी को एक्सीडेंटल क्लेम के लिए एप्लीकेशन दी। लेकिन कंपनी ने जून 2015 तक उस एप्लीकेशन का कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद उन्होंने कंपनी के ऑफिस जा कर संपर्क किया तो कंपनी ने कहा कि एक्सीडेंटल क्लेम उन्हें नहीं मिलेगा। क्योंकि वह शराब पीकर वाहन चला रहे थे। सतीश से कहा कि उन्होंने हादसे के समय की पुलिस मेडिकल रिपोर्ट भी साथ में लगाई थी, जिसमें ऐसी किसी भी बात का उल्लेख नहीं किया गया था। कंपनी की ओर से स्वंय यह कहानी बनाई गई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.