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चंडीगढ़ कोठी प्रकरणः पत्रकार संजीव महाजन की पत्नी इंडस्विफ्ट कंपनी की एंप्लाई, करोड़ों के वैट घोटाले से भी जुड़ा नाम

सेक्टर-37 ए स्थित कोठी के फर्जी सौदे में गिरफ्तार पत्रकार संजीव महाजन के तार अब इंडस्विफ्ट कंपनी से जुड़े पांच करोड़ के वैट घोटाले से भी जुड़ रहे हैं। इसीलिए सेक्टर-31 थाना पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टर एनआर मुंजाल को समन भेज उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 08:38 PM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 08:38 PM (IST)
चंडीगढ़ कोठी प्रकरणः पत्रकार संजीव महाजन की पत्नी इंडस्विफ्ट कंपनी की एंप्लाई, करोड़ों के वैट घोटाले से भी जुड़ा नाम
चंडीगढ़ पुलिस ने सेक्टर-37 ए स्थित कोठी के फर्जी सौदे में पत्रकार संजीव महाजन को गिरफ्तार किया है।

चंडीगढ़, जेएनएन। सेक्टर-37 ए स्थित कोठी के फर्जी सौदे में आरोपित पत्रकार संजीव महाजन की गिरफ्तारी के बाद फर्जीवाड़े की परतें खुलने लगीं हैं। संजीव महाजन के तार अब इंडस्विफ्ट कंपनी से जुड़े पांच करोड़ के वैट घोटाले से भी जुड़ रहे हैं। इसीलिए सेक्टर-31 थाना पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टर एनआर मुंजाल को समन भेज उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया है। पुलिस को पता चला है कि संजीव महाजन की पत्नी इंडस्विफ्ट कंपनी की एंप्लाई है। उसे प्रति माह डेढ़ लाख रुपये सैलरी मिलती थी। कंपनी से जुड़े वैट घोटाले की 17 जुलाई, 2018 को तत्कालीन एडवाइजर परिमल राय ने जांच के आदेश दिए थे। अब इस केस को यूटी विजिलेंस से क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर करवाने में संजीव की भूमिका की भी जांच शुरू की गई है।

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गौरतलब है कि वैट घोटाले के मामले में क्राइम ब्रांच के तत्कालीन इंस्पेक्टर अमनजोत ने कंपनी के डायरेक्टर एनआर मुंजाल को गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक वैट घोटाले के मामले की सेटलमेंट के बदले संजीव महाजन ने पत्नी को कंपनी में नौकरी दिलवाई थी। पुलिस का कहना है कि संजीव महाजन से पूछताछ में गलत तरीके से प्रॉपर्टी और पैसा बनाने के मामले में लगातार नई जानकारी मिल रही है।

यह भी पढ़ें - चंडीगढ़ में कोठी पर कब्जा कर धोखाधड़ी से बेचने के मामले में यूटी पुलिस के डीएसपी का भाई गिरफ्तार

कोठी की डील के बाद तेजी से बढ़ी संजीव महाजन की प्रॉपर्टी

सेक्टर-31 थाना पुलिस के हाथ पत्रकार संजीव महाजन के खिलाफ बड़ी प्रॉपर्टी के कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। पुलिस की जांच में सेक्टर-37 स्थित विवादित कोठी नंबर-340 के फर्जी सौदे के बाद महाजन की संपत्ति में तेजी से बढ़ोतरी हुई। पुलिस इन सभी संपत्ति की पड़ताल कर रही है।

संजीव महाजन ने 2017 के बाद इतनी प्रॉपर्टी बनाई, कई संदिग्ध 

  • 2017 में सेक्टर-37 स्थित कोठी बैंक ऑक्शन में 75 लाख की खरीदी (कीमत और पेमेंट की जांच)
  • 2017 में इंडेवर गाड़ी खरीदी (पेमेंट की जांच)
  • 2019 में अटावा स्थित 24 कमरे का कशिश कांप्लेक्स पत्नी के नाम पर खरीदा। (पेमेंट की जांच)
  • 2019-20 में कैंबवाला स्थित 42 मरले का प्लॉट एक दोस्त के साथ मिलकर बनाया। (मामला विवादित)
  • सनी एनक्लेव में साले की 10 मरले की कोठी में संजीव महाजन के इनवेस्टमेंट की जांच।
  • पंजाब के तोंगा में जीजा की मैट्रेसेस के बिजनेस में संजीव महाजन के इनवेस्टमेंट की जांच।
  • चंडीगढ़ के एक सेक्टर में कोठी सहित दो विवादित प्रॉपर्टी पर पुलिस की जांच जारी।

एस्टेट ऑफिस की फाइलें जलाने के मामले की दोबारा जांच

जनवरी, 2021 को एस्टेट ऑफिस की फाइलें जलाने के मामले में पुलिस दोबारा जांच शुरू कर चुकी है। गौरतलब है कि सेक्टर-37 स्थित कोठी के फर्जी सौदे की एसआइटी जांच की जानकारी मिलने के बाद 24 जनवरी को संजीव महाजन मौसी का बेटा बनकर नई दिल्ली स्थित अपना घर आश्रम में कोठी मालिक राहुल मेहता को लेने पहुंचा था। पुलिस को संदेह है कि एस्टेट ऑफिस में फर्जी दस्तावेज, नकली गवाह और नकली कोठी मालिक खड़ाकर रजिस्ट्री करवाने के सुबूत को जलाकर नष्ट कराने में कहीं संजीव महाजन का हाथ तो नहीं? पुलिस का दावा है कि इस एंगल पर भी कोठी प्रकरण की जांच चल रही है। 

डीएसपी और पूर्व एसएचओ पर अभी तक नहीं हुई कोई कार्रवाई

आरोपित शराब कारोबारी अरविंद सिंगला ने एसआइटी की जांच में शामिल होकर तत्कालीन डीएसपी सेंट्रल रामगोपाल के ऑफिस में मीटिंग होने और उनके भरोसे पर ही कोठी का सौदा होने की बात कही थी। डीएसपी रामगोपाल का प्रॉपर्टी डीलर भाई भी मामले में आरोपित है। वहीं, सेक्टर-39 थाने के तत्कालीन प्रभारी इंस्पेक्टर राजदीप सिंह पर साल 2017 में शिकायत आने पर कार्रवाई न करने का आरोप है। बावजूद इसके पुलिस विभाग ने इन दोनों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। 

इंडस्विप्ट कंपनी के वैट घोटाले की जांच प्रभावित करने और केस ट्रांसफर करवाने सहित कई पहलू पर संजीव महाजन की भूमिका सामने आई है। संजीव की पत्नी को प्रति माह सैलरी किस आधार पर आती थी और इसके अलावा किस योग्यता के आधार पर उसे नौकरी दी गई, इसकी भी जांच की जा रही है।

- कुलदीप सिंह चहल, एसएसपी चंडीगढ़।


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