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चंडीगढ़ के कर्मचारियों ने भाजपा अध्यक्ष को सौंपा मांगपत्र, गृह मंत्री से पुराने रेट्स पर फ्लैट अलॉट करने की मांग

यूटी इंप्लाइज हाउसिंग वेलफेयर सोसायटी का ग्यारह सदस्यीय शिष्टमंडल सोसायटी के प्रधान सरदार बलविंदर सिंह और महासचिव डॉ. धर्मेंद्र के नेतृत्व में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अरुण सूद को मिला और गृहमंत्री अमित शाह के नाम एक मांगपत्र सौंपा।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 11:15 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 11:15 AM (IST)
चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष को मांगपत्र सौंपते यूटी इंप्लाइज का शिष्टमंडल।

चंडीगढ़, जेएनएन। नगर निगम चुनाव नजदीक आते ही हाउसिंग इंप्लाइज स्कीम को लेकर एक बार फिर से कर्मचारियों ने संघर्ष शुरू कर दिया है। इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान यह मामला गरमया था। उस समय भाजपा नेताओं की ओर से योजना को सिरे चढ़ाने के दावे किए गए। बावजूद अभी यह स्कीम लटकी हुई। सरकारी कर्मचारी साल 2008 से अपनी छत के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अब कर्मचारियों ने गृह मंत्री अमित शाह से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। इस स्कीम को लेकर सिर्फ राजनीति गरमा रही है। हर नेता की ओर से सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है।

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यूटी इंप्लाइज हाउसिंग वेलफेयर सोसायटी का ग्यारह सदस्यीय शिष्टमंडल सोसायटी के प्रधान सरदार बलविंदर सिंह और महासचिव डॉ. धर्मेंद्र के नेतृत्व में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अरुण सूद को मिला और गृहमंत्री अमित शाह के नाम एक मांगपत्र सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने मांग की है कि स्कीम के तहत शुरुआत में जिस रेट पर फ्लैट का दाम तय किया गया था, उसी कीमत पर कर्मचारियों को फ्लैट अलॉट किए जाएं। महासचिव डॉ. धर्मेंद्र ने बताया कि गृहमंत्री से मांग की गई है कि यूटी इंप्लाइज हाउसिंग स्कीम-2008 के तहत बनने वाले 3930 फ्लैट्स ब्रोशर रेट पर ही दिए जाएं। स्कीम के तहत एक हजार के करीब यूटी इंप्लाइज ने आवेदन किया था।

डॉ. धर्मेंद्र ने बताया कि हाईकोर्ट में रेट्स के मुद्दे पर ही कर्मचारियों ने पांच याचिकाएं भी दायर की हुई हैं, जिनकी सुनवाई एक और 27 सितंबर को होगी। हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई से पहले वह गृह मंत्री से मिलकर मामला हल करने की कोशिश करेंगे। प्रदेशाध्यक्ष अरुण सूद ने शिष्टमंडल को विश्वास दिलाया कि वो बहुत जल्द केंद्रीय गृह मंत्री से मिलकर कर्मचारियों के इस काम को करवाने की कोशिश करेंगे, ताकि कर्मचारियों को उनके घर पुराने रेट्स पर ही मिल जाएं।

एप्लीकेशन मनी के रूप में जमा है 58 करोड़ रुपये

डॉ.धर्मेन्द्र ने बताया कि कर्मचारियों ने चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के पास 58 करोड़ रुपये भी एप्लीकेशन मनी के रूप में जमा करा दिए थे। 04-11-2010 को चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड द्वारा आयोजित ड्रा में 3930 कर्मचारी सक्सेसफुल रहे थे जिनको चंडीगढ हाउसिंग बोर्ड ने 2012 में रजिस्ट्रेशन लेटर भी जारी कर दिए थे। बावजूद आज तक इंप्लाइज अपने फ्लैट्स पाने का सपना ही देख रहे हैं। पिछले 13 साल में सैकड़ों कर्मचारी रिटायर हो गए और सैकड़ों ही रिटायर होने के करीब हैं। सैंकड़ों कर्मचारी तो रिटायर होने के बाद किराए के मकानों में रहने को मजबूर हैं। एक रिटायर्ड कर्मचारी रामदास सिंह तो फ्लैट ना मिलने पर परेशान होकर राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की मांग तक कर चुका है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ भाजपा पूर्व अध्यक्ष शसंजय टंडन और की सांसद  किरण खेर ने बहुत प्रयास करके केन्द्रीय कैबिनेट से यूटी इंप्लाइज के फ्लैट्स के लिए 61.5 एकड़ जमीन तो मंजूर करवा दी लेकिन अब तक फ्लैट्स बनने का रास्ता क्लीयर नहीं हुआ। डॉ.धर्मेन्द्र ने बताया कि इसमें अड़चन नए  कलेक्टर रेट्स बने हुए हैं। फ्लैट्स के लिए कुल 74 एकड़ जमीन मंजूर हो चुकी है ।


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