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चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों की बदलेगी नुहार, शिक्षा विभाग ने जारी किए 31 करोड़ रुपये, इन स्कूलों की होगी मरम्मत

चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों की नुहार बदलने वाली है। शिक्षा विभाग ने स्कूलों की मरम्मत के लिए 31 करोड़ का फंड जारी किया है। यह फंड प्रशासन के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट को दिया गया है। इंजीनियरिंग विभाग स्कूलों की कायाकल्प करेगा।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Sun, 13 Nov 2022 01:50 PM (IST)Updated: Sun, 13 Nov 2022 01:50 PM (IST)
चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों की बदलेगी नुहार, शिक्षा विभाग ने जारी किए 31 करोड़ रुपये, इन स्कूलों की होगी मरम्मत
शहर के 15 स्कूलों में रिपेयर वर्क किया जाएगा।
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। शहर के सरकारी स्कूलों में बेहतर और मूलभूत सुविधाएं देने के लिए शिक्षा विभाग ने 31 करोड़ रुपये का बजट इंजीनियरिंग विभाग को जारी किया है। यह पैसा प्रशासक के निर्देशानुसार इंजीनियरिंग विभाग को जारी किया गया है, ताकि स्कूलों में स्टूडेंट्स को बेहतर सुविधाएं मिल सके और सरकारी स्कूल देश के माडल बनकर उभर सके।
उल्लेखनीय है कि मई माह में दैनिक जागरण ने हल्लोमाजरा हाई स्कूल के स्टूडेंट्स टीन शेड में बैठने का मुद्दा उठाया था। हल्लोमाजरा स्कूल में टीन शेड की स्थिति देखने के बाद प्रशासन ने शहर के सभी स्कूलों की स्थिति को सुधार के आदेश दिए थे जिसके तहत शिक्षा विभाग ने मरम्मत कार्यो के लिए ग्रांट जारी की है।

सेक्टर-23 हेरिटेज स्कूल की रुकेगी लीकेज

शिक्षा विभाग द्वारा जारी बजट से शहर के ऐतिहासिक स्कूल गवर्नमेंट माडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-23 में बरसात के मौसम में होने वाले लीकेजे को ठीक किया जाएगा। गौरतलब है कि स्कूल का निर्माण 1950 के दशक हुआ था। चंडीगढ़ बनने के बाद पहले इस स्कूल में पंजाब और हरियाणा की विधानसभा चलती थी। शहर के निर्माण के बाद सेक्टर-10 में गवर्नमेंट माडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल की इमारत का निर्माण हुआ तो दोनों प्रदेशों की विधानसभा उस इमारत में शिफ्ट हुई और सेक्टर-23 के स्कूल में लंबे समय तक पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कालेज सेक्टर-11 चलता रहा है। स्कूल की इमारत पुरानी होने के चलते इसकी छतों से बरसात के मौसम में पानी रीसता था और कक्षाओं में पानी भर जाता है। पानी की लीकेज को ठीक करने के लिए शिक्षा विभाग ने 62 लाख रुपये की ग्रांट मंजूर की है, जिसके बाद स्कूल में मरम्मत का कार्य चल रहा है।

माडल हाई स्कूल सेक्टर-26 के लिए 64 लाख रुपये

हेरिटेज स्कूल सेक्टर-23 की मरम्मत के अलावा गवर्नमेंट माडल हाई स्कूल सेक्टर-26 पुलिस लाइन के स्कूल की स्थिति सुधारने के लिए भी विभाग की तरफ से 64 लाख रुपये की ग्रांट जारी की है। यह ग्रांट स्कूल में जर्जर हो चुकी इमारत को ठीक करने के लिए दी गई है। 

पीने के पानी और शौचालय पर विशेष ध्यान

शिक्षा विभाग की तरफ से जारी किए गए बजट में सबसे ज्यादा काम स्कूलों में पीने के पानी की व्यवस्था करने से लेकर शौचालय की स्थिति में सुधार करना है। उल्लेखनीय है कि शहर के कई स्कूलों में दिव्यांगों के अनुरूप शौचालय की व्यवस्था नहीं है। वहीं कई स्कूलों में पीने की पानी की सप्लाई फिल्टर के बजाए टंकी से नल तक आती थी जिसे विभाग ने बदलकर आरओ में लगाने के पब्लिक हेल्थ विभाग को अपील की है। इसी प्रकार से शहर के विभिन्न स्कूलों में बारिश के दौरान पानी भरता था जिसके निकास के लिए भी विभाग ने फंड जारी किया है।
           स्कूल                                      काम                   विभाग द्वारा फंड की मंजूरी
  • जीएमएसएसएस 20 डी          कोटा स्टोन लगाना                         46 लाख
  • जीएमएचएस हल्लोमाजरा              शौचालय निर्माण                     37 लाख
  • जीएसएसएस मनीमाजरा            काेटा स्टोन लगान                       51 लाख
  • जीएमएसएसएस -21                कोटा स्टोन लगाना                        68 लाख
  • जीएमएसएसएस एचबी मनीमाजरा     शौचालय निर्माण                    35 लाख
  • जीएमएचएस कालोनी नंबर-4            ग्रीन मार्बल लगाना                  48 लाख
  • जीएमएचएस विकास नगर मौलीजागरां     कोटा स्टोन और मरम्मत     79 लाख
  • जीएमएचएस सेक्टर-38 वेस्ट              शौचालय निर्माण                    50 लाख
  • जीएमएसएसएस सेक्टर-10                  शौचालय मरम्मत                 67 लाख
  • जीएमएसएस मौली कालोनी                   शौचालय मरम्मत                47 लाख
  • जीएमएचएस आरसी-1 धनास               रेनोवेशन और पीने का पानी   54 लाख
  • जीएचएसएस-25                              रेनोवेशन और सीवरेज निर्माण  79 लाख
  • जीएचएस सेक्टर-30                        कोटा स्टोन                            78 लाख
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"हमारा प्रयास स्कूलों में बेहतर सुविधाएं देना है। इसके लिए स्कूल की तरफ से जो भी डिमांड की जा रही है उसका इंजीनियरिंग विभाग द्वारा प्रपोजल बनाकर देने के बाद फंड जारी हो रहा है। विभाग का प्रयास विद्यार्थियों को स्मार्ट सिटी में बेहतर सुविधाएं देना है।
                                                -हरसुहिंदरपाल सिंह बराड़, डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन 

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