डीसीपीयू ने दो लावारिस बच्चों को किया रेस्क्यू, कई दिन से हाऊसिंग बोर्ड चौक मंदिर के पीछे रह रहे थे
बच्चे हाउसिंग बोर्ड चौक के सामने मंदिर के पीछे वाले मैदान में सो रहे थे। दिन मे वह किसी नजदीकी दुकान पर जाकर मांग कर खा पी रहे थे। दो दिन तक लगातार बच्चों को देखने के बाद दुकानदार ने डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड राईट प्रोटेक्शन यूनिट को सूचना दी।
चंडीगढ़, जेएनएन। बिना मां बाप के करीब एक हफ्ते से मणिमाजरा में रह रहे दो बच्चे शिवा और मोनू को वीरवार को डिस्ट्रिक चाइल्ड राइट प्रोटक्शन यूनिट की टीम ने रेस्क्यू किया। छह और सात वर्षीय दोनों बच्चे खुले मैदान में सो रहे थे। वह नजदीक किसी दुकान के पास दिन में जाकर खाते पीते थे। दुकानदार के कहने पर बच्चों को डीसीपीयू ने रेस्क्यू किया। उन्हें कोरोना नियमों के तहत क्वारंटाइन कर दिया गया है।
दो दिन देखने के बाद दुकानदार ने बुलाई डीसीपीयू
लावारिस बच्चे हाउसिंग बोर्ड चौक के सामने मंदिर के पीछे वाले मैदान में सो रहे थे जबकि दिन मे वह किसी नजदीकी दुकान पर जाकर मांग मांग कर खा पी रहे थे। दो दिन तक लगातार बच्चों को देखने के बाद दुकानदार ने डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड राईट प्रोटेक्शन यूनिट को सूचना दी जिसके बाद उन्हें रेस्क्यू किया गया।
रेलगाडी के नीचे आ गए मम्मी पापा
रेस्क्यू किए गए बच्चों के अनुसार उनके मम्मी पापा रेलगाड़ी के नीचे आकर मर गए है। वह झोपड़ी मे रहते थे वह भी गिर गई। इसलिए वह घूमते घूमते यंहा आ गए है। बच्चे अपने माता पिता का नाम राजा और सीमा बता रहे हैं जबकि घर का पता उन्हें नहीं मालूम है।
फिल्मी डायलॉग के शौकीन
डीसीपीयू द्वारा रेस्क्यू किए गए दोनों बच्चे हिंदी फिल्मों के डायलॉग बोलते हैं। वे कौन से स्कूल में जाते थे और क्या पढ़ाई करते थे, इसके बारे में जानकारी देने में असमर्थ हैं।
माता-पिता की हो रही खोज
डीसीपीयू ऑफिसर मोहम्मद अरशद ने बताया कि दोनों बच्चों को रेस्क्यू करने के बाद उनके घर का पता और माता-पिता की खोज की जा रही है। पता चलते ही बच्चों को जल्द वापस घर पहुंचाया जाएगा।