इस शहर की डेंगू टेस्टिंग लैब अधिकारियों के लिए ही बनी परेशानी
डॉ. रविंद्र मलिक , चंडीगढ़: शहर में डेंगू के मरीज बढ़ने से मलेरिया विंग के अधिकारी मुख्य रूप से दो परेशानियों से जूझ रहे हैं। पहला है चंडीगढ़ की डेंगू सैंपल टेस्टिंग लैब पर बाहरी मरीजों का बढ़ता बोझ और दूसरा है बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज के लिए आने पर गलत पता लिखवाना।
डॉ. रविंद्र मलिक , चंडीगढ़: शहर में डेंगू के मरीज बढ़ने से मलेरिया विंग के अधिकारी मुख्य रूप से दो परेशानियों से जूझ रहे हैं। पहला है चंडीगढ़ की डेंगू सैंपल टेस्टिंग लैब पर बाहरी मरीजों का बढ़ता बोझ और दूसरा है बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज के लिए आने पर गलत पता लिखवाना। चंडीगढ़ के मलेरिया विंग के अधिकारियों की मानें तो मोहाली और पंचकूला से डेंगू के सैंपल भी टेस्टिंग के लिए आ रहे हैं। टेस्टिंग के मामले में चंडीगढ़ का हिस्सा महज 20 फीसदी है बाकि बाहरी राज्यों व जिलों से है। इसके चलते चंडीगढ़ पर लगातार दबाव बढ़ रहा है जिसके चलते यहा डेंगू की रोकथाम और मरीजों के इलाज में परेशानी होती है।
हम 20 फीसद बाकि 80 फीसद में हरियाणा, हिमाचल और पंजाब
यह भी सामने आया है कि सबसे ज्यादा डेंगू की टेस्टिंग के केस पंजाब से आ रहे हैं। कुल सैंपल का 40 फीसद पंजाब से है और इनमें मोहाली सबसे आगे है। हरियाणा से भी करीब 20 फीसदी सैंपल आ रहे हैं। 20 फीसद ही हिमाचल से आ रहे हैं। बचे हुए में चंडीगढ़ है।
डेंगू के लिए 2 और मलेरिया सैंपल के लिए 2 टेस्िटग लैब
चंडीगढ़ में डेंगू के सैंपल की टेस्टिंग के लिए दो लैब हैं। एक मनीमाजरा में है तो दूसरी गवनमर्ेंट अस्पताल , सेक्टर 16 में है। यहा पर बाहरी सैंपल ज्यादा आने से दबाव ज्यादा रहता है। शहर के अन्य अस्पतालों के सैंपल भी यहीं चैक होने आते हैं। इसके अलावा मलेरिया के लिए चार लैब हैं।
30 मरीजों ने बताया गलत पता, अधिकारी काट रहे चक्कर
यह भी पता लगा है कि इलाज के लिए आए मरीज गलत पता लिखा रहे हैं जो कि चंडीगढ़
के डॉक्टर्स के लिए परेशानी का सबब बन गया है। अब तक 25 से 30 मरीज ऐसे आए हैं
जिन्होंने दस्तावेज में गलत पता लिखवाया है। एक बार इलाज के बाद डॉक्टर व टीम
फॉलोअप के लिए दिए पते पर जाती है तो वहा मरीज नहीं मिलता है।
क्या कहते हैं अधिकारी
चंडीगढ़ की लैब पर डेंगू सैंपल की टेस्टिंग में बाहरी राज्यों का दबाव ज्यादा
है। वहा के मरीजों के सैंपल ज्यादा आ रहे हैं। इसके अलावा गलत पते के मरीजों
ने भी परेशानी खड़ी कर रखी है। टीम वहा जाती है लेकिन मरीज नहीं मिलते हैं।
डॉ.रूपिंद्रजीत सिंह, असिस्टेंट डायरेक्टर, मलेरिया विंग