गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की याचिका खारिज, सिर्फ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही होगी पेशी
लॉरेंस बिश्नोई ने याचिका दायर की थी कि यूटी पुलिस लॉरेंस को भरतपुर की जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाते समय फेक एनकाउंटर में मार सकती है।
चंडीगढ़, [राजन सैनी]। जिला अदालत ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की याचिका को खारिज कर दिया है। बिश्नोई इस समय राजस्थान की भरतपुर जेल में बंद है। बिश्नोई की तरफ से पेश हुए वकील तरमिंदर सिंह ने याचिका लगाई थी कि यूटी पुलिस लॉरेंस को भरतपुर की जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाते समय फेक एनकाउंटर में मार सकती है। इसलिए जब लॉरेंस को लाया जाए तो उसके हाथों में हथकड़ी लगाकर लाया जाए। इसके साथ ही उसे प्रोडक्शन वारंट के बारे में पहले से सूचित किया जाए।
लॉरेंस की इस याचिका का सरकारी वकील ने विरोध करते हुए कहा कि लॉरेंस पर हत्या, हत्या के प्रयास और रंगदारी के पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और राजस्थान में कई मामले दर्ज है। इसके साथ ही सेक्टर-33 और सेक्टर-9 के गोलीकांड में भी लॉरेंस का नाम सामने आ रहा है। मामले की जांच अभी जारी है। ऐसे में याचिकाकर्ता की इस याचिका को मंजूरी देने के बारे में कोई भी प्रावधान किसी भी कानून या किसी हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के आदेशों में नहीं है। याचिकाकर्ता सिर्फ खुद को बचाने में लगा हुआ है। इसलिए उसकी याचिका को खारिज किया जाए।
वहीं जिला अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद लॉरेंस बिश्नोई की इस याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही कहा है कि कोविड-19 के चलते अभी आरोपित को फिजिकल रूप से कोर्ट में पेश नहीं किया जा सकता। जब तक पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश नहीं आ जाते, तब तक सिर्फ आरोपितों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही पेश किया जा सकता है।
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