चंडीगढ़ कॉलेज प्रोफेसर डॉ. महेंद्र निभा रहे कोविड ड्यूटी, बोले- लोगों तक सुविधाएं पहुंचाना मेरा मकसद
डॉ. महेंद्र वर्तमान में कोविड हेडक्वाटर सेक्टर-26 में सेवा दे रहे हैं। जिसके तहत वह रोज कंटेनमेंट एरिया का निर्माण और उसके बाद वहां पर रह रहे लोगों को सुविधाएं मुहैया करवाने का काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि लोगों तक सुविधाएं पहुंचाना ही मेरा मुख्य मकसद है।
चंडीगढ़, जेएनएन। कर्म सबसे बड़ा धर्म और पुण्य माना जाता है। इसी सोच के साथ मैं भी बीते एक साल से लगतार कोविड में ड्यूटी दे रहा हूं। यह कहना है पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज सेक्टर-11 के प्रोफेसर डॉ. महेंद्र सिंह का।
डॉ. महेंद्र वर्तमान में कोविड हेडक्वाटर सेक्टर-26 में सेवा दे रहे हैं। जिसके तहत वह रोज कंटेनमेंट एरिया का निर्माण और उसके बाद वहां पर रह रहे लोगों को सुविधाएं मुहैया करवाने का काम कर रहे हैं। डॉ. महेंद्र ने कहा कि जब से मैं कोरोना में ड्यूटी दे रहा हूं उस समय से मेरे घर में सब ठीक चल रहा है। भगवान किसी प्रकार की रुकावट नहीं दे रहा। मेरे घर के सभी सदस्य पूरी तरह से स्वस्थ हैं। मुझे लगता है कि मेरे कर्म का फल मुझे परिवार की सुख-स्मृद्धि के तौर पर मिल रहा है। इसलिए मैं खुशी से काम करने में जुटा हुआ हूं।
बापूधाम में दी ड्यूटी, अब मनीमाजरा है बड़ा टारगेट-
डॉ. महेंद्र ने कहा कि वर्ष 2020 में सेक्टर-26 स्थित बापूधाम एरिया जो कोरोना हॉट-स्पॉट था, वहां के लोगों को कोरोना संक्रमण से मुक्त करना बड़ा टारगेट था। जिसमें तत्कालीन एसडीएम संधाशु गौतम के नेतृत्व में काम किया और इस समय एसडीएम रूचि सिंह के दिशा-निर्देश में काम कर रहा हूं। इस समय सबसे बड़ा टारगेट मनीमाजरा एरिया बना हुआ है जहां पर हर रोज 10 से 15 कोरोना केस रूटीन में आ रहे हैं। कॉलेज में ड्यूटी देने के दौरान सिर्फ स्टूडेंट्स की भावनाओं और उनके हाव-भाव को ही समझ पाया था लेकिन आज महामारी में ड्यूटी देते हुए मैं इंसानियत को नजदीक से देख रहा हूं और उनकी सोच को समझ पा रहा हूं।
सकारात्मकता के साथ बेहतर खान-पान जरूरी
कोरोना काल में लगातार ड्यूटी देते हुए डॉ. महेंद्र कोरोना संक्रमण से बचे रहे है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लगातार काम करते हुए मैंने हमेशा बेहतर होने की उम्मीद रखी है। कभी भी यह नहीं सोचा कि मुझे कुछ हो जाएगा या फिर मरीज से मिलने से वह मर जाएंगे या सब खत्म हो गया। जब भी मैं किसी कोरोना मरीज को देखता हूं तो मुझे उम्मीद रहती है कि यह जिदंगी का ठहराव है, जिसके बाद उनकी जिदंगी की नई शुरुआत होगी और सब पहले से भी बेहतर हाे जाएगा। इसके साथ मैं खान-पान पर जरूर ध्यान रखता हूं। मैं स्वास्थ्य पर फोकस करता हूं जिसके चलते मैं स्वस्थ हूं और मेरा परिवार भी स्वस्थ है।