Chandigarh BJP खुद निभा रही विपक्ष की भूमिका, नेता बोले- अफसरशाही हावी, इसलिए देने पड़ रहे धरने
शहर में इन दिनों भाजपा ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। या यूं कहें कि चंडीगढ़ भाजपा खुद ही विपक्ष की भूमिका निभा रही है। यूटी प्रशासन पूरी तरह से केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन है। शहर की सांसद और निगम पर भी भाजपा काबिज है।
चंडीगढ़, [राजेश ढल्ल]। शहर में भारतीय जनता पार्टी (BJP) खुद ही विपक्ष की भूमिका निभा रही है। अधिकारियों के खिलाफ भाजपा नेताओं ने मोर्चा खोला हुआ है। कांग्रेस (Congress) और आप को मुद्दा बनाने के बजाय भाजपा नेता खुद ही धरने (Protest) पर बैठ जाते हैैं। इससे पहले जब तक शहर में कांग्रेस का सांसद रहा, कभी भी पार्टी नेताओं ने प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन नहीं किया, जबकि वह भी प्रशासन की अफसरशाही से दुखी थे। लेकिन इस समय भाजपा नेताओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लोगों के लिए अगर उन्हें आगे भी प्रशासन का विरोध करना पड़ा तो वह पीछे नहीं हटेंगे। उनकी इस बात का समर्थन पार्टी प्रभारी एवं सांसद दुष्यंत गौतम ने भी किया है।
हाल ही में मेयर चुनाव से पहले मनीमाजरा में हाउसिंग बोर्ड के मकानों को तोडऩे की कार्रवाई के खिलाफ भाजपा महासचिव रामवीर भट्टी सहित अन्य नेताओं ने प्रदर्शन किया और सेक्टर-9 हाउसिंग बोर्ड कार्यालय के बाहर दो दिन धरने पर बैठे रहे। जबकि यूटी प्रशासन पूरी तरह से केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन है। जिनके मंत्री अमित शाह हैं। शहर की सांसद के अलावा नगर निगम पर भी भाजपा का कब्जा है।
पहले भी दिए जा चुके हैैं धरनेे
बीते साल प्रशासन ने जब लाल डोरे के अंदर वाले मकानों की रजिस्ट्रियां बंद कर दी थी तब भी भाजपा नेताओं ने महासचिव रामवीर भट्टी के नेतृत्व में दो दिन तक डीसी आफिस के बाहर प्रदर्शन किया था। इसके बाद प्रशासन ने रजिस्ट्रियां खोल दी। इसके बाद गांवों के सभी विकास कार्य ठप्प होने के कारण भाजपा नेता कमिश्नर केके यादव को मिलने के लिए पहुंचे जब उन्हें तुरंत मिलने का समय नहीं मिला तो उस समय ही भाजपा नेता गौरव गोयल ने कमिश्नर के पीए को थप्पड़ मार दिया था और उसके बाद भाजपा नेता नगर निगम परिसर में कमिश्नर के खिलाफ धरने पर बैठ गए थे।
अधिकारियों से भी हुई बहस
मालूम हो कि जब से अरुण सूद अध्यक्ष बने हैैं तब से पार्टी प्रशासन के खिलाफ अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। सदन की बैठक में भी भाजपा के पार्षद कई बार वेंडर्स और काम न होने के कारण कमिश्नर सहित अन्य अधिकारियों के साथ बवाल कर चुके हैं। भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद अफसरशाही के रवैया की शिकायत प्रशासक वीपी ङ्क्षसह बदनौर के अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी कर चुके हैं।
शहरवासियों की समस्याओं को दूर करने के लिए उनकी पार्टी वचनबद्ध है। उनकी पार्टी के कार्यकर्ता लोगों के लिए ही धरने पर बैठते हैं। अफसरों की जवाबदेही जनता के प्रति तय होनी चाहिए। इसलिए लोगों के कामों के लिए अगर भविष्य में भी पार्टी को अफसरों के खिलाफ जाना पड़ा तो वह पीछे नहीं हटेंगे। लोगों को शहर की समस्याओं के लिए भाजपा से ही उम्मीद है।
-अरुण सूद, अध्यक्ष, भाजपा
खुद ही भाजपा के नेता पहले समस्या खड़ी करते हैं और बाद में उसे हल करवाने का क्रेडिट लेने का प्रयास करते हैं। नगर निगम के सदन की बैठक में पहले लोगों पर टैक्स लगाने और पानी के रेट बढ़ाने का प्रस्ताव पास कर दिया और बाद में फिर इसे रिवाइज करने का प्रस्ताव पास करने का ड्रामा कर दिया। शहरवासी समझदार सब जानते हैं। भाजपा अपनी असफलता अफसरों पर डाल रही है।
-प्रदीप छाबड़ा, कांग्रेस अध्यक्ष