ऑनलाइन ठगी में सबसे आगे चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा को पछाड़ा
चंडीगढ़ में ऑनलाइन ठगी में लगातार वृद्धि हाे रही है। इस मामले में यह पंजाब और हरियाणा से भी अागे निकल गया है।
चंडीगढ़, [अमित कुमार गुप्ता]। सिटी ब्यूटीफुल अब उतना ब्यूटीफुल नहीं रहा, खासकर अपराध के मामले में। यहां ऑनलाइन ठगी व साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है। ऑनलाइन ठगी में यह पंजाब और हरियाणा से भी आगे निकल गया है। सबसे बड़ी दिक्कत ऐसे मामलों को सुलझाने और इस पर लगाम लगाने में पुलिस की विफलता है। साइबर क्राइम के मामले में चंडीगढ़ देश में सातवें नंबर पर है।
अधिकतर मामले अनसुलझे हैं क्योंकि साइबर सेल अत्याधुनिक तौर पर सशक्त नहीं है। आरोपी एटीएम अपग्रेड, मोबाइल रिचार्ज जीतने का झांसा, जॉब दिलवाने, फर्जी अकाउंट बनाकर, वेब साइड हैक कर जैसे कई तरीकों से धोखाधड़ी कर रहे हैं। साइबर क्राइम में पिछले एक वर्ष में अलग-अलग मामलों में 1644 मामले सामने आए। इसमें विभाग 705 मामले ही सुलझा पाया।939 मामले में जांच ही अटकी हुई हैं।
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एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक यूटी में चंडीगढ़ साइबर क्राइम 2016 में सबसे आगे है। सबसे ज्यादा कैसे करते है आरोपी ठगी, कैसे कर सकते है इसके बारे में लाेगों में जागरूकता जरूरी है। हम आपको ऐसी कुछ अहम बातों के बारे में बताते हैं, जिससे इस तरह की ठगी से बच सकते हैं।
शातिर ऐसे करते हैं ठगी
- फर्जी बैंक अधिकारी बनकर एटीएम की जानकारी पूछना।
- नौकरी लगाने के नाम पर।
- सिमकार्ड अपडेट करने के बहाने।
- ऑनलाइन शॉपिंग में डिस्काउंट के बहाने।
- फर्जी ई-मेल के माध्यम से।
- मोबाइल टॉवर लगाने के नाम पर।
- मोबाइल मैसेज सर्विस के माध्यम से।
- विदेश भेजने के नाम पर।
- वेबसाइट के माध्यम से संपर्क करके शादी का झांसा देकर।
- बीमारी और समस्याओं के निराकरण का झांसा देकर।
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फ्रॉड से ऐसे बचें
अगर कोई व्यक्ति आपको फोन कर यह कहे कि आपका बैंक अकाउंट बंद होने वाला है। या फिर एटीएम कार्ड की वैलेडिटी खत्म हो गई है। ऐसे में किसी को अपना एटीएम कार्ड या पिन नंबर न बताएं। एटीएम कार्ड के सीवी नंबर की जानकारी न दें। एटीएम कार्ड की वैलेडिटी डेट न बताएंअबचें। इसके अलावा ओटीपी नंबर बताने से भी बचें।
ठगी होने के बाद क्या करें
- ऑनलाइन ठगी का शिकार होते ही तत्काल पुलिस को सूचना दें।
-बैंक जाएं और खाता पर लेनदने बंद कराएं।
- बैंक से मिली जानकारी पुलिस या साइबर सेल को दें।
- ठगी के बाद पुलिस को सूचना देने और बैंक से जानकारी लेने में जितनी देरी होगी, पैसे की रिकवरी उतनी कम रहेगी।
चंडीगढ में ऑनलाइन ठगी और साइबर क्राइम एक नजर में-
अपराध मामले कुल मामले- सुलझे
1-एटीएम कार्ड मिसयूज- 236 88
2-ऑनलाइन ट्राजंक्शन- 513 214
3-ऑनलाइन जॉब 64 13
4-ऑनलाइन चीटिंग 98 74
5-ऑनलाइन लोन 18 09
6-वेबसाइट हैक 47 24
7- ऑनलाइन हैरासमेंट 196 75
8-ऑनलाइन प्राइज 98 74
9- डाटा मिसयूज 37 32
10-फेक अकाउंट चीटिंग 41 25
साइबर क्राइम में आने वाले मामलों को जल्द से जल्द सुलझाने की कोशिश रहती है। इसके लिए आए दिन लोगों को जागरूक किया जाता है। कई बैंकों में जाकर अधिकारियों और ग्राहकों को जागरूक किया जाता है।
- रश्मि यादव, डीएसपी साइबर क्राइम, चंडीगढ़।