देसी 20 और व्हिस्की 80 रुपये तक हुई महंगी, बीयर के नहीं बढ़े रेट
यूटी के प्रशासक वीपी सिह बदनौर ने शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए न्यू एक्साइज पॉलिसी जारी कर दी।
जेएनएन, चंडीगढ़। यूटी के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने शुक्रवार को विलाीय वर्ष 2019-20 के लिए न्यू एक्साइज पॉलिसी जारी कर दी। नई पॉलिसी के तहत देसी शराब 20 रुपये तक और व्हिस्की 80 रुपये तक महंगी हो जाएंगी, जबकि बीयर के रेट में कोई बदलाव नही किया गया है। नई पॉलिसी आने के बावजूद पंजाब और हरियाणा के मुकाबले चंडीगढ़ मे शराब सस्ती रहेगी।
असिस्टेंट एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर आरके चौधरी ने बताया कि, नई एक्साइज पॉलिसी के मुताबिक इस बार शराब के ठेको की नीलामी ई-टेंडरिग के जरिए होगी। ताकि ठेको की नीलामी मे किसी भी प्रकार से कोई गड़बड़ी न हो सके। वही परमिट व पास आदि की अप्रूवल के लिए इस बार ऑनलाइन सिस्टम अपनाया जाएगा। इसके लिए एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग ने ऑनलाइन साफ्टवेयर तैयार कर लिया है। अब शराब कारोबारियो को परमिट, पास व अन्य दस्तावेजो के अप्रूवल के लिए विभाग के चक्कर नही लगाने पड़ेंगे।
इस साल 600 करोड़ रुपये के रेवेन्यू का टारगेट
आरके चौधरी ने बताया कि पिछले विलाीय वर्ष मे एक्साइज डिपार्टमेंट ने 510 करोड़ रुपये के रेवेन्यू का टारगेट रखा था, जो लगभग पूरा हो चुका है। विलाीय वर्ष 2019-20 के लिए एक्साइज डिपार्टमेंट ने 600 करोड़ रुपये रेवेन्यू का टारगेट रखा है। यह पिछले साल के मुकाबले इस साल 18 प्रतिशत अधिक है।
पहली बार ई टेडर के जरिए होगी नीलामी
चौधरी ने बताया कि पहली बार चंडीगढ़ प्रशासन शराब ठेको की नीलामी ई टेंडर के जरिए की जाएगी। ताकि शराब ठेको के अलॉटमेंट में किसी भी प्रकार से कोई गड़बड़ी न हो सके। इसके अलावा परमिट व पास ऑनलाइन उपलब्ध होगे। इसी के साथ विभाग ने इस बार शराब ठेको (लाइसेंसिग यूनिट) की संख्या 88 से बढ़ाकर 98 कर दी है। बता दें पिछली बार 99 शराब ठेको को नीलामी में रखा गया था, लेकिन इनमें से 10 के करीब शराब ठेके नीलाम नही हो सके थे। विभाग के मुताबिक एक शराब ठेकेदार या ग्रुप ज्यादा से ज्यादा 10 शराब ठेके नीलामी मे खरीद सकेगा।
माइक्रोब्रेवरी की एक्साइज ड्यूटी 20 रुपये प्रति बीएल हुई कम
माइक्रोब्रेवरी की एक्साइज ड्यूटी 50 रुपये प्रति बल्क लीटर से 30 रुपये प्रति बल्क लीटर कर दी गई है। ताकि कस्टमर को हार्ड लीकर से साफ्ट लीकर पर शिफ्ट किया जा सके। इसके अलावा माइक्रोब्रेवरी प्लांट, रेस्टोरेंट्स, पब और बार मे माइक्रोब्रेवरी की लाइसेंस फीस मे कोई बढ़ोलारी नही की गई है। माइक्रोब्रेवरी के लिए पुराने रेट पर ही लाइसेंस मिलेगा। इसके अलावा बीयर और वाइन इंडस्ट्री को बूस्ट अप करने के लिए लाइसेंस फीस मे कोई बदलाव नही किया गया है। 12 हजार रुपये मे ही बीयर व वाइन सर्व करने का साल भर का लाइसेंस मिल जाएगा। जबकि वाइन पर लेबल रजिस्ट्रेशन की फीस 15 हजार रुपये प्रति ब्रांड से कम कर 10 हजार रुपये प्रति ब्रांड कर दिया गया है।
सिक्योरिटी अमाउंट मे पांच फीसद की छूट
न्यू पॉलिसी के मुताबिक शराब ठेकेदारो और कारोबारियो को सिक्योरिटी अमाउंट जमा कराते समय पांच फीसद की छूट दी गई है। पहले 25 प्रतिशत सिक्योरिटी अमाउंट जमा कराना अनिवार्य होता था, लेकिन अब 20 प्रतिशत ही सिक्योरिटी देनी होगी। जबकि महीने के लाइसेंस के लिए फीस को अब कुल 10 इंस्टालमेंट मे जमा करा सकते है। इससे पहले लाइसेस फीस जमा कराने के लिए केवल आठ इंस्टालमेंट ही थी। इसके अलावा इम्पोर्टेड वाइन, इंडियन वाइन और इम्पोर्टेड बीयर को प्रोमोट करने के लिए छोटे दुकानदारो को एल-2डी लाइसेंस उपलब्ध होगा। इसके लिए छोटे दुकानदारो को गुड्स एंड सर्विस एक्ट 2017 के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होगा। एल-2डी लाइसेंस के लिए 2 लाख रुपये फीस रखी गई है।
कंट्री लिकर का कोटा 6 लाख प्रूफ लीटर हुआ कम
न्यू एक्साइज पॉलिसी के मुताबिक कंट्री लीकर (देसी शराब) का कोटा 10 लाख प्रूफ लीटर से कम कर 4 लाख प्रूफ लीटर कर दिया गया है, जबकि इंडियन मेड फॉरेन लीकर (आइएमएफएल) का कोटा 90 लाख प्रूफ लीटर से एक करोड़ प्रूफ लीटर कर दिया गया है। कंट्री लीकर के कोटे में से 20 प्रतिशत कोटा आइएमएफएल में कन्वर्ट कर दिया है।
विदेशी शराब का कोटा 4 लाख प्रूफ लीटर फिक्स
शराब तस्करी पर रोक लगाने के लिए एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने इस बार फॉरेन लीकर यानी विदेशी शराब का कोटा फिक्स कर दिया है। फॉरेन लीकर का कोटा 4 लाख प्रूफ लीटर कर दिया गया है, जबकि 20 प्रतिशत कोटा इंडियन मेड फॉरेन लीकर (आइएमएफएल) में कन्वर्ट कर दिया है। ताकि शराब तस्करी से सरकार को राजस्व के होने वाले नुकसान से बचाया जा सके।
बिल देना जरूरी, नही तो होगा चालान
न्यू एक्साइज पॉलिसी के मुताबिक शराब ठेको को कस्टमर को शराब बेचते समय बिल देना अनिवार्य होगा। हालांकि इससे पहले भी विभाग ने शराब बेचते समय कस्टमर को बिल देना अनिवार्य किया था, लेकिन शहर में कई शराब ठेके ऐसे है, जो कि कस्टमर को बिल नही देते। इस साल विभाग ने शराब बेचने पर कस्टमर को बिल न देने पर कई शराब ठेको पर सख्त कार्रवाई की थी। इस साल शहर के 40 से ज्यादा शराब ठेको पर बिल न देने पर कार्रवाई करते हुए लाखो रुपये का चालान किया गया था।
डिपार्टमेंटल स्टोर पर शराब बेचने का कोटा कम हुआ
एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने वर्ष 2019-20 की एक्साइज पॉलिसी में डिपार्टमेंटल स्टोर पर बेचे जाने वाली शराब का कोटा पहले से कम कर दिया है। पॉलिसी के मुताबिक अब डिपार्टमेंटल स्टोर का शराब कोटा 5 हजार प्रूफ लीटर से कम कर 3 हजार प्रूफ लीटर कर दिया गया है, जबकि डिपार्टमेंटल स्टोर पर शराब बेचने के लाइसेंस फीस में कोई कटौती नही की गई है। 20 लाख रुपये मे एक साल के लिए कोई भी डिपार्टमेंटल स्टोर शराब बेचने का एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट से लाइसेंस ले सकता है।
होटल और रेस्टोरेंट्स में अब एल्कोमीटर लगाना अनिवार्य
न्यू एक्साइज पॉलिसी के मुताबिक अब शहर के उन सभी होटल और रेस्टोरेंट्स को 1 अप्रैल से एल्कोमीटर लगाना अनिवार्य होगा, जो कि अपने कस्टमर को शराब परोस रहे हैं। शहर में इस समय 92 के करीब डिस्कोथेक, बीयर बार, होटल और रेस्टोरेंट्स हैं, जहां कस्टमर को शराब सर्व की जाती हैं। अब इन सभी होटल व रेस्टोरेंट्स मालिको को एक अप्रैल से एल्कोमीटर लगाना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर एक्साइज एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।