कार्यकाल समाप्ति से पहले प्रशासक बदनोर दोबारा बुलाएंगे एडवाइजरी काउंसिल की मीटिंग, चंडीगढ़ को दे सकते हैं सौगातें
चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनोर का कार्यकाल चंडीगढ़ में 4 महीने से भी कम समय का बचा है। बदनोर चाहते हैं कि शहर के प्रमुख कार्यों को अपने कार्यकाल में पूरा करके जाएं। वे अगली एडवाइजरी काउंसिल की मीटिंग में वह शहर को कई बड़ी तोहफे दे सकते हैं।
चंडीगढ़ [बलवान करिवाल]। प्रशासक वीपी सिंह बदनोर का कार्यकाल चंडीगढ़ में 4 महीने से भी कम समय का बचा है। कार्यकाल के अंतिम दौर में प्रशासक पहले ही शहर के प्रमुख प्रोजेक्ट और विकास कार्य जल्द पूरा करने के निर्देश अधिकारियों को दे चुके हैं। इस बीच 10 फरवरी को आयोजित हुई प्रशासक की एडवाइजरी काउंसिल की मीटिंग में शामिल एजेंडा, मेंबरों के सुझाव के अनुसार तेजी से विकास कार्य पूरा करने के निर्देश प्रशासक ने दिए हैं। बदनोर चाहते हैं कि शहर के प्रमुख कार्यों को अपने कार्यकाल में पूरा करके जाएं।
इसी को देखते हुए एडवाइजरी काउंसिल की स्टैंडिंग कमेटी ने भी प्रमुख मुद्दों पर मीटिंग करनी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि प्रशासक अप्रैल के आखिर या मई में दोबारा एडवाइजरी काउंसिल की मीटिंग बुला सकते हैं। इस मीटिंग में सभी स्टैंडिंग कमेटी अपनी रिपोर्ट पेश करेंगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर जो भी कार्य या फैसले लिए जा सकते हैं, उन्हें लिया जाएगा सोमवार को स्टैंडिंग कमेटी हेल्थ की मीटिंग हो भी चुकी है। इसके बाद ट्रैफिक और लॉ एंड आर्डर जैसी दूसरी कमेटी भी अपनी मीटिंग जल्द करेंगे
संजय टंडन ने उठाए थे एडवाइजरी काउंसिल पर सवाल
फरवरी में हुई एडवाइजरी काउंसिल की मीटिंग पर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ नेता संजय टंडन ने सवाल उठाए थे। टंडन ने कहा था कि हर बार एडवाइजरी काउंसिल की मीटिंग बुला ली जाती है। इसमें सुझाव ले लिए जाते हैं लेकिन उन पर क्या निर्णय लिए, यह नहीं पता चलता है। मीटिंग केवल सुझाव तक सिमट कर रह जाती है। उनकी ये सवाल मीटिंग के बाद भी सुर्खियों में रहे थे। अब प्रशासक चाहते हैं कि कार्यकाल के अंतिम दिनों में दोबारा से एडवाइजरी काउंसिल की मीटिंग बुलाकर जो भी निर्णय से जुड़े हो सकते हैं उन्हें लिया जाए l
स्टैंडिंग कमेटी ने नर्सिंग होम को दी मंजूरी
स्टैंडिंग कमेटी हेल्थ ने सोमवार को अपनी पहली मीटिंग की जिसमें कमेटी ने रेजिडेंशियल एरिया के अंदर नर्सिंग होम को खोलने की मंजूरी दे दी है। अभी तक चंडीगढ़ में नई नर्सिंग होम खोलने की मंजूरी नहीं है। पहले से जो 28 नर्सिंग होम खुले थे, उनमें से भी 16 बंद हो चुके हैं। अब स्टैंडिंग कमेटी ने शहर की जरूरत को देखते हुए इन्हें खोलने की मंजूरी दे दी है। यह मीटिंग पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन की अध्यक्षता में हुई। नर्सिंग होम के लिए पहले से ही यूटी प्रशासन ने एक पॉलिसी बना रखी है, जिसमें एक नाली या उससे अधिक के घर में ही नर्सिंग होम खोला जा सकता है। साथ ही घर के बाहर जितनी गाड़ियों की पार्किंग का स्पेस होगा उतने ही बेड की मंजूरी नर्सिंग होम को मिलेगी। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय एडवाइजरी काउंसिल की मीटिंग में मिलेगी। एडवाइजरी काउंसिल की मीटिंग में स्टैंडिंग कमेटी अपनी रिपोर्ट पेश करेगी l