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बिजली विभाग के निजीकरण पर चंडीगढ़ प्रशासन की रोक, अब नई पॉलिसी के तहत होगा टेंडर

चंडीगढ़ बिजली विभाग के निजीकरण के फैसले पर चंडीगढ़ प्रशासन ने रोक लगा दी है। इससे पहले नौ नवंबर 2020 को चंडीगढ़ प्रशासन ने इलेक्ट्रिसिटी प्राइवेटाइजेशन को लेकर कंपनियों से आवेदन मांगे थे। लेकिन अब नई पॉलिसी के तहत टेंडर जारी होगा।

By Ankesh KumarEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 12:49 PM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2021 12:49 PM (IST)
बिजली विभाग के निजीकरण पर चंडीगढ़ प्रशासन की रोक, अब नई पॉलिसी के तहत होगा टेंडर
बिजली विभाग के निजीकरण पर चंडीगढ़ प्रशासन की रोक।

चंडीगढ़, जेएनएन। शहर के बिजली विभाग के निजीकरण पर चंडीगढ़ प्रशासन ने फिलहाल रोक लगा दी है। इससे पहले यूटी इलेक्ट्रिसिटी इप्लाइज यूनियन ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट से स्टे लेकर इलेक्ट्रिसिटी प्राइवेटाइजेशन पर रोक लगाई थी। लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन के हक में फैसला देकर बिजली विभाग के निजीकरण को मंजूरी दे दी थी।

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अब केंद्र सरकार की ओर से सभी केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर यूनिफार्म पॉलिसी तैयार की जा रही है। इस पाॅलिसी के तैयार होने तक प्रशासन ने इस फैसले पर रोक लगा दी है।

पिछले साल प्रशासन ने प्राइवेट कंपनियों से मांगे थे आवेदन

नौ नवंबर 2020 को चंडीगढ़ प्रशासन ने इलेक्ट्रिसिटी प्राइवेटाइजेशन को लेकर कंपनियों से आवेदन मांगे थे। लेकिन यूटी इलेक्ट्रिकल यूनियन की ओर से पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में एक दिसंबर 2020 को इस टेंडर प्रक्रिया के खिलाफ याचिका दायर कर स्टे लिया था। हाई कोर्ट में यूनियन की ओर से इलेक्ट्रिसिटी एक्ट-2003 के सेक्शन-131 के तहत बिजली विभाग के 100 फीसद शेयर प्राइवेट कंपनी को ट्रांसफर करने के लिए खिलाफ याचिका दायर की गई थी। लेकिन हाई कोर्ट के स्टे पर प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर 14 जनवरी 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए प्रशासन को बिजली विभाग के निजीकरण के टेंडर प्रक्रिया को मंजूरी दे दी थी।

रिलांयस, टाटा और अडानी जैसे कई कंपनियों ने किया था आवेदन

चंडीगढ़ बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर प्रशासन की ओर से जारी टेंडर प्रक्रिया में कई बड़ी कंपनियों और प्राइवेट प्लेयर ने आवेदन किया है। इमसें टाटा ग्रुप, रिलांयस, अडानी, स्टेरलाइट पावर, रीन्यू विंग एनर्जी सहित 20 से अधिक प्राइवेट कंपनियों ने आवेदन किया है। लेकिन अब केंद्र सरकार की नई पॉलिसी आने तक बिजली विभाग के प्राइवेटाइजेश प्रोसेस पर ब्रेक लग गई है।

केंद्र सरकार की ओर से सभी केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली के प्राइवेटाइजेशन को लेकर नई पॉलिसी बनाई जा रही है। जब तक नई पॉलिसी की गाइडलाइंस नहीं आ जाती, तब तक प्राइवेटाइजेशन को लेकर टेंडर प्रक्रिया रोक दी गई है। नई पॉलिसी आने के बाद नए सिरे से प्रशासन इस पर विभागीय कार्रवाई शुरू करेगा।

                                                                                           -मनोज परिदा, एडवाइजर, चंडीगढ़ प्रशासन


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