जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब में नई आबकारी नीति लागू होते ही अब शराब तस्करी का खेल भी बदल गया है। पंजाब की नई एक्साइज पालिसी की वजह से पंजाब में चंडीगढ़ के मुकाबले शराब सस्ती हो गई है। पहले चंडीगढ़ में जब शराब सस्ती होती थी तो चंडीगढ़ की शराब पंजाब और हरियाणा समेत अन्य राज्यों में गैर कानूनी ढंग से पहुंचाई जाती थी।
चंडीगढ़ से सबसे ज्यादा शराब की तस्करी पंजाब के लिए होती थी। लेकिन अब शराब माफियों ने अपना तरीका ही बदल दिया है। चंडीगढ़ के पड़ोसी राज्य पंजाब में शराब सस्ती होते ही अब पंजाब से हरियाणा और चंडीगढ़ में शराब की तस्करी शुरू हो गई है। पिछले दिनों कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।
शराब तस्करी को रोकने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने प्लान बी तैयार किया है। इसके तहत पंजाब के गवर्नर व चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित के सलाहकार धर्मपाल ने यूटी एक्साइज डिपार्टमेंट के एईटीसी को नोडल आफिसर बनाया है। यूटी के एईटीसी को नोडल आफिसर इसलिए बनाया गया है ताकि वह पंजाब और हरियाणा के एईटीसी के साथ मिलकर शराब तस्करी को रोकने का ठोस एक्शन प्लान बनाए।
बुधवार को एडवाइजर धर्मपाल की अध्यक्षता में पंजाब और हरियाणा के आबकारी विभाग के अधिकारियों के साथ शराब तस्करी को रोकने के मुद्दे पर बैठक हुई।इस बैठक में पंजाब के कर विभाग के वित्तीय आयुक्त अजोय शर्मा, यूटी के गृह सचिव नितिन कुमार यादव, वित्त सचिव विजय नामदेव राव जैदी, डीसी विनय प्रताप सिंह, पंजाब के अतिरिक्त आबकारी आयुक्त संदीप रिषि, पंजाब के ला एंड आर्डर के एआइजी एचएस भुल्लर, हरियाणा के ला एंड आर्डर के डीआइजी ओपी नारवाल और चंडीगढ़ के एसएसपी कुलदीप सिंह चहल मौजूद थे।
अब चंडीगढ़ के एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर बढ़ेगा पहरा
शराब तस्करी को रोकने के लिए एडवाइजर ने पंजाब और हरियाणा से चंडीगढ़ को जुड़ते सभी एंट्री व एग्जिट प्वाइंट पर पहरा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए एईटीसी को यूटी आबकारी विभाग के ईटीओ, इंस्पेक्टर के अलावा चंडीगढ़ पुलिस की मदद लेने के लिए निर्देश दिए हैं। इसके लिए शहर के हर जोन की अलग टीम बनाने के लिए भी कहा है, ताकि शराब तस्करों पर नकेल कसी जा सके।