बलवान करिवाल, चंडीगढ़। चंडीगढ़ के क्रिएटर ली कार्बूजिए ने इस शहर को गढ़ते समय हर छोटी से छोटी चीज का ख्याल रखा। उस समय शहर में वाहनों की संख्या न के बराबर थी। बावजूद उसके उन्होंने 50 साल बाद की कल्पना करते हुए चौड़ी सड़कें बनाई और हर क्रॉसिंग पर राउंडअबाउट (चौहारे) तैयार कराए। इनका उद्देश्य यह था कि कोई भी वाहन अगर स्पीड से आएगा तो वह अभी सामने वाले वाहन से क्रॉसिंग पर टकराएगा नहीं। बीच में राउंडअबाउट होने से बड़ा हादसा टल जाएगा। मौत की संभावना न के बराबर रहेगी। ट्रैफिक फ्री फ्लो रहेगा। अपने आप निर्बाध रूप से चलता रहेगा।

बावजूद यूटी प्रशासन ने वाहनों की संख्या बढ़ने पर इस कान्सेप्ट को समय के हिसाब से अपग्रेड करने की बजाए इन राउंडअबाउट हटाना शुरू कर दिया। एक-एक कर कई राउंडअबाउट हटा दिए गए। इससे ओवरस्पीड वाहन क्रॉसिंग पर दूसरे वाहनों से इस कदर टकराने लगे कि क्रैश तक होने लगे। हादसों में सबसे ज्यादा मौत साइकिल और पैदल यात्रियों की होने लगी। उन्हें रोड क्रॉस करना मुश्किल हो गया। इसी को देखते हुए अब प्रशासन ने दोबारा से भूल सुधार करते हुए राउंडअबाउट सभी जगह दोबारा बनाने शुरू कर दिए हैं।

यहां बनेंगे राउंडअबाउट
मध्य मार्ग पर तीन प्रमुख चौक ट्रांसपोर्ट लाइट प्वाइंट, कलाग्राम लाइट प्वाइंट और हाउसिंग बोर्ड लाइट प्वाइंट कालका रोड पर राउंडअबाउट बनाए जाएंगे। इनकी ड्राइंग डिजाइन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने टेंडर भी जारी कर दिया है। 66 लाख 17 हजार की अनुमानित राशि का टेंडर चुनाव आचार सहिंता लागू होने से पहले जारी कर दिए गए थे। दो महीने में यह काम पूरा करना होगा।
अब इन राउंडअबाउट को ऐसे किया जाएगा अपग्रेड
अब जिन लाइट प्वाइंट पर राउंडअबाउट बनेंगे यह पहले से बने राउंडअबाउट से अलग होंगे। इन्हें टेबल टॉप कहा जाता है। यह पहले से बने राउंडअबाउट की तरह ऊंचे नहीं होंगे। चारों तरफ रोड से कुछ ऊंचाई पर होंगे। लेकिन पहले जितने ऊंचे नहीं होंगे। पंचकूला ने भी इसी तर्ज पर राउंडअबाउट की हाइट कम की है। साइकिलिस्ट और पेडेस्ट्रेयन के गुजरने के लिए सुरक्षित रास्ता होगा। हल्लोमाजरा के राउंडअबाउट को भी चारों तरफ से खुदाई कर नीचे किया गया है। सेक्टर-26 राउंडअबाउट के लिए भी पहले डिजाइन तैयार किया गया था यह टेबल टॉप काफी हद तक ऐसा होगा।
यह रही दोबारा बनाने की मुख्य वजह
राउंडअबाउट होने से वाहन स्पीड से भी आता है तो सीधे दूसरी ओर से आ रहे वाहन से टकराने की संभावना कम रहती है। खासकर पैदल और साइकिल सवार को निकलना आसान होता है। लेकिन इन्हें हटाकर ट्रैफिक सिग्नल लगाने से अब वाहन तेजी से आते हैं वह कई बार सामने गुजर रहे वाहन से इस तरह से टकराते हैं कि बड़ा हादस हो जाता है। इससे कई मौत हो चुकी हैं। खासकर पैदल और साइकिल सवार की जान को खतरा अधिक होता है। इन बेलगाम वाहनों की स्पीड कम करने के लिए ही राउंडअबाउट दोबारा बनाने की जरूरत समझी गई।
इन सभी राउंडअबाउट को हटाया
प्रशासन ट्रैफिक दबाव के नाम पर पहले सेक्टर 18-17, 8-9 और सेक्टर 26-28 ट्रांसपोर्ट राउंड अबाउट को तोड़कर ट्रैफिक लाइट लगवा चुका है। हाउसिग बोर्ड राउंडअबाउट को सबसे पहले तोड़ा गया था। वी-4 रोड से एक सेक्टर को दूसरे से जोड़ने वाले सेक्टर-44-43, 34-35, 52-44 जैसे राउंडअबाउट को भी हटाया जा चुका है। ट्राईसिटी कोऑर्डिनेशन कमेटी की मीटिग में हरियाणा ट्रिब्यून राउंड अबाउट को हटाने का सुझाव भी दे चुका है।
पुलिस के मना करने के बाद भी हटाए
ट्रैफिक पुलिस ने स्टेट रोड सेफ्टी काउंसिल को भेजे एजेंडा में सभी क्रैश प्रोन लोकेशन पर राउंडअबाउट फिर से बनाने का सुझाव दिया था। पुलिस ने पैदल यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए राउंडअबाउट को जरूरी बताया था। इससे पहले भी ट्रैफिक पुलिस राउंडअबाउट हटाए जाने के पक्ष में नहीं रही है।