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'बहुत हुई राजनीति, मवेशियों के संस्कार प्लांट पर टॉस करके फैसला कर लो'

मवेशियों के संस्कार का प्लांट लगाने के प्रस्ताव पास करने के मामले में कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों के बीच खूब राजनीति हो रही है। घंटो चर्चा के बाद भी कोई हल नहीं निकल पा रहा।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 03:32 PM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 03:32 PM (IST)
'बहुत हुई राजनीति, मवेशियों के संस्कार प्लांट पर टॉस करके फैसला कर लो'
'बहुत हुई राजनीति, मवेशियों के संस्कार प्लांट पर टॉस करके फैसला कर लो'

चंडीगढ़, [राजेश ढल्ल]। नगर निगम की 31 अगस्त को होने वाली सदन की बैठक में मरे हुए मवेशियों के संस्कार का प्लांट लगाने के प्रस्ताव पास करने के मामले में कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों के बीच खूब राजनीति हुई। एक घंटे की चर्चा के बाद जब कोई हल न निकला तो मनोनीत पार्षद एमएस कांडल ने सुझाव दिया कि इस मामले में टॉस कर लिया जाए। टॉस करके तय कर लिया जाए कि प्लांट डड्डूमाजरा में लगे या औद्योगिक क्षेत्र में। यह सुनते हुए कांग्रेस पार्षद सतीश कैंथ भड़क गए। उन्होंने कहा कि क्या नगर निगम अब टॉस से चलाई जाएगी। कैंथ ने कहा कि अब क्या भविष्य में हर प्रस्ताव टॉस से ही पास किए जाएंगे। जबकि इस प्रस्ताव पर चुटकी लेते हुए भाजपा पार्षद महेश इंद्र सिद्धू ने कहा कि यह प्लांट पंजाब व हरियाणा सीएम हाउस के सामने खाली पड़ी जगह पर लगा दिया जाए।

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खबर देने वालों को इनाम

कोरोना काल में भाजपा और कांग्रेस राजनीति करते हुए एक दूसरे पर आरोप लगाने में पीछे नहीं हैं। ऐसे में सांसद द्वारा शहरवासियों से दूरी बनाए रखने पर कांग्रेस ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस ने एक वीडियो वायरल किया, जिसमें खेर की तस्वीरें डालकर एक गाना भी शामिल किया गया है। वीडियो में कहा गया है कि खेर कहीं पर खो गई हैं और वीडियो पर यह भी लिखा है कि सांसद किरण खेर जी एक काम करो कुर्सी छोड़ो आराम करो..। वीडियो पर व्यंग्य करते हुए यह भी लिखा गया है कि शारीरिक दूरी बनाए रखने का अवॉर्ड सांसद किरण खेर को जाता है। खेर की खबर देने वालों को इनाम दिया जाएगा। जबकि भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस के पवन बंसल भी शहर में कहां दिखते हैं। जबकि भाजपा अध्यक्ष भी कहा चुके हैं कि डॉक्टरों की सलाह पर ही सांसद किरण खेर घर से ही काम कर रही हैं।

चेयरमैन पद का हो सम्मान

नगर निगम के पूर्व मेयर राजेश कालिया पिछले सप्ताह उस समय भड़क गए जब वह ट्रैफिक एडवाइजरी कमेटी की बैठक में चेयरमैन के तौर पर भाग लेने के लिए पहुंचे थे। लेकिन चेयरमैन कालिया के आने पर पहले से बैठे डीएसपी और पुलिस अधिकारी चेयरमैन के सम्मान में नहीं उठे और अपनी कुर्सियों में बैठे रहे। इस पर कालिया भड़क गए। कालिया ने कहा कि राजेश का नहीं लेकिन चेयरमैन की कुर्सी का सम्मान जरूर होना चाहिए। जिन्हें बाद में एसएसपी ने शांत किया लेकिन पूर्व मेयर राजेश कालिया कहां मानने वाले थे उन्होंने बैठक के बाद इस मामले की जानकारी और पुलिस कर्मचारियों के इस व्यवहार की जानकारी डीजीपी को भी दी। राजेश कालिया को दूसरी बार लगातार प्रशासन ने ट्रैफिक एडवाइजरी कमेटी का चेयरमैन बनाया है। कालिया ने इस बैठक में भी कहा कि नाकों पर ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों का पब्लिक के प्रति व्यवहार ठीक नहीं होता है।

प्रेस नोट की राजनीति

इस समय वित्तीय संकट होने के कारण नगर निगम के सभी काम ठप हैं। ऐसे में अब पार्षदों और राजनीतिक दलों के बीच प्रेस नोट राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार बता रही है और भाजपा वित्तीय संकट और आय के साधन न बढ़ाने के लिए कांग्रेस के पिछले 15 साल के कार्यकाल को जिम्मेदार बता रही है। ऐसे में अब दलों के नेताओं और पार्षदों के बीच प्रेस नोट की राजनीति शुरू हो गई है। वित्तीय संकट का मामला हो या स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ने या फिर सेक्टर-25 के श्मशानघाट में जानवरों के संस्कार का प्लांट लगाने का मामला हो, कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा, कांग्रेस नेता देवेंद्र सिंह बबला, शीला देवी, महिला कांग्रेस अध्यक्ष दीपा दूबे सभी ने भाजपा मेयर, सांसद और नेताओं पर ठिकरा फोड़ा। जबकि एमसी में भी इन दिनों काम के नहीं सिर्फ कर्मचारियों और सगठनों को प्रशस्ति पत्र जारी हो रहे हैं।


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