बच्चों के शोर से सूने पड़े चंडीगढ़ के स्कूल चंदन की महक से होंगे गुलजार
चंडीगढ़ के स्कूल चंदन की खुशबू से महकने को तैयार हैं। बता दें कि शहर के सरकारी स्कूलों में चंदन वाटिका स्थापित की जा रही हैं। इस काम में आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष प्रेम गर्ग टीचर्स का सहयोग कर रहे हैं।
चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। कोरोना महामारी (Coronavirus) ने स्कूलों (Schools) को बच्चों के शोर से महरूम कर दिया है, लेकिन शहर के स्कूल अब चंदन (Sandalwood) की खूशबू से महकने के लिए तैयार हो रहे हैं। कोरोना काल में स्कूल बंद होने से स्टूडेंट्स (Students) तो नहीं आए लेकिन टीचर्स (Teachers) का स्कूल आना जाना लगा रहा। स्टूडेंट्स को ऑनलाइन पढ़ाई (Online Study) कराने के साथ टीचर्स ने अलग-अलग एक्टीविटी करके चंदन वाटिका तैयार की है।
शहर के सरकारी स्कूल इन दिनों बेहतर से बेहतर चंदन वाटिका को बनाने में जुटे हैं और इस काम में उनका सहयोग कर रहे हैं आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष प्रेम गर्ग। प्रेम गर्ग स्कूूलों में उनकी जरूरत के अनुसार चंदन के पौधे उपलब्ध करवा रहे हैं। पौधे लगाने के बाद उनकी संभाल की जिम्मेदारी स्कूल स्टाफ को दी जा रही है। इसकी शुरुआत तीन नवंबर काे गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेेकेंडरी स्कूल सेक्टर-21 से हुई। इसके बाद गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-22, 35, 44 और करसान के स्कूल में चंदन वाटिका को स्थापित किया जा चुका है।
ये हैं चंदन के फायदे
चंदन की महक बहुत तेज होती है। यह एक औषधि वाला पौधा है। इसकी लकड़ी के बुरादे और रस को ब्यूटी प्रोडेक्ट् बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल शिव मंदिरों में तिलक लगाने के लिए किया जाता है। मान्यता है कि इस लगाने से शरीर को ठंडक मिलती है। हिंदू धर्म मान्यता के अनुसार अंतिम संस्कार के समय भी चंदन की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है।
मसूरी से मंगवाए थे 10 हजार पौधे
चंदन के पौधे डोनेट करने करने वाले प्रेम गर्ग ने बताया कि दान को हमेशा बेहतर माना जाता है। चंदन का पौधा महक देने के साथ औषधि के तौर पर भी इस्तेमाल होता है और सबसे बड़ी बात कि इसका इस्तेमाल हिंदू धर्म में अंतिम संस्कार में भी किया जाता है। यह लकड़ी उस समय मार्केट में बहुत ज्यादा महंगी मिलती है क्योंकि उत्तर भारत में चंदन उगाया नहीं जाता है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि संस्कार के लिए दान किए गए सामान का पुण्य आम दान से कई गुणा ज्यादा होता है। इसलिए मैंने मसूरी से दस हजार पौधे मंगवाएं थे, जिन्हें लगवाने के काम पूरा हो चुका है। शहर के स्कूलों के अलावा पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज फॉर गर्ल्स सेक्टर-42, निट्टर सेक्टर-26 सहित शहर के विभिन्न सनातन धर्म मंदिरों में इसका रोपण हो चुका है।