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गुटबाजी के बीच अनुबंध कमेटी के सदस्यों का चयन कालिया के लिए चुनौती

राजेश कालिया के सामने पहली चुनौती आ गई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 10:42 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 10:42 PM (IST)
गुटबाजी के बीच अनुबंध कमेटी के सदस्यों का चयन कालिया के लिए चुनौती
गुटबाजी के बीच अनुबंध कमेटी के सदस्यों का चयन कालिया के लिए चुनौती

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : मेयर का पद संभालते ही राजेश कालिया के सामने पहली चुनौती आ गई है। नगर निगम की वित्त एवं अनुबंध कमेटी का चुनाव इस माह होने वाली पहली सदन की बैठक में होगा। मेयर राजेश कालिया ने पहली सदन की बैठक की तारीख 30 जनवरी को तय कर दी है। यह नगर निगम की अहम कमेटी है, जिसमें हर कोई पार्षद सदस्य बनना चाहता है। ऐसे में अब यह देखना होगा कि किस-किस पार्षद को कालिया की ओर से उम्मीदवार बनाया जाता है। 5 सदस्यों में से एक सदस्य कांग्रेस पार्टी के लिए छोड़ा जाएगा। सहमति न बनने पर एक बार फिर से गुटबाजी सामने आ सकती है, क्योंकि अनुबंध कमेटी में टंडन के अलावा खेर गुट के पार्षद भी सदस्यता चाहते हैं। चुनाव की स्थिति में हर सदस्य को चाहिए 5 वोट

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चुनाव होने की स्थिति में हर सदस्य को कम से कम 5 मतों की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में अब अगर भाजपा की क्रॉस वो¨टग हुई, तो कालिया की काफी किरकिरी होगी। नगर निगम के कुल 26 पार्षद हैं। वित्त एवं अनुबंध कमेटी में पूर्व मेयर अरुण सूद का जाना तय माना जा रहा है। बाकी सदस्यों के नाम पर मंथन शुरू हो गया है। कालिया की ओर से सांसद किरण खेर और भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन की सहमति के बाद उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी। नगर निगम का बजट यह कमेटी ही तय करती है। कैंथ या दलीप शर्मा में से भी नामांकन भरा जाएगा

अभी भाजपा से बागी होकर मेयर का चुनाव लड़ने वाले सतीश कैंथ ने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। कैंथ का कहना है कि या तो वह नामांकन भरेंगे या फिर निर्दलीय पार्षद दलीप शर्मा अनुबंध कमेटी के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करेंगे। कैंथ का कहना है कि उनके पास खोने के लिए कुछ नहीं है। साल 2017 में हीरा नेगी हार गई थी

साल 2017 में भाजपा ने कांग्रेस के लिए एक सीट भी नहीं छोड़ी थी, जिसके बाद कांग्रेस की ओर से देवेंद्र ¨सह बबला ने नामांकन भर दिया गया। उस समय अनुबंध कमेटी की 5 सीटों के लिए छह उम्मीदवार मैदान में थे। मनोनीत के पास भी वो¨टग का राइट था, लेकिन भाजपा के अपने पार्षदों ने ही क्रॉस वो¨टग करते हुए हीरा नेगी को अनुबंध कमेटी के चुनाव से हरवा दिया था। उसके बाद भाजपा ने सबक लेते हुए साल 2018 में एक सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दी। हालांकि कांग्रेस के नगर निगम में 4 पार्षद हैं। चुनाव होने की स्थिति में हर सदस्य को कम से कम 5 वोटों की जरूरत पड़ती है। डेढ़ घंटे तक कमिश्नर के साथ की बैठक

सोमवार को अपने कार्यालय में मेयर राजेश कालिया ने कमिश्नर केके यादव के साथ डेढ़ घंटे तक बैठक की। इस दौरान यह भी तय हुआ कि 24 जनवरी को मेयर कालिया कजौली वाटर व‌र्क्स के पांचवें और छठे फेज के चल रहे काम को देखने के लिए जाएंगे। मालूम हो कि इन दोनों फेज से शहर को 29 एमजीडी पानी मिलना है। जबकि 23 जनवरी को मेयर सभी पार्षदों के साथ गवर्नर हाउस में प्रशासक के साथ बैठक करने के लिए जा रहे हैं।


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