सांसद खेर की बंसल को चुनौती : अकेले आ जाएं, पता लग जाएगा कितना है दम
शहर के लोगों के वाट्सएप ग्रुपों में भाजपा की एक जनसभा में खाली कुर्सियों का वीडियो वायरल करने पर सांसद किरण खेर का गुस्सा कांग्रेस और उसके उम्मीदवार पवन बंसल पर फूटा है।
By Edited By: Published: Fri, 10 May 2019 11:01 PM (IST)Updated: Sat, 11 May 2019 03:52 PM (IST)
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। शहर के लोगों के वाट्सएप ग्रुपों में भाजपा की एक जनसभा में खाली कुर्सियों का वीडियो वायरल करने पर सांसद किरण खेर का गुस्सा कांग्रेस और उसके उम्मीदवार पवन बंसल पर फूटा है। खेर ने शुक्रवार को अपने फेसबुक अकाउंट पर एक वीडियो बनाकर डाला है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार पवन बंसल को चुनौती देते हुए कहा कि वे अकेले शहर में किसी भी जगह आ जाइए, आपको पता लग जाएगा कि भीड़ किसके साथ ज्यादा होती है। उन्होंने पांच साल शहर में रहकर इतने काम करवाए हैं कि बंसल अपने 15 साल में भी नहीं करवा पाए। यह चुनाव उनके पांच साल और बंसल के 15 साल बनाम बन गया है। बंसल के कार्यकाल का शहरवासियों को एक काम भी याद नहीं है। बंसल पीआर कंपनी द्वारा यह अफवाह फैला रहे हैं कि उनकी रैली में कोई नहीं आता है। इस तरह की हरकतें करने में कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए। कांग्रेस अपना चुनाव पीआर कंपनी द्वारा लड़ा रही है।
खेर ने कहा कि एक सभा का आयोजन चार बजे था, लेकिन वे उस कार्यक्रम में पहले पहुंच गई। जिसकी खाली कुर्सियों का वीडियो बना लिया गया। खेर ने इस वीडियो में एक टैब में उस सभा की तस्वीर भी दिखाई है। कहा कि उसके बाद इस तरह से लोगों की भीड़ थी। पीआर कंपनी से चुनाव नहीं जीता जा सकता है। चंडीगढ़ का चुनाव वे जीतने जा रही हैं, क्योंकि उन्होंने काम किए हैं।
बंसल काफी अमीर हैं, पीआर कंपनियों को हायर कर सकते हैं
खेर ने दावा किया कि उन्होंने काम किए हैं, लेकिन बंसल दिल्ली में शहर से पांच साल तक गायब रहे। उन्हें पता है कि वे काफी अमीर हैं और बड़ी-बड़ी पीआर कंपनियां हायर कर सकते हैं, लेकिन चुनाव अपने कामों से जमीन पर लड़ा जाता है। खेर ने अंत में कहा कि 23 मई की तारीख याद रखिए, वह और भाजपा भारी मतों से जीतने जा रही है।
बौखला गई हैं खेर, खुद की असफलता पर कांग्रेस को बता रही हैं जिम्मेदार
कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा का कहना है कि सांसद किरण खेर बौखला गई हैं, क्योंकि वह अपने कार्यक्रम और जनसभाओं में भीड़ नहीं जुटा पा रही हैं, जिसका गुस्सा कांग्रेस पर निकाल रही है। अगर खेर ने काम किए होते तो उनकी सभाओं में भीड़ जुटती। भाजपा के अपने नेता मान रहे हैं कि खेर चुनाव हार रही हैं। पवन बंसल की जीत तय हो चुकी है, अब सिर्फ मार्जिन की लड़ाई चल रही है। भाजपा गुटबाजी की शिकार, उनके नेता खुद नहीं चाहते खेर जीते ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य एवं पूर्व मेयर सुभाष चावला का आरोप है कि स्थानीय भाजपा के नेता खुद भी नहीं चाहते हैं कि किरण खेर चुनाव जीतें, क्योंकि उनकी पार्टी मे भारी गुटबाजी है। स्थानीय भाजपा की गुटबाजी किसी ने नहीं छिपी है। भाजपा के खुद के कार्यकर्ता सांसद की कारगुजारी से संतुष्ट नहीं हैं, इसलिए उनकी पार्टी से सबसे ज्यादा लोग छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
खेर ने कहा कि एक सभा का आयोजन चार बजे था, लेकिन वे उस कार्यक्रम में पहले पहुंच गई। जिसकी खाली कुर्सियों का वीडियो बना लिया गया। खेर ने इस वीडियो में एक टैब में उस सभा की तस्वीर भी दिखाई है। कहा कि उसके बाद इस तरह से लोगों की भीड़ थी। पीआर कंपनी से चुनाव नहीं जीता जा सकता है। चंडीगढ़ का चुनाव वे जीतने जा रही हैं, क्योंकि उन्होंने काम किए हैं।
बंसल काफी अमीर हैं, पीआर कंपनियों को हायर कर सकते हैं
खेर ने दावा किया कि उन्होंने काम किए हैं, लेकिन बंसल दिल्ली में शहर से पांच साल तक गायब रहे। उन्हें पता है कि वे काफी अमीर हैं और बड़ी-बड़ी पीआर कंपनियां हायर कर सकते हैं, लेकिन चुनाव अपने कामों से जमीन पर लड़ा जाता है। खेर ने अंत में कहा कि 23 मई की तारीख याद रखिए, वह और भाजपा भारी मतों से जीतने जा रही है।
बौखला गई हैं खेर, खुद की असफलता पर कांग्रेस को बता रही हैं जिम्मेदार
कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा का कहना है कि सांसद किरण खेर बौखला गई हैं, क्योंकि वह अपने कार्यक्रम और जनसभाओं में भीड़ नहीं जुटा पा रही हैं, जिसका गुस्सा कांग्रेस पर निकाल रही है। अगर खेर ने काम किए होते तो उनकी सभाओं में भीड़ जुटती। भाजपा के अपने नेता मान रहे हैं कि खेर चुनाव हार रही हैं। पवन बंसल की जीत तय हो चुकी है, अब सिर्फ मार्जिन की लड़ाई चल रही है। भाजपा गुटबाजी की शिकार, उनके नेता खुद नहीं चाहते खेर जीते ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य एवं पूर्व मेयर सुभाष चावला का आरोप है कि स्थानीय भाजपा के नेता खुद भी नहीं चाहते हैं कि किरण खेर चुनाव जीतें, क्योंकि उनकी पार्टी मे भारी गुटबाजी है। स्थानीय भाजपा की गुटबाजी किसी ने नहीं छिपी है। भाजपा के खुद के कार्यकर्ता सांसद की कारगुजारी से संतुष्ट नहीं हैं, इसलिए उनकी पार्टी से सबसे ज्यादा लोग छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
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