Chandigarh: केंद्र ने पंजाब सरकार से किया सवाल, फसल बर्बाद होने पर मंडियों में कहां से आ रहा है इतना अनाज
केंद्र सरकार ने सवाल किया है कि मंडियों में भारी ओलावृष्टि और बारिश के बावजूद 125 लाख टन गेहूं कहां से आ रहा है। दरअसल पंजाब सरकार ने राज्य में ओलावृष्टि और बारिश के कारण 95 हजार हेक्टेयर में फसल खराब होने की रिपोर्ट भेजी थी।
चंडीगढ़, इन्द्रप्रीत सिंह। केंद्र सरकार ने मंडियों में भारी ओलावृष्टि और बारिश के बावजूद 125 लाख टन गेहूं के आने को लेकर सवाल किया है। सरकार की तरफ से पूछा गया है कि इतनी फसल मंडियों में आखिर कैसे आ गई। केंद्र की ओर से मौखिक तौर पर पूछे गए इस सवाल का जवाब तैयार करने में कृषि और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी जुटे हुए हैं।
केंद्र सरकार की ओर से इस तरह का सवाल उठाने का एक कारण ये भी माना जा रहा है कि पंजाब सरकार ने राज्य में ओलावृष्टि और बारिश के कारण 95 हजार हेक्टेयर में फसल खराब होने की रिपोर्ट भेजी थी। ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि फसल खराब होने के बाद मंडियों में इतना अनाज कैसे आ रहा है।
आपदा फंड में गड़बड़ी की आशंका
ऐसे में ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि देहाती विकास फंड का 3600 करोड़ रोकने के बाद क्या अब केंद्र सरकार को आशंका है कि गेहूं की बर्बाद हुई फसल के लिए दिए गए आपदा फंड में कुछ गड़बड़ है। कृषि विभाग ने पूरे पंजाब में तीन सौ किसानों और 2,331 खेतों पर जो प्रयोग किया है उसमें यह निकलकर सामने आया है कि पंजाब की औसत पैदावार इस साल 47.25 क्विंटल प्रति एकड़ है, जिसे अच्छी पैदावार के रूप में देखा जाता है।
पहली बार फसल ज्यादा आने पर सरकार ने पूछा सवाल
हालांकि, विभाग के निदेशक गुरिंदरजीत सिंह का मानना है कि अगर ओलावृष्टि और बारिश न होती तो ये आंकड़ा 51 क्विंटल प्रति एकड़ को भी छू सकता था। जो एक बार फिर से रिकॉर्ड पैदावार के बराबर होता। वहीं, पंजाब के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि फसल कम आने पर तो कई बार केंद्र की ओर से कारण पूछे जाते हैं लेकिन अच्छी पैदावार मंडियों में आने पर सवाल कभी नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि लगता है कि केंद्र सरकार को यह आशंका है कि कहीं कुदरती आपदा फंड को बांटने में गड़बड़ तो नहीं।
ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि राज्य में प्रति एकड़ उपज औसत कम नहीं हुई। अगर कम नहीं हुई तो बर्बाद कहां पर हुई। उन्होंने बताया कि पंजाब में कुल 165 लाख टन के करीब पैदावार होती है जिसमें से 35 लाख टन किसान अपने पास रखते हैं जो उनकी अपनी खपत, लेकर और बीज के लिए होती है लेकिन इस बार ओलावृष्टि के कारण किसानों ने ज्यादा फसल नहीं रखी है और केवल साफ-साफ फसल ही रखी है।
इसलिए भी मंडियों में आने वाली फसल 125 लाख टन के करीब पहुंची है। गौरतलब है कि पंजाब में ओलावृष्टि और बारिश से 95 हजार हेक्टेयर में फसल खराब की रिपोर्ट भेजी गई थी।