पाकिस्तान में कैद सभी को वापस लाने का प्रयास कर रहा केंद्र
केंद्र सरकार ने कहा कि लाहौर की कोट लखपत जेल में नानक सिंह सहित 25 भारतीय कैदियों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार सभी प्रयास कर रही है।
जेएनएन, चंडीगढ़ : लाहौर की कोट लखपत जेल में नानक सिंह सहित 25 भारतीय कैदियों के मामले में केंद्र सरकार ने कहा कि सभी को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार सभी प्रयास कर रही है। जहां तक नानक सिंह की बात है, उसके मामले में पाकिस्तान सरकार कह चुकी है कि इस नाम का कोई व्यक्ति पाकिस्तान की किसी जेल में नहीं हैं। बावजूद इसके केंद्र सरकार इस दिशा में अपनी ओर से हरसंभव प्रयास कर रही हैं।
केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया सत्यपाल जैन की ओर से दी गई इस जानकारी पर हाईकोर्ट ने कहा कि जब इस मामले में कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पा रही है और केंद्र सरकार पूरा प्रयास कर रही है तो इस याचिका को अब जारी रखने की कोई जरुरत नहीं।
इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि अगर इस याचिका का अभी निपटारा कर दिया गया तो केंद्र सरकार इस दिशा में आगे कार्यवाही नहीं करेगी। इस पर सत्यपाल जैन ने कहा कि कार्यवाही जारी रहेगी और अगर इस दौरान याचिकाकर्ता को नानक सिंह का कोई भी सुराग मिलता है तो वे खुद उनसे मिल सकते हैं। वह इस मामले को केंद्रीय विदेश मंत्रालय के सामने रखेंगे।
हाई कोर्ट ने कहा कि जब केंद्र सरकार ऐसा आश्वासन दे रही है तो इस याचिका का यहीं निपटारा किया जा सकता हैं। बावजूद इसके अगर याचिकाकर्ता को कोई जानकारी मिलती हैं तो दोबारा याचिका दायर कर सकता हैं। इसकी हाईकोर्ट याचिकाकर्ता को छूट देती है। इन्ही निर्देशों के साथ हाई कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया।
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यह है मामला
फाजिल्का के स्वर्ण सिंह ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर बताया कि अजनाला का एक गांव पाकिस्तान सीमा से सटा हुआ है। इस गांव के एक गरीब परिवार का 5 वर्षीय बेटा नानक वर्ष 1984 में एक दिन पशुओं को चराते हुए गलती से पाकिस्तान चला गया था। अब वह 37 वर्ष का हो गया होगा और बिना किसी जुर्म के पाकिस्तान की जेल बंद हैं।
याचिकाकर्ता ने केंद्र और राज्य सरकार से गुहार लगाते हुए बेटे को पाकिस्तान से भारत लाने की मांग की है, लेकिन अब तक वतन वापसी नहीं हो पाई है। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बच्चे को वापस भारत लाने की मांग की है। हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र व पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।