केंद्र ने पंजाब को दी RDF राशि, पर यह रखी शर्त- किसान कर्ज माफी पर न करे यह पैसा खर्च
केंद्र सरकार ने पंजाब को ग्रामीण विकास फंड की राशि जारी कर दी है लेकिन इसके लिए शर्त भी रखी गई है। केंद्र ने कहा कि पंजाब इस राशि का उपयोग किसान कर्ज माफी में नहीं कर सकता है। पंजाब सरकार ने इसका प्रावधान किया था।
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। पंजाब सरकार भविष्य में किसानों और खेतिहर श्रमिकों का कर्ज माफ करने के लिए ग्रामीण विकास फंड (आरडीएफ) का उपयोग नहीं कर पाएगी। यह आश्वासन पंजाब सरकार की ओर से केंद्र को जुबानी नहीं चाहिए, बल्कि विधानसभा में एक संशोधन बिल लाकर उसे धान के इस सीजन से पहले इसे पास करवाना होगा। 22 जुलाई को पिछले एक साल से रुका हुआ आरडीएफ जारी करते हुए जो पत्र राज्य सरकार को लिखा है, उसमें कहा गया है कि सरकार एक्ट में संशोधन करे कि यह पैसा किसानों की कर्ज माफी समेत उन मदों पर खर्च नहीं किया जा सकता, जिसके लिए यह फंड बनाया गया है।
गौरतलब है कि 2017 में पंजाब के किसानों व श्रमिकों से कर्ज माफी के वादे को पूरा करने के लिए कैप्टन सरकार ने आरडीएफ के एक्ट में संशोधन करते हुए प्रविधान किया था कि कर्ज माफी पर इसे खर्च किया जा सकता है। साथ ही आरडीएफ व मार्केट फीस दो-दो फीसद से बढ़ाकर तीन-तीन फीसद कर दिया है। इस राशि को बैंकों के पास गिरवी करके सरकार ने 6000 करोड़ रुपये का लोन लिया, जिसमें से 4650 करोड़ रुपये पांच एकड़ भूमि वाले किसानों का दो -दो लाख तक का कर्ज माफ कर दिया। श्रमिकों का कर्ज माफ करने का भी सरकार ने एलान कर दिया है। 20 अगस्त को राज्य स्तरीय कार्यक्रम रखकर इसे श्रमिकों को सर्टिफिकेट दिए जाएंगे।
2018 और 2019 के रबी और खरीफ के सीजन में केंद्र सरकार ने आरडीएफ की बढ़ी हुई राशि पंजाब को दी, लेकिन जैसे ही जून 2020 में केंद्र सरकार ने तीन कृषि अध्यादेश पारित किए, किसानों और पंजाब सरकार ने इसका विरोध कर दिया। केंद्र ने भी आंखें तरेर लीं। सबसे पहले उन्होंने पंजाब सरकार को गेहूं और धान की खरीद पर दिए जाने वाला आरडीएफ बंद कर दिया। सरकार की ओर से आपत्ति जताने पर एक फीसद दे दिया, लेकिन दो फीसद रोक दिया। दोनों सरकारों के बीच चली लंबी बहस के बाद यह तय हुआ है कि राज्य सरकार को अगर आरडीएफ लेना है, तो एक्ट में संशोधन करना होगा।
फंड न रोकने पर सहमत हुआ केंद्र
वित्तमंत्री मनप्रीत बादल और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के बीच अप्रैल में हुई बैठक में मनप्रीत ने यह आश्वासन दिया कि सरकार एक्ट में संशोधन कर देगी। चूंकि केंद्र सरकार की ओर से जो आरडीएफ रोका गया है, वह पिछले एक्ट के अधीन लगाया गया था। उसे रोकना ठीक नहीं है। केंद्र सरकार इस पर सहमत हो गई। केंद्र सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) को पंजाब के खाद्य एवं आपूर्ति व कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर संशोधन करवाने को कहा है।
22 जुलाई को जारी हुई थी रोकी हुई राशि
पंजाब के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सचिव राहुल तिवारी ने बताया कि इस पर बातचीत चल रही है। किन-किन मदों को हटाया जाएगा, यह भी तय नहीं हुआ है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 22 जुलाई को पंजाब के दो फसलों के रोका हुआ आरडीएफ जारी कर दिया है, जो लगभग 1500 करोड़ रुपये बनता है। इसके अलावा प्रशासनिक खर्चों और आढ़तियों का भी पैसा जारी कर दिया है।